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Gyanvapi Survey: "तहखाने की सफाई, 3-D इमेजिनेशन"- सर्वे के काम में लगी ASI की टीम

ज्ञानवापी सर्वे की टीम में कानपुर IIT के GPR एक्सपर्ट आए हैं, जो जमीन के 50 मीटर नीचे तक का ओरिजिनल सर्वे करने की तैयारी में हैं.

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ज्ञानवापी सर्वे (Gyanvapi Masjid Survey) के चौथे दिन आज ASI की टीम व्यास तहखाने में सर्वे का काम कर रही है. ASI की टीम साइंटिफिक तरीकों से जांच कर रही है. हिंदू पक्ष की वादिनी महिलाओं समेत मुस्लिम पक्ष के वकील भी मौजूद हैं. हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन भी ज्ञानवापी परिसर के अंदर हैं.

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आज व्यास तहखाने में सर्वे

6 अगस्त को ASI की टीम व्यास तहखाने में एग्जास्ट लगाकर सफाई कर रही है. व्यास तहखाने की सफाई के बाद सर्वे की कार्यवाही शुरू की जाएगी. कल ASI की टीम ने ये तहखाना खोला था, जिसके बाद थोड़ी सफाई करके टीम नीचे की तरफ गई जहां गंदगी देखकर आज सफाई के लिए मशीनें लगाई गई हैं.

ASI एक हफ्ते में खत्म कर सकता है सर्वे का काम

हिंदू पक्ष के अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने बताया कि शनिवार, 5 अगस्त को पश्चिमी दीवार का अध्ययन किया गया. सर्वे की कार्यवाही के दौरान केंद्रीय गुंबद के पास एक खोखली जगह से आवाज आने की जगह को प्वाइंट आउट किया गया है. ASI साइंटिफिक विधि से एक-एक चीज का सर्वे कर रही है. वहीं शनिवार को जिला जज की कोर्ट में सुनवाई भी हुई जिसमें कोर्ट ने 2 सितंबर तक रिपोर्ट सौंपने का समय दिया है.

ASI की 40 सदस्यों की टीम सर्वे के काम में लगी है और इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार, मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए ASI एक हफ्ते में सर्वे का काम पूरा करना चाहती है.

भारतीय पुरातत्व विभाग के एडिशनल डायरेक्टर जनरल आलोक त्रिपाठी सर्वे का नेतृत्व कर रहे हैं. वाराणसी कोर्ट ने सर्वे की रिपोर्ट 2 सितंबर तक दाखिल करने के लिए कहा है, लेकिन ASI एक हफ्ते में ही काम खत्म करना चाहती है.

सुप्रीम कोर्ट ने 3 अगस्त को सर्वे के पक्ष में दिए गए वाराणसी कोर्ट के फैसले में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया था, जिसके बाद से सर्वे का काम लगातार जारी है और सर्वे का चौथा दिन है.

कानपुर IIT से आए हैं GPR एक्सपर्ट

ज्ञानवापी सर्वे की टीम में कानपुर IIT के GPR एक्सपर्ट आए हैं. जीपीआर एक्सपर्ट जमीन के 50 मीटर नीचे तक का ओरिजिनल सर्वे करने की तैयारी में हैं. इसमें बिना खुदाई किए जमीन के अंदर तक साइंटिफिक विधि से मूल्यांकन किया जा सकता है. शनिवार को 3-D इमैजिनेशन विधि से साक्ष्यों का संकलन किया गया था.

हाईकोर्ट से हरी झंडी मिलने के बाद सर्वे जारी

बता दें, इलाहाबाद हाई कोर्ट में याचिका पर सुनवाई के चलते ASI ने 24 जुलाई को सर्वे का काम रोक दिया था. इसके बाद 3 अगस्त को हाई कोर्ट से हरी झंडी मिलने के बाद ASI ने 4 अगस्त की सुबह सर्वेक्षण फिर से शुरू किया. इसी दिन मुस्लिम पक्ष फिर से सुप्रीम कोर्ट गया, लेकिन कोर्ट ने हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया.

हालांकि, ASI को निर्देश दिया कि सर्वे के कारण किसी संरचना को कोई नुकसान नहीं होना चाहिए. फिलहाल ASI की टीम कोर्ट के निर्देशों के अनुसार सर्वे का काम कर रही है.

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