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"छात्र को गौतस्कर समझ गोली मारी", आरोपियों का गौरक्षक टैग- पुलिस के साथ 'उठना-बैठना'?

फरीदाबाद: 12वीं के छात्र आर्यन मिश्रा की 23 अगस्त की रात गोली मारकर हत्या कर दी गई. 5 आरोपी गिरफ्तार

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"गौतस्कर समझकर गोली मारने का अधिकार मोदी सरकार ने दिया है? अगर ये अधिकार सरकार ने दिया है तो क्यों दिया है?"

ये बात उस पिता ने कही है, जिसके 19 साल के बेटे की गोली मारकर हत्या कर दी गई. पिता सियानंद मिश्रा हरियाणा के फरीदाबाद (Haryana's Faridabad) में रहते हैं. बेटे आर्यन मिश्रा की 23 अगस्त को गोली मारकर हत्या कर दी गई. आरोप है कि कथित गोरक्षकों के एक समूह ने गौतस्कर होने के शक में हत्या की. पांच लोगों की गिरफ्तारी हुई है. गिरफ्तार आरोपियों को आधिकारिक तौर पर पुलिस ने गोरक्षक नहीं बताया है, लेकिन क्विंट हिंदी ने अपनी पड़ताल में पाया है कि आरोपी गोरक्षा से जुड़े मुद्दों पर समय-समय पर पुलिस के आला अधिकारियों से मिला करते थे.

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हत्या वाली रात क्या-क्या हुआ?

आर्यन मिश्रा फरीदाबाद के एक ओपन स्कूल में 12वीं कक्षा का छात्र था. घटना 23 अगस्त को पलवल के पास हुई जब आर्यन एक एसयूवी में अपने पांच जानने वालों के साथ रात में अपने घर से बाहर निकला था.

आर्यन के पिता सियानंद मिश्रा की तहरीर पर दर्ज एफआईआर के अनुसार उनका बेटा अपने परिवार की जानकारी के बिना हर्षित गुलाटी, सुजाता गुलाटी, शैंकी, सागर गुलाटी और कीर्ति शर्मा के साथ बाहर गया था. सुजाता गुलाटी हर्षित और शैंकी की मम्मी हैं और आर्यन का परिवार इनके घर में किराये पर रहता है.

“सुबह 3.30 बजे, हर्षित के पिता हमारे घर आए और कहा कि एक इमरजेंसी है और हमें तुरंत पलवल जाना होगा. मेरा बेटा (अजय) उनके साथ स्कूटी पर पलवल की ओर निकल गया. करीब 10 मिनट बाद अजय वापस आया और मुझे बताया कि मुझे भी चलना चाहिए. हम दोनों बीके हॉस्पिटल पहुंचे जहां हर्षित के पिता ने हमें एसएसबी हॉस्पिटल जाने के लिए कहा क्योंकि आर्यन को वहां लाया जा रहा था. जब मैंने उनसे पूछा कि आर्यन को क्या हुआ है, तो उन्होंने कहा कि आर्यन को गोली मार दी गई है...दो गोलियां मेरे बेटे आर्यन को लगीं...''
FIR में पिता सियानंद मिश्रा का बयान

FIR में गौरक्षकों का जिक्र नहीं है. परिवार को यह नहीं पता था कि उनके बच्चे को किसने और क्यों गोली मारी. परिवार को लगा कि हमला शैंकी पर किया गया होगा क्योंकि उसकी कईयों से दुश्मनी थी और कुछ दिन पहले ही उसपर केस दर्ज हुआ था.

हत्या के बाद FIR दर्ज, 5 लोगों की गिरफ्तारी 

आर्यन की हत्या के बाद एफआईआर दर्ज हुई. जिसमें पियूष भाटिया और योगेश राजपूत नाम के दो लोगों का जिक्र था, लेकिन जब पुलिस ने पड़ताल की तो इन दो नामों की बजाय 5 अन्य आरोपियों को गिरफ्तार किया, जिनके नाम अनिल कौशिक, वरुण, सौरभ, कृष्ण और आदेश हैं.

"आरोपी ने कबूला, गौतस्कर समझ गोली मारी"

मृतक आर्यन के पिता पिता सियानंद मिश्रा ने क्विंट हिंदी से बात करते हुए ने कहा कि पुलिस की गिरफ्त में अनिल कौशिक ने उनके सामने यह कबूल किया है कि उन्होंने गौतस्कर समझ कर गलती से गोली मारी थी. लेकिन उन्होंने ये सवाल भी उठाया कि 30 किलोमीटर तक गोलियां चलती रहीं लेकिन गोली सिर्फ मेरे बेटे को ही क्यों लगी? वहां गाड़ी में 5 अन्य लोगों भी मौजूद थे गोली उन्हें क्यों नहीं लगी?

न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए पिता ने सवाल किया कि क्या मोदी सरकार ने किसी को भी गौतस्कर समझकर गोली मारने का अधिकार दिया है? अगर ये अधिकार दिया है तो क्यों दिया है?

मृतक के भाई अजय ने क्विंट हिंदी से कहा, अगर आरोपियों को कोई पॉलिटिकल सपोर्ट नहीं होता तो वे 30 किलोमीटर तक गोलियां नहीं चला सकते थे. रात में तो पुलिस भी पेट्रोलिंग करती है. आरोपी अनिल कौशिक गोरक्षक ही है और उसने तो बयान भी दिया है."

