हरियाणा कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अशोक तंवर ने विधानसभा चुनाव में जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) को समर्थन देने का ऐलान किया है. बुधवार 16 अक्टूबर दिल्ली में जेजेपी अध्यक्ष दुष्यंत चौटाला के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए अशोक तंवर ने कहा कि जल्द ही कांग्रेस का घमंड भी टूट जाएगा.
अशोक तंवर ने विधानसभा चुनावों के लिए टिकट बंटवारे में अहमियत न मिलने के कारण कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया था.
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान तंवर ने कहा कि दुष्यंत चौटाला ने उनसे समर्थन मांगा था और वो कुछ जगहों में उनको अपना समर्थन देंगे.
दुष्यंत और जेजेपी को हमारा समर्थन है. दुष्यंत ने खुले में हमसे समर्थन मांगा था. हम कुछ हलकों में जेजेपी को अपना समर्थन देंगे.
अशोक तंवर ने साथ ही कहा कि कांग्रेस में उनकी अनदेखी हुई और अब वो पार्टी का घमंड तोड़ कर रहेंगे.
“कांग्रेस में मेरी अनदेखी हुई. बड़े दुख के साथ मैंने कांग्रेस पार्टी छोड़ी है. अब मैं दुष्यंत और उनकी पार्टी का समर्थन करुंगा. हम 21 तारीख तक लड़ते रहेंगे और कांग्रेस पार्टी का घमंड टूटेगा. कांग्रेस तीसरे और चौथे नंबर की लड़ाई लड़ रही है.”
तंवर ने कहा, “दुष्यंत चौटाला को प्रदेश का मुख्यमंत्री बनाने के लिए 36 बिरादरी को साथ देना चाहिए,मेरा पूर्ण समर्थन है”
वहीं दुष्यंत चौटाला ने समर्थन के लिए तंवर को धन्यवाद दिया और कहा कि ये हरियाणा नहीं बल्कि राष्ट्र निर्माण की लड़ाई है.
“आज लड़ाई सिर्फ हरियाणा की नहीं पूरे देश में घूमकर राष्ट्र निर्माण की लड़ाई जारी रहेगी. ये साथ असेंबली इलेक्शन तक सीमित नहीं, आगे भी देश भर में सहयोग जुटाया जाएगा.”दुष्यंत चौटाला, अध्यक्ष JJP
कम से कम 85 सीटों पर हारे कांग्रेस-तंवर
इससे पहले टिकट बंटवारे में अनदेखी के कारण अशोक तंवर ने पहले कांग्रेस की सभी समितियों से इस्तीफा दे दिया था और फिर 5 अक्टूबर को अक्टूबर को उन्होंने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से भी इस्तीफा दे दिया था.
हालांकि तंवर ने साफ किया कि वह फिलहाल भाजपा या किसी अन्य पार्टी में शामिल होने नहीं जा रहे. उन्होंने साथ ही कहा कि वो विधानसभा चुनावों में कांग्रेस की हार के लिए पूरा जोर लगाएंगे.
तंवर ने कहा था- “शुरू में मैंने 85 पार का नारा दिया था, लेकिन अब यह कांग्रेस ही होगी जो कम से कम 85 सीटों पर हार जाएगी.”
उन्होंने हालांकि सत्तारूढ़ बीजेपी को एकतरफा समर्थन नहीं देने का फैसला किया है. तंवर ने कहा था कि वह यह सुनिश्चित करने की कोशिश करेंगे कि कांग्रेस हरियाणा की 90 सदस्यीय विधानसभा में पांच से ज्यादा सीटें न जीत पाए.
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