कांग्रेस नेता हार्दिक पटेल ने साल 2015 के दंगा मामले में उनकी सजा पर रोक लगाने के लिए उनकी याचिका खारिज करने के गुजरात हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है.
उनकी याचिका पर संभवतः मंगलवार को सुनवाई हो सकती है. हार्दिक के वकील लोकसभा चुनाव लड़ने के रास्ते में आने वाले हाई कोर्ट के फैसले पर स्टे लगाने की अपील करेंगे.
हार्दिक पटेल (25) कांग्रेस में शामिल होने के बाद से जामनगर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे थे. जामनगर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने के लिए नामांकन भरने की आखिरी तारीख 4 अप्रैल है. 26 लोकसभा सीटों वाले गुजरात में 23 अप्रैल को वोटिंग होनी है.
क्या है पूरा मामला?
गुजरात हाई कोर्ट ने पाटीदार नेता हार्दिक पटेल की वह याचिका खारिज कर दी थी, जिसमें उन्होंने एक निचली अदालत द्वारा दोषी ठहराए जाने के आदेश को स्थगित करने की मांग की थी, ताकि वह लोकसभा चुनाव लड़ सकें.
जस्टिस अब्दुल्लामिया उरैजी ने हार्दिक की वह याचिका खारिज कर दी, जिसमें उन्होंने मेहसाणा कोर्ट के उस आदेश को स्थगित करने की मांग की थी, जिसमें उन्हें विसनागढ़ में पटेल आंदोलन 2015 के दौरान आगजनी और बलबा करने के एक मामले में दोषी ठहराया था.
मेहसाणा अदालत ने पिछले वर्ष दो साल कारावास की सजा सुनाई थी. पटेल ने इस आदेश पर स्थगन की मांग की थी, ताकि वह लोकसभा चुनाव लड़ सकें.
चुनाव लड़ने को लेकर क्या कहता है कानून?
चुनाव कानून - रिप्रजेंटेशन ऑफ द पीपुल्स एक्ट और सुप्रीम कोर्ट के फैसले के तहत दो साल या उससे ज्यादा जेल की सजा का सामना करने वाला अपराधी, तब तक चुनाव नहीं लड़ सकता, जब तक कि सजा पर रोक नहीं लगती.
गुजरात सरकार ने हाई कोर्ट को बताया था कि हार्दिक पटेल के खिलाफ राजद्रोह की दो शिकायतों समेत 17 प्राथमिकी दर्ज की गई थीं. हार्दिक पटेल पर भड़काऊ भाषण देने का भी आरोप लगा था.
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