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, 23 अगस्त को अनिल कौशिक और अन्य आरोपियों को कथित तौर पर एक सूचना मिली कि लाल रंग की रेनॉल्ट डस्टर गाड़ी में गाय तस्कर इलाके में घूम रहे हैं. आरोपियों ने उस गाड़ी का पीछा किया जिसमें आर्यन और अन्य 5 लोग सवार थे. गाड़ी हर्षित चला रहा था और आरोपियों ने उसे गाड़ी रोकने के लिए कहा. हालांकि, उन्होंने ऐसा नहीं किया क्योंकि शैंकी (उस वक्त गाड़ी में मौजूद था) को शक था कि उसके विरोधियों से उसे मारने के लिए गुंडे भेजे हैं.

जब आर्यन और उसके दोस्त नहीं रुके तो आरोपियों ने कार का 30 किमी तक पीछा किया. उन्होंने कार पर गोलियां चला दीं और दो गोली आर्यन को लगी.

आरोप गौरक्षक दल के हैं या नहीं?

DCP अमन यादव ने आरोपियों के लिए गोरक्षक शब्द का जिक्र नहीं किया. उन्होंने ये भी नहीं कहा कि आरोपियों ने गोतस्कर समझकर गोलियां चलाईं. अमन यादव के मुताबिक, शुरूआती पूछताछ में गलतफहमी में गोली चलने की बात सामने आई है. आरोपियों को लगा कि ये आपराधिक व्यक्ति हैं और किसी आपराधिक वारदात को अंजाम देने आए हैं.

क्या आरोपी काउ विजलैन्टी या कथित गोरक्षक हैं? इस सवाल पर DCP अमन यादव ने कहा, "आरोपियों का बैकग्राउंड जांचा जाएगा फिर बता पाएंगे. वे सभी एक संगठन से जुड़े हुए थे या नहीं इस बारे में अभी हमारे पास कोई सबूत नहीं है."

हालांकि आरोपियों का सोशल मीडिया अकांउट इस बात का गवाह है कि न सिर्फ उनकी पुलिस- प्रशासन में पूरी पहुंच थी बल्कि उन्हें प्रशासन सम्मानित भी करता था.

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आरोपी अनिल कौशिक का पुलिस के साथ था उठना-बैठना ?

मुख्य आरोपी अनिल कौशिक लीव फॉर नेशन नाम का संगठन चलाता है और खुद को कथित गोरक्षक बताता है. अनिल कौशिक के फेसबुक पेज पर 10 हजार से अधिक फॉलोअर हैं और वो वहां ऐसे वीडियो भी पोस्ट करता था जिसमें वो कथित गोतस्करों को अपने गोरक्षक समूह के साथ रात में पकड़ते नजर आ रहा है.

इसी साल 30 मई को अनिल कौशिक ने एक पोस्ट में बताया कि उसकी टीम ने कथित गोतस्करों पर रेड डाली और एक तस्कर को काबू किया. साथ में थाने में मुकदमा भी दर्ज कराया. काबू करने का क्या मतलब होता है, यह जानने के लिए एक वीडियो भी पोस्ट किया, जिसमें कथित तस्कर लंगड़ाता नजर आ रहा है. वो चल भी नहीं पा रहा.

अनिल कौशिक और उसका संगठन लीव फॉर नेशन के मेंबर समय-समय पर सहायक पुलिस आयुक्त (ACP) स्तर के अधिकारियों के साथ बैठक भी करते थे. 15 दिसंबर 2023 को अनिल कौशिक ने एक पोस्ट में बताया कि उसने ACP यातायात, फरीदाबाद के साथ बैठक की और उन्हें उन गोवंश मालिकों के खिलाफ एक्शन लेने को कहा जो अपने जानवरों को खुले में छोड़ देते हैं. संगठन की ओर से जो ज्ञापन दिया गया उसपर अनिल के साथ-साथ वरुण, सौरभ, और कृष्ण के हस्ताक्षर भी नजर आ रहे. ये सभी आर्यन मर्डर केस के आरोपी हैं.

इतना ही नहीं इस साल गणतंत्र दिवस पर अनिल कौशिक को समाज सेवा के लिए फरीदाबाद प्रशासन की ओर से प्रशंसा पत्र देकर सम्मानित भी किया गया.

4 अक्टूबर 2022 को अनिल ने फेसबुक पर तस्वीरे पोस्ट कीं जिसमें वो उस समय के फरीदाबाद पुलिस कमिश्नर विकास अरोड़ा से मिलता नजर आ रहा है. विकास अरोड़ा अभी गुरुग्राम के कमिश्नर हैं.

आर्यन ओपन स्कूल में 12वीं की पढ़ाई कर रहा था. घर का खर्च चलाने के लिए गाजियाबाद में मोबाइल शॉप में काम भी करता था. पिता ने कहा, परीक्षा आने वाली थी. इसलिए कुछ दिन के लिए काम छोड़कर ट्यूशन ज्वाइन कर लिया था. मेरा लड़का चला गया और मेरा बुढ़ापा बेकार हो गया. अब मैं कहां जाऊं. 55 साल की मेरी उम्र हो गई और मुझे कोई नौकरी पर भी नहीं रख रहा. इस दर्द के साथ ही आर्यन के पिता के कुछ सवाल भी हैं. जिसका जवाब पुलिस और सरकार को देना चाहिए.

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