वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद (Gyanvapi Masjid) और श्रृंगार गौरी केस में आज यानी 4 जुलाई को सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान मुस्लिम पक्ष ने अपनी दलील रखा. अब इस मामले में 12 जुलाई को अगली सुनवाई होगी.
दरअसल, केस सुनवाई लायक है या नहीं इस पर पर बहस चल रही थी. मुस्लिम पक्ष की दलीलें सुनने के बाद वाराणसी (Varanasi) जिला कोर्ट मामले में 12 जुलाई को अगली सुनवाई करेगा. बता दें, ज्ञानवापी परिसर में पूजा करने की अनुमति के लिए हिंदू महिलाओं ने याचिका दायर की है.
इस याचिका को चुनौती देने वाली अंजुमन इंतजामिया मस्जिद समिति का कहना है कि धार्मिक स्थलों की सुरक्षा के लिए पूजा स्थल (विशेष प्रावधान) अधिनियम, 1991 को दरकिनार कर ये सुनवाई हो रही है.
बता दें कि मई महीने में श्रृंगार गौरी दर्शन मामले में वाराणसी के सिविल जज ने ज्ञानवापी के पूरे परिसर की कमीशनिंग करवाई थी जिसके बाद वजुखाने में कथित शिवलिंग मिलने का मामला सामने आया था.
अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी के सचिव एसएम यासीन का दावा है की कोर्ट के आदेश पर हुए सर्वे के दौरान हिंदू समाज जिस शिवलिंग के मिलने का दावा कर रहा है, वह वास्तव में फव्वारा है. उन्होंने कहा कि अगर मुझे मौका मिलेगा तो मैं उस फव्वारे को चालू करके दिखा सकता हूं, जितने भी पुराने मस्जिद है वहां हौज होता है और हौज में फव्वारा होता है. इससे पानी की सफाई होती है और वह ठंडा भी रहता है.
इससे पहले 30 मई को जिला जज एके विश्वेश ने मामले की अगली सुनवाई 4 जुलाई को तय की थी.
क्या है पूरा मामला?
17 अगस्त 2021 को 5 महिलाओं ने ज्ञानवापी में श्रृंगार गौरी में पूजा को लेकर याचिका डाली थी. इस पर सिविल जज सीनियर डिविजन रवि कुमार दिवाकर ने कोर्ट कमिश्नर नियुक्त कर ज्ञानवापी का सर्वे कराने का आदेश दिया था.
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