हरियाणा के करनाल में प्रदर्शन कर रहे किसानों पर पुलिस के लाठीचार्ज (Karnal Lathi Charge) के बाद एक किसान की मौत हो गई है. किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने जानकारी दी है कि सुशील काजल नाम के किसान की 28 अगस्त देर रात को मौत हो गई. उन्होंने बताया कि करनाल टोल प्लाजा पर पुलिस के लाठीचार्ज में उन्हें काफी चोट आई थी और देर रात हार्ट अटैक से उनकी मौत हो गई.
गुरनाम सिंह चढूनी ने ट्वीट में बताया कि सुशील काजल पिछले नौ महीने से किसान आंदोलन में शामिल थे.
कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने लिखा, "खेत के खातिर.. वो लड़ते रहे.. वो हिम्मत नही हारे.. वो धीरज नही खोया.. वो लड़ते रहे.. आने वाली तमाम नस्लों और फसलों के लिए."
करनाल पुलिस ने इन दावों से इनकार किया
करनाल के एसपी, गंगा राम पूनिया ने किसान की लाठीचार्ज में घायल होने के कारण मौत की बातों को झूठा बताया है. उन्होंने कहा, "वो किसी अस्पताल नहीं गए. वो स्थिर हालत में घर गए थे और नींद में उनकी मौत हो गई. कुछ लोग कह रहे हैं कि उनकी मौत हार्ट अटैक से हुई है. चोटों के कारण उनकी मौत की खबरें झूठी हैं."
एसपी ने कहा कि अगर ये बात सच होती, तो पुलिस के पास आती लेकिन उन्हें ऐसी कोई जानकारी नहीं मिली है. इसलिए दोनों घटनाओं का आपस में कुछ लेना-देना नहीं है.
लाठीचार्ज के विरोध में किसानों का प्रदर्शन
करनाल में पुलिस के लाठीचार्ज के विरोध में हरियाणा और पंजाब में किसान प्रदर्शन कर रहे हैं. लुधियाना में किसानों ने फिरोजपुर जाने वाली सड़क को ब्लॉक कर दिया. वहीं, अमृतसर में किसानों ने दो घंटे तक भंडारी पुल को जाम रखा.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)