हरियाणा (Haryana) में बारिश और ओलावृष्टि से खराब हुई गेहूं की फसल की खरीद में वैल्यू कट को लेकर बनी असमंजस की स्थिति के बीच हरियाणा सरकार ने नया फैसला लिया है. सरकार ने तय किया है कि वैल्यू कट के नाम पर किसानों से कोई राशि नहीं ली जाएगी. इससे संबंधित केंद्र सरकार द्वारा आदेश जारी किया गया था, जिसके बाद विपक्ष और भारतीय किसान यूनियन के सभी किसानों ने प्रदर्शन की हुंकार भरी थी. लेकिन अब मनोहर लाल खट्टर सरकार ने इस संबंध में बीच का रास्ता निकाल लिया है.
क्या है पूरा मामला?
दरअसल केंद्र सरकार की तरफ से 2 दिन पहले एक नोटिफिकेशन जारी किया गया था, जिसमें यह नियम शामिल था कि एमएसपी पर खरीदी जाने वाली गेंहू की फसल में अगर कट, पॉलिश और नमी पाई जाएगी तो प्रति क्विंटल 16 रुपए से लेकर 32 रुपए तक की कटौती की जाएगी.
नोटीफिकेशन जारी किए जाने के बाद से ही किसानों ने इसका खुलकर विरोध किया था. इसमें भारतीय किसान यूनियन के सदस्यों ने भी अपना समर्थन जताया था.
भारतीय किसान यूनियन चढूनी ग्रुप ने गुरुवार को प्रदेश भर की अनाज मंडी के सामने सड़क जाम करने का ऐलान किया था लेकिन इससे पहले ही सरकार ने किसानों की मांगों पर सहमति जता दी है. इसे किसान एक बड़ी जीत के रूप में देख रहे हैं.
राज्य सरकार ने क्या कहा है?
हरियाणा सरकार की तरफ से कहा गया है कि अगर गेहूं में कट, पॉलिश या नमी पाई गई तो उसकी भरपाई हरियाणा सरकार करेगी. भारतीय किसान यूनियन जिला यमुनानगर (चढूनी ग्रुप) के प्रधान संजू गुंदियाना ने देर रात ये जानकारी दी.
भारतीय किसान यूनियन हरियाणा के अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी ने एक वीडियो जारी करते हुए अपने किसान साथियों को बधाई और कहा कि गुरुवार को होने वाला प्रदर्शन स्थगित किया जाता है.
साथियों आप सबको बहुत बधाई की सरकार ने आपकी बात मान ली है और जे फॉर्म के ऊपर-नीचे लिख दिया गया है कि अगर कोई कल लगेगा तो उसका वहन प्रदेश सरकार करेगी.गुरनाम सिंह चढूनी, अध्यक्ष, भारतीय किसान यूनियन, हरियाणा
उन्होंने आगे कहा कि पहले पंजाब सरकार ने बात मानी और अब हरियाणा की सरकार ने हमारी बात मानी है. भगवंत मान और मनोहरलाल खट्टर साहब का बहुत-बहुत धन्यवाद.
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