"जुनैद चाचा एक शादी में गए थे, रास्ते में राजस्थान-हरियाणा बॉर्डर से पुलिस ने उन्हें हिरासत में लिया. फिर उन्हें बहुत पीटा. किसी तरह 70 हजार रुपए देकर उन्हें छुड़ाया गया. लेकिन अब 10 दिन बाद उनकी मौत हो गई." हरियाणा के नूह के जमालगढ़ गांव के रहने वाले सद्दाम अपने चाचा जुनैद की मौत का कारण पुलिस की पिटाई बताते हैं.
दरअसल, ये मामला 31 मई 2021 से शुरू होता है, जब फरीदाबाद साइबर क्राइम पुलिस ने जुनैद समेत 6 लोगों को हिरासत में लिया था. पुलिस का कहना है कि मेवात क्षेत्र के जमालगढ़ गांव के रहने वाले जुनैद के भाइयों और कुछ लोगों पर साइबर फ्रॉड का एक मामला चल रहा है.
फरीदाबाद पुलिस प्रवक्ता ने अपने प्रेस नोट में कहा है,
“कार्रवाई करते हुए पुलिस ने गुप्त सूत्रों के आधार पर 31 मई की रात को शाहिद नाम के एक व्यक्ति और अन्य पांच से पूछताछ की थी. अन्य पांच लोगों में से एक का नाम जुनैद था. साइबर पुलिस ने किसी भी व्यक्ति को किसी भी प्रकार की कोई प्रताड़ना नहीं दी और न ही किसी को अवैध हिरासत में रखा.”
लेकिन मृतक जुनैद के रिश्तेदार आरोप लगाते हैं कि फरीदाबाद की साइबर क्राइम पुलिस ने जुनैद को बेरहमी से पुलिस कस्टडी में पीटा था. फिर 70 हजार रुपए रिश्वत लेकर छोड़ा.
सद्दाम बताते हैं,
“पिटाई के बाद से ही से ही वो (जुनैद) बीमार रहने लगे थे. उनकी तबियत बिगड़ती गई. इसी दौरान पुलिस ने 5 जून को मेरे दो चाचा इरशाद और आजाद को भी गिरफ्तार कर लिया. पुलिस कहती है कि एक साल पुराना कोई धोखाधड़ी का केस है. लेकिन अगर ये केस धोखाधड़ी का है तो जुनैद चाचा को क्यों पकड़ा था? उन्हें क्यों पीटा?”
12 पुलिस वालों के खिलाफ दर्ज हुई FIR
जुनैद की मां ने बिछोर थाने में एक शिकायत दर्ज कराई है, जिसमें उन्होंने कहा है कि 7 लोगों ने उनके बेटे को पीटा है और उन्हें धर्म के आधार पर बुरा-भला कहा और जान से मारने की धमकी दी था. मां की गई शिकायत में लिखा है,
“जुनैद को दिखाने के लिए हम सीएचसी पुन्हाना गए, एसडीएम पुन्हाना के आदेश पर मेरे लड़के जुनैद का मेडिकल हुआ, लेकिन तबियत ज्यादा खराब होने की वजह से डॉक्टर ने मांडीखेरा रेफर कर दिया. तबितय जब ज्यादा बिगड़ी तो हम होडल लेकर गए. होडल अस्पताल पहुंचने से पहले ही शरीर में लगी चोट के कारण जुनैद की मृत्यु हो गई.”
जुनैद की मां की शिकायत पर 12 पुलिसवालों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है. फरीदाबाद साइबर थाना प्रभारी बसंत कुमार समेत 12 पुलिसकर्मियों के खिलाफ 302, 342, 34 IPC की धाराओं में हत्या का मामला दर्ज हुआ है.
पुलिस ने सभी आरोपों से किया इनकार, कहा-जुनैद पहले से था बीमार
क्विंट ने जब बिछोर के एसएचओ रमेश से मामले की जानकारी ली तो उन्होंने कहा कि ये मामला फरीदाबाद साइबर क्राइम देख रही है. लेकिन जब डेथ हो गई तो उसका पोस्टमॉर्टम करा दिया है. हमारे थाने से कोई मतलब नहीं है.
फिर क्विंट ने साइबर क्राइम, फरीदाबाद के एसएचओ से बात की तो उन्होंने कहा,
“जुनैद को अवैध हिरासत में रखा गया और प्रताड़ना दी गई और इस कारण उसकी मृत्यु हुई है, ये आरोप सरासर झूठा और आधारहीन है. जुनैद किडनी की बीमारी से ग्रस्त था. ”
जब हमने साइबर क्राइम, फरीदाबाद के एसएचओ से जुनैद के खिलाफ कोई केस न होने की बात कही तो एसएचओ ने कहा कि उसके भाइयों के खिलाफ केस था.
पुलिस प्रवक्ता द्वारा जारी प्रेस नोट में लिखा है, “80,000 रुपये की वित्तीय धोखाधड़ी हुई थी जिसका मुकदमा नंबर 1/2020 साइबर पुलिस स्टेशन फरीदाबाद में 28 सितंबर 2020 को दर्ज किया गया था. उसी पर पुलिस ने फोन ट्रेसिंग और सूचना के आधार पर कुछ लोगों को पकड़ा. जिसमें जुनैद भी था. केस में उसका नाम नहीं था इसलिए उसे छोड़ दिया था.”
मौत पर विरोध प्रदर्शन, 250 लोगों पर केस
जुनैद की मौत के बाद गांववालों ने शव को होडल हाईवे पर रखकर 12 जून को प्रदर्शन किया और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की. इसी दौरान पुलिस और प्रदर्शनकारियों की झड़प हो गई. पुलिस का आरोप है कि इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने पथराव किए और पुलिस की गाड़ियों को नुकसान पहुंचाया. इसमें मामले में पुलिस ने 250 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया है.
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