हरियाणा (Haryana) के स्थानीय लोगों को प्राइवेट सेक्टर में नौकरियों में 75% आरक्षण देने वाला नियम शनिवार 6 नवंबर को लागू हो गया है. ऐसा नियम लागू करने वाला हरियाणा पहला राज्य बन गया है.
जननायक जनता पार्टी के दुष्यंत चौटाला (Dushyant Chautala) ने चुनाव से पहले वादा किया था कि हरियाणा में सरकार बनाने के बाद इस वादे को पूरा किया जाएगा. लेकिन इसमें एक सीमा भी तय की गई है.
75 फीसदी आरक्षण केवल उन नौकरियों में दिया जाएगा जो 30,000 रुपए तक की तनख्वाह देते हैं. इससे पहले आरक्षण के लिए वेतन सीमा 50,000 रुपए निर्धारित की गई थी, जिसकी कंपनियों और इंडस्ट्री ने कड़ी आलोचना की थी.
राज्य सरकार द्वारा नियम लागू होने के बाद जेजेपी के प्रवक्ता दीपकमल सहारन ने ट्वीट किया, "स्थानीय रोजगार अधिनियम आज, 6 नवंबर से लागू हो गया है. 15 जनवरी 2022 कर्मचारियों के डेटा को सरकारी पोर्टल पर अपलोड करने का आखिरी दिन है."
यानि हरियाणा सरकार के पोर्टल पर सारे कर्मचारियों के डेटा को अपलोड करना होगा जिसके लिए कंपनियों की समय सीमा 15 जनवरी, 2022 तय की गई है.
एनडीटीवी से बात करते हुए पिछले साल जुलाई में चौटाला ने अध्यादेश पर कहा था कि यह केवल 10 से अधिक कर्मचारियों वाली कंपनियों पर लागू होगा. उन्होंने कहा था. "इससे निवासियों को राज्य में रोजगार पाने में मदद मिलेगी. इस तरह का कानून अन्य राज्यों में मौजूद है और हमें हरियाणा में रोजगार पैदा करने की जरूरत है."
उन्होंने ऑटोमोबाइल कंपनी मारुति की ओर इशारा करते हुए कहा था, "मारुति में हरियाणा से 20% कर्मचारी भी नहीं हैं".
वहीं जेजेपी के नेता राम कुमारगौतम ने प्राइवेट सेक्टर में नौकरियों में स्थानीय युवाओं को 75% आरक्षण देने के सरकार के फैसले की आलोचना की थी. उन्होंने कहा था, "यह कानून गलत मिसाल पेश करेगा और दूसरे राज्य हरियाणा के युवाओं को नौकरी देना बंद कर देंगे. उन्होंने कहा कि यदि दूसरे राज्य हरियाणा के युवाओं को नौकरी देने से मना कर देंगे तो वे कहां जाएंगे? क्या आप दूसरे राज्य के किसी व्यक्ति को यहां काम करने से रोक सकते हैं?"
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