दिल्ली धर्म संसद मामले में दिल्ली पुलिस (Delhi Police) को हलफनामे पर सुप्रीम कोर्ट ने फटकार लगाई है. दिल्ली पुलिस के हलफनामे पर सुप्रीम कोर्ट ने बेहतर हलफनामा पेश करने को कहा है. इसके लिए 4 मई तक का वक्त दिया गया है.
दरअसल, पिछले सप्ताह कोर्ट में जमा किए हलफनामे में दिल्ली पुलिस ने कहा था कि धर्म संसद में किसी विशेष समुदाय के खिलाफ हेट स्पीच का प्रयोग नहीं किया गया. था. हालांकि, दिल्ली में एक हिंदू युवा वाहिनी कार्यक्रम में वक्ताओं द्वारा हर कीमत पर हिन्दू राष्ट्र का आह्वान किया गया था.
दिल्ली पुलिस ने भी सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष स्वीकार किया कि उसे अपने हलफनामे पर फिर से विचार करने की आवश्यकता है, जिसमें कहा गया था कि 19 दिसंबर 2021 को राजधानी में आयोजित "धर्म संसद" में कोई अभद्र भाषा का प्रयोग नहीं हुआ था. दिल्ली पुलिस की तरफ से कहा गया है कि वह एक बेहतर हलफनामा दायर करेगी.
न्यायमूर्ति एएम खानविलकर ने कहा कि यह हलफनामा दिल्ली पुलिस उपायुक्त द्वारा दायर किया गया है. क्या वह इस रुख को स्वीकार करते हैं? या उन्होंने सब-इंस्पेक्टर स्तर पर जांच रिपोर्ट को तैयार किया है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि दिल्ली पुलिस का नया हलफनामा 4 मई तक दाखिल किया जाना चाहिए.
बता दें, 17 और 19 दिसंबर के बीच, दिल्ली में (हिंदू युवा वाहिनी द्वारा) और हरिद्वार (यति नरसिंहानंद द्वारा) में आयोजित दो कार्यक्रमों में मुसलमानों के खिलाफ हिंसा के लिए खुले आह्वान सहित हेट स्पीच का प्रयोग किया गया था.
दिल्ली पुलिस ने अपने हलफनामे में सुप्रीम कोर्ट को यह भी बताया था कि दिल्ली में कार्यक्रम और भाषण किसी के धर्म को सशक्त बनाने और उसके अस्तित्व को खतरे में डालने वाली बुराइयों का सामना करने के बारे में थे.
पिछले साल 19 दिसंबर को दिल्ली में धर्म संसद के दौरान सुदर्शन न्यूज टीवी के मुख्य संपादक सुरेश चव्हाणके ने लोगों से शपथ लेने का आग्रह किया था और कहा था "हिंदू राष्ट्र के लिए लड़ेंगे और जरुरत पड़ी तो मारेंगे भी. यह कार्यक्रम दक्षिणपंथी समूह हिंदू युवा वाहिनी द्वारा आयोजित किया गया था.
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