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DSP Murder Case: जब डीएसपी की हत्या हुई तो बाकी तीन पुलिस वाले क्या कर रहे थे?

DSP Surendra Singh Murder: FIR और अब तक की तफ्तीश से मौका-ए-वारदात पर हुई चीजों के बारे में क्या पता पला?

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'हरियाणा के नूंह में हुए डीएसपी सुरेंद्र सिंह हत्याकांड (DSP Surendra Singh Murder) में अब तक मुख्य आरोपी समेत दो लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है. इसमें मुख्य आरोपी का नाम शब्बीर उर्फ मित्तर है जो उस वक्त डंपर चला रहा था. जबकि दूसरे का नाम इक्कर है जो क्लीनर बताया जा रहा है, उसी की टांग में गोली लगी थी. उसके बाद वो गिरफ्तार हुआ था. इस पूरे मामले में हरियाणा सरकार ने न्यायिक जांच कराने का फैसला किया है.

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डीएसपी सुरेंद्र सिंह हत्याकांड के बाद अब तक पुलिस की जांच कहां तक पहुंची है और उस दिन मौका-ए-वारदात पर क्या हुआ था. इसको सिलसिलेवार आपको बताते हैं.

पुलिस की जांच कहां तक पहुंची?

पुलिस ने अब तक कुल 3 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. मुख्य आरोपी शब्बीर उर्फ मित्तर जो डीएसपी को मारते वक्त डंपर चला रहा था. उसे भी 20 जुलाई की शाम को पुलिस ने राजस्थान के भरतपुर से गिरफ्तार कर लिया. जिस वक्त पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया वो गगौरा गांव में एक चाय की दुकान पर बैठा था. पुलिस के मुताबिक आरोपी की उम्र करीब 30 साल है और वो अपने रिश्तेदार के यहां भागा था. इसी गांव के पास में एक खदान है जिसे राजस्थान सरकार ने लीज पर दे रखा था .उसी में काम करने का शब्बीर प्लान कर रहा था.

शब्बीर की गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने बताया कि-''पुलिस की 10 टीमें इसके पीछे लगी थीं और करीब 30 जगह छापेमारी के बाद ये हाथ आया. पुलिस का कहना था कि शब्बीर अपना फोन बंद करके बार-बार लोकेशन बदल रहा था. इसका परिवार भी घर में ताला लगाकर गायब था. हमें मुखबिर से सूचना मिली थी. जिसके बाद इसे गिरफ्तार किया गया. पुलिस के मुताबिक जिस डंपर से टक्कर मारी गई वो शब्बीर के बड़े भाई जमशेद के नाम पर है.''

दो आरोपियों को अदालत ने पांच दिन की पुलिस रिमांड पर भेजा है. पुलिस का कहना है कि अभी दोनों ही आरोपियों से पूछताछ नहीं हो पाई है. क्योंकि क्लीनर इक्कर के पैर में गोली लगी थी तो वो अस्पताल में है और काफी डरा हुआ है. जिसे देखते हुए डॉक्टर्स ने उसे बेहोश रखा है. जबकि शब्बीर को अब रिमांड पर लिया गया है, उससे इन पांच दिनों के दौरान पूछताछ की जाएगी और दोनों से क्रॉस पूछताछ भी होगी.

तीसरे आरोपी को जिसका नाम जाविद उर्फ बिल्ला है, उसे राजस्थान के अलवर से हरियाणा पुलिस ने 22 जुलाई को गिरफ्तार किया है. जिसे अदालत ने दो दिन की पुलिस रिमांड पर भेजा है.

पुलिस का कहना है -''हम पता लगाएंगे कि इस वारदात में और कौन-कौन शामिल है. पुलिस ने ये भी कहा कि जिन लोगों ने इनकी भागने में मदद की उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी. पुलिस ने कहा कि हम पता लगाएंगे कि कब से ये लोग खनन कर रहे थे और इसमें कितने लोग शामिल हैं. इस मामले में पूरे नेटवर्क का खुलासा पुलिस जल्द करेगी.''
DSP Surendra Singh Murder: FIR और अब तक की तफ्तीश से मौका-ए-वारदात पर हुई चीजों के बारे में क्या पता पला?

