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मेवात महापंचायत को नहीं मिली अनुमति,प्रचार में सांप्रदायिक गालियों का इस्तेमाल

Nuh में 8 मई को महापंचात प्रस्तावित है.

Published
भारत
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हरियाणा (Haryana) के नूंह में जिला प्रशासन ने कहा है कि रविवार, 8 मई को मेवात में प्रस्तावित हिंदू महापंचायत के लिए अभी तक कोई अनुमति नहीं दी गई है. इसे सांप्रदायिक गालियों का इस्तेमाल करके बढ़ावा दिया गया है. द क्विंट से बात करते हुए नूंह के डिप्टी कमिश्नर अजय कुमार ने कहा कि अभी तक इवेंट के लिए अनुमति नहीं दी गई है. हम फैसला लेने की प्रक्रिया में हैं.

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कमिश्नर ने बताया कि प्रोग्राम के आयोजकों ने पुलिस से अनुमति मांगी है. उन्होंने कानून व्यवस्था बनाए रखने के दृष्टिकोण से उनके साथ मीटिंग की थी.

उन्होंने कहा कि अनुमति दी जाएगी तो वह शर्त के साथ होगी, कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए शर्तें रखी गई हैं.

जब क्विंट द्वारा यह बताया गया कि इस आयोजन को बढ़ावा देने के लिए भेजे जा रहे संदेशों में सांप्रदायिक रंग थे, तो अजय कुमार ने कहा कि

स्थिति पर पुलिस पहले से ही नज़र रखे हुए है. आयोजकों से भी संपर्क किया गया है और उन्हें बुलाया गया है. उन्हें सही तरीके से बताया गया था कि किसी भी स्थिति में स्पीच में अतिशयोक्ति नहीं होनी चाहिए और कानून का उल्लंघन नहीं होना चाहिए.

इस क्षेत्र में हिंदुत्ववादी संगठनों की ताकत के प्रदर्शन के रूप में प्रस्तावित महापंचायत को 'गौ रक्षक' यानी गौ रक्षा गतिविधियों के समर्थन में एक कार्यक्रम के रूप में प्रचारित किया जा रहा है.

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आयोजन के लिए लिखे गए प्रचार मैसेज के माध्यम से 'हिंदू प्रेमियों' और 'गौ रक्षकों' को महापंचायत में शामिल होने का आह्वान किया जा रहा है. प्रचार मैसेज में लिखा है कि यह जिहादी मानसिकता वाले लोगों को अपनी शक्ति का एहसास कराने के लिए है.

हरियाणा में रविवार को होने जा रहे इस प्रोग्राम में बजरंग दल और गौ रक्षा दल शामिल हैं. आयोजकों ने सभी गौ रक्षा संगठनों और क्षेत्र में काम करने वाले अन्य हिंदुत्व संगठनों से महापंचायत में भाग लेने का आह्वान किया है.

प्रस्तावित महापंचायत की तरह ही पिछले दिनों देश भर में कई प्रोग्राम हो चुके हैं, जिनके माध्यम से हरिद्वार से लेकर दिल्ली तक मुस्लिम विरोधी भावना को भड़काने की कोशिश की गई. इन कार्यक्रमों में यति नरसिंहानंद, पिंकी चौधरी और सुदर्शन समाचार के एडिटर सुरेश चव्हाणके जैसे लोगों द्वारा अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया गया.

इन आयोजनों में किए गए नफरती भाषणों के संबंध में उत्तराखंड और दिल्ली में एफआईआर दर्ज की गई है, लेकिन वक्ताओं को जमानत दे दी गई.

पिछले दिनों दिल्ली के बुराड़ी में हुई इसी तरह की घटना के बाद दिल्ली पुलिस के डीसीपी रंगनानी ने एक बयान में कहा कि डासना देवी मंदिर के पुजारी यति नरसिंहानंद सरस्वती और सुदर्शन न्यूज के मुख्य संपादक सुरेश चव्हाणके सहित कुछ वक्ताओं ऐसे शब्द बोले जो, दो समुदायों के बीच वैमनस्य, शत्रुता, घृणा या द्वेष की भावनाओं को बढ़ावा देने वाला था.

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नूंह की महापंचायतों में अभद्र भाषा

हरियाणा के नूंह में भी इस तरह की कई हिंदुत्व महापंचायतें देखी गई हैं, जिनकी वजह से सांप्रदायिक तनाव पैदा हुआ. मई 2021 में ऐसी कई बैठकें आयोजित की गईं, जिनमें एक मुस्लिम व्यक्ति आसिफ की लिचिंग करने वालों का समर्थन करने के लिए इंद्री में एक विशाल बैठक भी की गई. इसमें हरियाणा बीजेपी के स्पोक्सपर्सन और करणी सेना के प्रमुख सूरज पाल अमू ने एक विवादास्पद बयान दिया था, जो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था.

सोशल मीडिया पर वायरल हुए एक वीडियो में हरियाणा के इंद्री जिले के महापंचायत में अमू को हरियाणा में लोगों की एक बड़ी सभा के सामने भाषण देते हुए सुना गया, जो कि पहले हुई एक स्थानीय मुस्लिम व्यक्ति की लिंचिंग का समर्थन करता है.

अमू के भाषण ने विवाद खड़ा कर दिया था, जिसमें उन्होंने कहा था कि हमारे लड़के दोषी नहीं हैं. वे (मुसलमान) हमारी बहनों और बेटियों की तस्वीरों को तोड़-मरोड़ कर पेश करते हैं, तो क्या हमें उनकी हत्या भी नहीं करनी चाहिए?

उन्होंने कहा था कि हम उन्हें पीटेंगे, जिस किसी में भी हिम्मत है वो हमें रोकने की कोशिश कर सकता है.

अपनी स्पीच शुरू करने से पहले अमू को "सच्चे और अच्छे हिंदुओं" से हाथ उठाने के लिए कहते हुए देखा जा सकता था. भीड़ से उन्होंने फिर पूछा कि अगर वहां पाकिस्तान का कोई बच्चा है, तो उसे भी हाथ उठाना चाहिए. उन्होंने आगे कहा कि मुसलमान किसी के भाई नहीं हैं, वे सब कसाई हैं.
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31 मई को अपने फेसबुक पेज पर वीडियो पोस्ट करने वाले अमू कैप्शन में लिखा कि- आज हजारों लोग इंद्री (नूह) में हिंदू महापंचायत के लिए आए. जो अपराध करता है, वह उसे करने वाले से बड़ा अपराधी है. अगर कोई हमारे हिंदू धर्म का अपमान करता है, तो क्या आप चुप रहेंगे? सच्चे भारतीय ही कमेंट करते हैं.

उन्हें गिरफ्तार नहीं किया गया था और इसके बजाय उन्होंने पटौदी में एक और महापंचायत में मुस्लिम विरोधी भाषण दिया.

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