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किसान फिलहाल प्रदर्शन स्थगित कर दें, ये विरोध का समय नहीं: खट्टर

खट्टर ने कहा कि देश और राज्य में मामलों की बढ़ती संख्या के कारण हमें कड़ी सावधानी बरतनी होगी

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हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने गुरुवार को दिल्ली की सीमाओं पर करीब पांच महीने से केंद्र के तीन नए कृषि कानूनों का विरोध कर रहे हजारों किसानों से अपील की कि कोरोनवायरस के मामलों में अचानक वृद्धि के कारण विरोध प्रदर्शन को स्थगित कर दें. उन्होंने किसानों के स्वास्थ्य और भलाई के बारे में चिंता जताते हुए कहा कि देश और राज्य में मामलों की बढ़ती संख्या के कारण हमें कड़ी सावधानी बरतनी होगी.

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खट्टर बोले- ये विरोध करने का समय नहीं

खट्टर ने कहा, "पिछले साल लॉकडाउन के कारण आर्थिक गतिविधि ठप हो गई थी, जिसे पटरी पर वापस लाने में करीब छह महीने लग गए. इसलिए हमें यह ध्यान रखना होगा कि राज्य में आर्थिक चक्र जारी रहे और किसी पर भी प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़े."

कोविड-19 मामलों और इसके टीकाकरण की समीक्षा के लिए एक बैठक की अध्यक्षता करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि विरोध करना हर व्यक्ति का संवैधानिक अधिकार है. उन्होंने कहा,

“हमें विरोध करने वालों से कोई दिक्कत नहीं है. हालांकि, इस समय कोविड-19 के कारण उनका जीवन खतरे में पड़ सकता है. यह विरोध करने का सही समय नहीं है.”

मुख्यमंत्री ने किसानों से अपील की कि वे मानवीय आधार पर अपना आंदोलन वापस लें. अगर उन्हें अपनी किसी भी मांग के लिए विरोध प्रदर्शन करना है, तो स्थिति में सुधार होने पर वे ऐसा कर सकते हैं.

शैक्षिक संस्थानों में सतर्क रहने की जरूरत

उन्होंने उपायुक्तों को निर्देश दिए कि वे आंदोलनरत किसानों से संपर्क कर उन्हें मनाने का प्रयास करें. खट्टर ने कहा कि इस बार जीका वायरस का फैलाव शिक्षण संस्थानों से शुरू हुआ है. उन्होंने कहा,

“विशेष रूप से शैक्षिक संस्थानों में अधिक सतर्क रहने की जरूरत है. हमें सार्वजनिक समारोहों में भीड़ को कम करने की भी जरूरत है. इसलिए, यह निर्णय लिया गया है कि अब से 200 से अधिक लोग सार्वजनिक कार्यों के दौरान खुले स्थानों में इकट्ठा नहीं हो सकते और इनडोर कार्यों में 50 से अधिक नहीं. इसी तरह, 20 से अधिक लोग अंतिम संस्कार में शामिल नहीं हो सकेंगे.”

राज्य के गृह एवं स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने कहा, "वायरस को रोकने के दो तरीके हैं- पहली विधि लॉकडाउन है और दूसरी है सख्ती. हम चाहते हैं कि राज्य में लॉकडाउन लगाने के बजाय सख्ती कर स्थिति से निपटा जाए."

उन्होंने कहा, "इस बार एक ही दिन में करीब 5,500 मामले सामने आ रहे हैं. इसलिए हमें रोकथाम और सूक्ष्म नियंत्रण क्षेत्र (माइक्रो कंटेनमेंट जोन) बनाने होंगे."

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