आरोपियों के ट्रककी नंबर प्लेट पर नंबर नहीं लिखा था

'वारदात वाले दिन तावड़ू में क्या हुआ था?

19 जुलाई को डीएसपी सुरेंद्र सिंह तीन और पुलिसकर्मियों के साथ अवैध खनन की गुप्त सूचना पर तावड़ू तहसील के पचगांव की पहाड़ी पर पहुंचे थे. खबर के मुताबिक वहां अवैध खनन हो रहा था. बचे तीन पुलिसकर्मियों ने एफआईआर में बताया कि डीएसपी सुरेंद्र ने जैसे ही डंपर को रोकने की कोशिश की उसने टक्कर मार दी और DSP नीचे गिर गए. उसके बाद आरोपी डंपर को सीधे उनके ऊपर से ले गए. जब आरोपियों ने टक्कर मारी तो बाकी पलिसकर्मियों ने छलांग लगाकर अपनी जान बचाई.

बचे पुलिसकर्मियों के मुताबिक, उस ट्रक पर 3-4 लोग थे. आरोपियों के पास कट्टे थे, जिन्हें वो लहरा रहे थे. उन्होंने डीएसपी को हटने और गोली चलाने की धमकी भी दी थी. पुलिसकर्मियों के मुताबिक, आरोपी कह रहे थे कि अगर रुक गए तो चालान कट जाएगा. आज इन्हें सबक सिखा दो.

एफआईआर में दर्ज है कि जिस ट्रक से वारदात को अंजाम दिया गया उसमें पीछे नंबर प्लेट नहीं थी और अगली नंबर प्लेट पर भी पूरा नंबर नहीं लिखा था. मतलब अगर बाद में नंबर से ढूंढने की कोशिश पुलिस करती तो नाकामी ही हाथ लगती.

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कितने बड़े स्तर पर इस इलाके में होता है अवैध खनन?

डीएसपी सुरेंद्र सिंह की जहां हत्या हुई वो नूंह जिले की तावड़ू तहसील का पचगांव इलाका है. स्थानीय लोगों की मानें तो यहां खनन माफियाओं के पास जेसीबी, हाइड्रा और डंपर सबकुछ है. लेकिन सब लोग अलग-अलग काम करते हैं. और कोई भी एक बहुत बड़ा खनन माफिया नहीं कहा जा सकता लेकिन क्योंकि काफी सारे लोग अवैध खनन करते हैं तो खनन बड़ी मात्रा में होता है.

मामले की होगी न्यायिक जांच

हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने कहा कि, हरियाणा सरकार ने इस पूरे मामले की न्यायिक जांच करवाने का फैसला किया है. इसके अलावा तावड़ू के इस इलाके में अवैध खनन की भी न्यायिक जांच होगी. 19 जुलाई को ही कांग्रेस राज्यसभा सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने भी न्यायिक जांच की मांग की थी.

3 महीने बाद रिटायर होने वाले थे डीएसपी सुरेंद्र

डीएसपी सुरेंद्र सिंह के छोटे भाई अशोक ने बताया था कि, उनकी 3 महीने बाद रिटायरमेंट थी. डीएसपी सुरेंद्र सिंह के दो बच्चे हैं. लड़का कनाडा में पढ़ाई करता है और लड़की बेंगलुरु में नौकरी करती हैं. डीएसपी सुरेंद्र सिंह को हरियाणा सरकार ने शहीद का दर्जा देने का फैसला किया है और एक करोड़ की मदद की बात भी कही है. इसके अलावा सरकार ने परिवार को एक नौकरी देने की बात भी की है.

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