वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे ने जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाए जाने का समर्थन करते हुए इस आर्टिकल को एक गलती बताया है. साल्वे ने कहा कि आर्टिकल 370 एक गलती थी और इसे खत्म कर इस गलती को सुधारा गया है. नरेंद्र मोदी सरकार ने पिछले महीने जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले आर्टिकल 370 को खत्म कर दिया था.
UNGA में आर्टिकल 370 हटाए जाने पर पाकिस्तान की प्रतिक्रिया पर साल्वे ने कहा कि ये अभियान उसके पूरी तरह से दिवालिया होने की निशानी थी. साल्वे ने जोर देते हुए कहा कि कश्मीर, भारत और इसके संविधान का आंतरिक मामला है.
‘मुझे लगता है कि इसकी अनुमति देना एक गलती थी और इससे भी बड़ी गलती इस घाव को पकने की इजाजत देना था. कभी-कभी आपको समस्याओं को उखाड़ फेंकना होता है और सरकार ने वही किया. इसे करने का एक ही तरीका इसे ‘एक शॉट’ में खत्म करने का था.’हरीश साल्वे, वरिष्ठ वकील
आर्टिकल 370 हटाए जाने के बाद से ही पाकिस्तान इसपर कड़ी प्रतिक्रिया दे रहा है. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने कश्मीर को अतंरराष्ट्रीय स्तर पर उठाने का भी काफी प्रयास किया है.
साल्वे ने कथित रूप से ये भी कहा कि पाकिस्तान के कब्जे वाला कश्मीर, भारतीय क्षेत्र है और पाकिस्तानी वहां अवैध रूप से बस गए हैं. इसलिए PoK विवादित क्षेत्र है, कश्मीर नहीं.
उन्होंने ये भी कहा कि ना केवल भारतीय संविधान बल्कि कश्मीर का संविधान भी इसे भारत का आंतरिक क्षेत्र बताता है. इसलिए कश्मीर की स्थिति को लेकर पाकिस्तानियों को छोड़ किसी को भी संदेह नहीं रहा.
आर्टिकल 370 को चर्चा के बाद हटाए जाने के सुझाव को साल्वे ने बेकार बताया. उन्होंने कहा कि चर्चा का सुझाव बकवास है क्योंकि 370 के मामूली उल्लेख से भी काफी तीखी आलोचना झेलनी पड़ती. 'भारत ने सही काम किया है.'
हरीश साल्वे ने कश्मीर को लेकर ये बात रॉयल कोर्ट्स ऑफ जस्टिस के ऐतिहासिक फैसले के बाद लंदन में इंडियन हाई कमीशन में जर्नलिस्ट्स से बातचीत में कहीं. रॉयल कोर्ट्स ऑफ जस्टिस ने 1947 में बंटवारे के बाद हैदराबाद के निजाम से जुड़ी संपत्ति के मामले में भारत सरकार के पक्ष में फैसला सुनाया है.
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