उत्तराखंड के तीर्थक्षेत्र हरिद्वार में 1 अप्रैल से 30 अप्रैल तक कुंभ मेले का आयोजन होने जा रहा है. लेकिन ये महोत्सव आम परिस्थितियों में नहीं हो रहा है बल्कि कोरोना वायरस की महामारी के बीच हो रहा है. ऐसे में सरकार ने इस कुंभ में शामिल होने को लेकर दिशा निर्देश जारी किए हैं. साथ ही में उत्तराखंड आपदा नियंत्रण विभाग ने हिदायत दी है कि जो भी इन नियमों का पालन नहीं करेगा उन पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी.
राज्य के मुख्य सचिव ओम प्रकाश के मुताबिक जो भी लोग कोविड-19 SOP का उल्लंघन करेंगे, उन पर कार्रवाई की जाएगी.
यात्रियों को क्या करना होगा?
राज्य के मुख्य सचिव के मुताबिक कुंभ में भाग लेने वाले सभी श्रद्धालुओं को कुंभ मेला प्रशासन की ऑफिशियल वेबसाइट पर रजिस्टर करना होगा. इसी पोर्टल पर 72 घंटे या उसके अंदर निकाली गई कोरोना वायरस RT-PCR नेगेटिव रिपोर्ट अपलोड करनी होगी. इसी के बाद प्रशासन की तरफ से ई-पास जारी होगा. बिना ई-पास के यात्रियों को एंट्री नहीं दी जाएगी.
मेले के दौरान श्रद्धालुओं को मास्क पहने रहना होगा और 6 फुट के सोशल डिस्टेंस का पालन करना होगा. जो भी लोग दूसरे राज्यों से आ रहे है उन्हें केंद्र सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी की गई गाइडलाइंस का पालन करना होगा.
IPC के तहत कार्रवाई की जाएगी
प्रशासन ने सख्त चेतावनी देते हुए कहा है कि जो भी इन नियमों का पालन नहीं करेगा उन पर IPC की संगत धाराओं के तहत वैधानिक कार्रवाई की जाएगी.
कुंभ मेले की तैयारियों के मद्देनजर हरिद्वार रेलवे स्टेशन पर केंद्रीकृत कंट्रोल रूम तैयार किया गया है. सभी नजदीकी स्टेशनों को सीसीटीवी के जरिए कनेक्ट किया गया है. सेंटर पर टेलीफोन लाइन का भी सेटअप किया गया है.
30 दिन के लिए होगा कुंभ मेले का आयोजन
उत्तराखंड प्रशासन ने फैसला किया है कि कोरोना वायरस महामारी के चलते इस बार कुंभ मेला का आयोजन 30 दिनों के लिए ही किया गया है. कुंभ मेला धार्मिक महत्व का विषय है और जिसमें आम तौर पर करोड़ों लोग एक स्थान पर जुटते हैं. कुंभ मेले का आयोजन 12 साल में चार बार होता है. ये आयोजन प्रयागराज, हरिद्वार, उज्जैन और नाशिक में होते हैं.
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