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CAA विरोध -युवाओं को उड़ने दें, उन पर बोझ न डालें: हर्षा भोगले  

हर्षा भोगले ने कहा, युवा भारत हमसे बोल रहा है. यह हमें बता रहा है कि यह क्या बनना चाहता है

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नागरिकता कानून को लेकर देश भर में हो रहे विरोध प्रदर्शन के बीच फेमस क्रिकेट कमेंटेटर हर्षा भोगले ने कहा है कि हमारे युवा देश हमसे कुछ कह रहे हैं, हमें उनकी बात सुननी चाहिए.

एक फेसबुक पोस्ट में हर्षा भोगले ने लिखा -मुझे लगता है कि युवा भारत हमसे बोल रहा है. यह हमें बता रहा है कि यह क्या बनना चाहता है; और ये वो नहीं बनाना चाहता जो हम इसे बनाना चाहते हैं.

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आज का युवा संभावनाओं से भरा है. वह खुले विचार का है. प्राउड इंडियन है. उसमें भारत के साथ साथ दुनिया का नेतृत्व करने की क्षमता है. आज का भारत पहले से ज्यादा आश्वस्त,बेहतर सूचित,अधिक जगरूक और कहीं अधिक महत्वाकांक्षी है. ये एक खूबसूरत भारत है जिसे ऐसे लोगों ने बनाया, जो दिल से उदार और धर्म निरपेक्ष थे.
हर्षा भोगले, क्रिकेट कमेंटेटर

I think young India is speaking to us. It is telling us what it wants to be; and that it doesn't want to be what we are...

Posted by Harsha Bhogle on Tuesday, December 24, 2019
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हालांकि अपने पोस्ट में हर्षा भोगले ने कहीं भी नागरिकता कानून या CAA का नाम नहीं लिया है. मगर उन्होंने सवालिया अंदाज में पूछा है -

क्यों हम समाज में डर पैदा कर रहे हैं ? इस पीढ़ी को उड़ने के लिए पंख देने के बजाय ,हम क्यों उनकी पीठ पर वजन डाल रहे हैं.
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बता दें, नागरिकता कानून 2019 के खिलाफ देश के कई हिस्सों में प्रदर्शन जारी है. दिल्ली से लेकर मुंबई और लखनऊ से लेकर बेंगलुरु तक प्रदर्शनकारी इस कानून के खिलाफ सड़कों पर उतर गए हैं. फिल्म इंडस्ट्री के आयुष्मान खुराना, परिणीति चोपड़ा, राजकुमार राव समेत कइयों ने CAA पर अपना विरोध जाहिर किया है .

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क्या है नागरिकता संशोधन एक्ट 2019?

यह एक्ट सिटिजनशिप एक्ट, 1955 में संशोधन करता है. इस एक्ट के तहत कोई भी ऐसा व्यक्ति भारतीय नागरिकता हासिल कर सकता है जो भारत में जन्मा हो या जिसके माता/पिता भारतीय हों या फिर वह एक तय समय के लिए भारत में रहा हो. एक्ट में नागरिकता देने के और भी प्रावधान हैं. यह एक्ट अवैध प्रवासियों को भारतीय नागरिकता देने से रोकता है.

तय समय तक रहने वाले प्रावधान के तहत सिटिजनशिप एक्ट, 1955 के जरिए ऐसा व्यक्ति भारत की नागरिकता हासिल कर सकता है, जो पिछले 12 महीनों के दौरान भारत में रहा हो, साथ ही पिछले 14 सालों में कम से कम 11 साल भारत में रहा हो. नागरिकता संशोधन बिल 2019, 3 देशों से आए 6 धर्म के लोगों को इस प्रावधान में ढील देने की बात करता है.

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