वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद में सर्वे (Gyanvapi Masjid survey) का काम आज पूरा हो चुका है. पीएम के संसदीय क्षेत्र वाराणसी (Varanasi) में पिछले 10 दिनों से श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर (Kashi Vishwnath Mandir) और ज्ञानवापी मस्जिद प्रकरण पर पूरे देश की निगाहें हैं. हर कोई पल-पल की खबर पर निगाह लगाए बैठा है. कोर्ट के आदेश के बाद अधिवक्ता कमिश्नर की टीम ने शनिवार, रविवार और सोमवार को लगातार सर्वे और वीडियोग्राफी की.
इस रिपोर्ट में हम हर एक बात को विस्तार से बता रहे हैं. जिसको देश जानना चाहता है. तीसरे दिन की सर्वे समाप्ति के बाद हिंदू पक्ष की वादिनी लक्ष्मी देवी के पति सोहनलाल आर्य का दावा कि बाबा मिल गए. हालांकि प्रशासन और विपक्ष के वकील इसे उनकी व्यक्तिगत राय बता रहे हैं.
3 दिन के सर्वे में ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में क्या-क्या हुआ?
अधिवक्ता कमिश्नर की टीम और अंजुमन इंतजामिया कमेटी से जुड़े लोगों के साथ पुलिस और प्रशासन के करीब 50 लोग काशी विश्वनाथ धाम के गेट नंबर 4 से शनिवार 14 मई को अंदर गए. पहले दिन के सर्वे के दौरान तहखाने की नाप कराई गई. तहखाने में कुल 5 कमरे थे जिसमें 3 में सर्वे टीम आसानी से चली गई. चौथे और पांचवे कक्ष में मिट्टी भरी थी.
जिसको निकालने में समय लगने के कारण शनिवार की कार्रवाई समाप्त हो गई. अभी पूरी मिट्टी नहीं निकल पाई है. टीम ने शनिवार को सुबह 8 से दोपहर 12 बजे तय समय तक सर्वे वीडियोग्राफी कराई.
रविवार 15 मई को कमीशन की टीम समय सुबह 8 बजे गेट के अंदर चली गई. तहखाने के ठीक ऊपर के कमरों को खुलवाया गया। सर्वे के दौरान चार ताले खुले. अंदर की दीवारों को और मस्जिद के पश्चिमी छोर की दीवारों को सर्वे का मुख्य हिस्सा माना गया. इसके अलावा गुंबद और खंभों पर भी विशेष नजर रही. रविवार को टीम ने साढ़े 5 घंटे तक सर्वे किया. मस्जिद की छत पर लगभग 1 घंटे तक पूरी टीम रही.
हर चीज को बारीकी से परखा गया, ताकि कोई चूक न हो जाए। सोमवार 16 मई की सुबह टीम समय से गेट नंबर 4 नंबर के अंदर चली गई और सर्वे कार्य साढ़े 3 घंटे तक चला. इस दौरान टीम वजू स्थल तक गई जहां बैठकर नमाज अदा की जाती है. उसके ठीक आगे पानी वाले स्थान पर हिंदू पक्ष ने दावा किया है कि वहां बाबा मिले हैं.
ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वे के दौरान कमिश्नर टीम ने दिखाई मुस्तैदी
श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर और ज्ञानवापी मस्जिद सर्वे प्रकरण में अधिवक्ता कमिश्नर की टीम ने लगभग 30 साल से बंद तहखाने में जाने से पूर्व हर तरीके से मुस्तैदी दिखाई. किसी अनहोनी से बचने के लिए टीम के साथ सपेरे, बैटरी लाइट, ताला तोड़ने वाला, सफाई कर्मचारी, कुएं में अथवा पानी में सरवाइव करने वाला कैमरा और अच्छी रिकॉर्डिंग करने वाली मशीन साथ गई थी. ताकि सर्वे में कोई बाधा न आए.
सर्वे और वीडियोग्राफी के लिए लगाए गए थे 2,000 से अधिक पुलिसकर्मी
श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर और ज्ञानवापी मस्जिद प्रकरण में कोर्ट के आदेश के बाद जिलाधिकारी और वाराणसी पुलिस कमिश्नर ने सुरक्षा की कमान संभाली थी. ऐसे में मैदागिन से गोदौलिया तक लगभग 2 किलोमीटर के दायरे में पुलिस ने अलग-अलग लेयर में बैरिकेडिंग की थी. पुलिस कमिश्नर ए सतीश गणेश ने लगभग 2000 सुरक्षा बलों को इलाके में तैनात किया था.
पुलिस कमिश्नर ने त्रिस्तरीय सुरक्षा का प्रबंध किया था. इसमें मैदागिन, बुलानाला और बांसफटक में अलग अलग बैरिकेडिंग की गई थी. उधर गोदौलिया, दशाश्वमेध और हरी चस्मा वाले के पास बैरिकेडिंग की थी. दालमंडी समेत अन्य गलियों से किसी को भी आने जाने नहीं दिया गया. विवादित स्थल के आसपास की सभी गलियों में पुलिस फोर्स की तैनाती कर दी गई थी. ताकि कोई भी व्यक्ति कहीं से भी ज्ञानवापी परिषद तक न पहुंच सके. इस दौरान मीडिया को भी परिसर से लगभग 1 किलोमीटर दूर रोका गया था ताकि इलाके में भीड़भाड़ कि स्थिति न बन सके.
तीन दिन में कुल 13 घंटे तक हुआ सर्वे और वीडियोग्राफी कार्य
श्री काशी विश्वनाथ मंदिर और मस्जिद प्रकरण में सिविल जज सीनियर डिवीजन रवि कुमार दिवाकर की अदालत के फैसले के बाद अधिवक्ता कमिश्नर टीम और अंजुमन इंतजामिया कमेटी से जुड़े लोगों के साथ पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों की मौजूदगी में शनिवार, रविवार और सोमवार को सर्वे कार्य हुआ. पहले दिन शनिवार को 4 घंटे, रविवार को 5:30 घंटे और सोमवार को 3:30 घंटे सर्वे चला. कुल 13 घंटे सर्वे करने के बाद अधिवक्ता कमिश्नर टीम समेत सभी सदस्य बाहर निकल गए.
कैसा है ज्ञानवापी मस्जिद परिसर का स्ट्रक्चर?
काशी विश्वनाथ धाम के गेट नबर 4 से घुसते ही बाईं ओर है ज्ञानवापी मस्जिद. मस्जिद की बाउंड्री से मंदिर की ओर बढ़ने पर नंदी के पास ज्ञानवापी कूप है. मंदिर के गर्भगृह और मस्जिद के बीच ही ज्ञानवापी कूप है. दावा किया जा रहा है कि मस्जिद में तहखाना है.
जिसके अंदर पांच कमरे हैं. 1993 में जब कोर्ट के आदेश पर ताला बंद हुआ था इस समय यहां 3 दुकानें थीं. जिसमे कोयला, चाय और चूड़ी का कारोबार होता था. तहखाना के ऊपर चार कमरे हैं. इसके नमाज अदा करने का स्थल है.
(न्यूज इनपुट्स - चन्दन पांडेय)
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