महाराष्ट्र-हरियाणा चुनाव से ठीक पहले C-Voter और ABP News ने प्री-पोल सर्वे कराया है. इस सर्वे के मुताबिक, हरियाणा और महाराष्ट्र में सबसे बड़ा मुद्दा बेरोजगारी है. 10 हजार लोगों के सैंपल साइज वाले इस पोल में हरियाणा के 28% लोगों ने माना है कि बेरोजगारी सबसे बड़ा मुद्दा है. वहीं महाराष्ट्र के करीब 23 फीसदी लोगों का मानना है कि ये सबसे बड़ी दिक्कत है जिससे पार पाना जरूरी है.
जब पोल में शामिल लोगों से ये पूछा गया कि आखिर बेरोजगारी समेत इन मुद्दों के लिए जिम्मेदार कौन है? हरियाणा के करीब 28% और महाराष्ट्र के 22.5% लोगों ने राज्य सरकार को जिम्मेदार बताया है.
हरियाणा में स्थिति बदतर!
हाल ही में सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकनॉमी (CMIE) ने बेरोजगारी के आंकड़े जारी किए हैं. इन आंकड़ों के मुताबिक, हरियाणा में बेरोजगारी सबसे ज्यादा है. इसके बाद हिमाचल प्रदेश, झारखंड, बिहार और उत्तर प्रदेश का नंबर आता है. सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकॉनमी (सीएमआईई) की मई-अगस्त की एक रिपोर्ट का ही हवाला देते हुए स्वराज इंडिया के अध्यक्ष योगेंद्र यादव कहते हैं कि राज्य में बेरोजगारों का आंकड़ा 20 लाख पार कर गया है. योगेंद्र का कहना है कि ‘‘हरियाणा में बेरोजगारी ने महामारी का रूप ले लिया है.’’
क्विंट की ग्राउंड रिपोर्ट में क्या मिला?
इन आंकड़ों की तस्दीक क्विंट की ग्राउंड रिपोर्ट भी करती हैं. क्विंट ने हरियाणा के अलग-अलग इलाकों में लोगों की राय जानी. युवा साफ-साफ कहते हैं कि बेरोजगारी तो सबसे बड़ी समस्या है. ये वीडियो देखिए
महाराष्ट्र के भी कई इलाकों से क्विंट ने ग्राउंड रिपोर्ट की है. यहां भी लोग रोजगार को लेकर परेशान दिखे. लोगों का कहना है कि सरकार ने रोजगार के वादे तो खूब किए लेकिन हकीकत में ये वादे पूरे होते नहीं दिख रहे हैं.
नागपुर से ग्राउंड रिपोर्ट
पश्चिमी महाराष्ट्र से ग्राउंड रिपोर्ट
हरियाणा, महाराष्ट्र में BJP की हार चाहते हैं 55% लोग: सर्वे
C-Voter और ABP News के सर्वे के मुताबिक जिन लोगों से राय ली गई उनमें से 57.5 फीसदी ने हरियाणा में और 54.9 फीसदी ने महाराष्ट्र में कहा वे तुरंत सरकार बदलना चाहते हैं. हरियाणा में 41.6 फीसदी और महाराष्ट्र में 44.6 फीसदी वोटरों ने कहा कि वे मौजूदा सरकार नहीं बदलना चाहते. दोनों राज्यों में बीजेपी की सरकार है. मुख्यमंत्रियों को बदलने के मामले में भी इसी तरह का जवाब मिला.
इस सर्वे में लोगों ने स्वीकार किया उन्हें दिक्कत हो रही है. लेकिन जब यह पूछा गया कि इन दिक्कतों को कौन दूर कर सकता है तो ज्यादातर लोगों ने विपक्षी की तुलना में बीजेपी को तवज्जो दी. हरियाणा में 29.1 फीसदी लोगों ने कहा कि बीजेपी ज्यादा अच्छे तरीके से समस्याएं सुलझा सकती हैं. 17.8 फीसदी लोगों ने कांग्रेस को तवज्जो दी. 36.6 फीसदी लोगों ने कहा कि कोई भी पार्टी समस्या नहीं सुलझा सकती है या उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया. इसका मतलब यह है कि लोगों में काफी निराशा है.
महाराष्ट्र में 28.9 लोगों ने कहा कि बीजेपी समस्याएं सुलझा सकती हैं. जबकि कांग्रेस को इस मामले में 13.9 लोगों ने तवज्जो दी. 11.7 फीसदी लोगों ने माना कि एनसीपी ज्यादा अच्छे तरीके से समस्याएं सुलझा सकती है. 6.6 फीसदी लोगों महाराष्ट्र में इसके लिए शिवसेना को चुना. हरियाणा की तरह ही यहां भी 33.6 फीसदी लोगों ने कहा कोई भी पार्टी समस्याएं नहीं सुलझा सकतीं या फिर कोई जवाब नहीं दिया.
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