भीम आर्मी के नेता चन्द्रशेखर आजाद दुष्कर्म पीड़िता के परिजनों से मिलने बुलगड़ी गांव पहुंचे. जहां उन्हें अन्य साथियों को अंदर परिवार से मिलने की इजाजत दी गई. सिर्फ 5 लोग ही भीम आर्मी चीफ के साथ परिवार से मिलने पहुंचे. इससे पहले चंद्रशेखर आजाद ने दो बार परिवार से मिलने की कोशिश की थी, लेकिन दोनों बार उन्हें रोक दिया गया था.
पांच लोगों के साथ गांव पहुंचे भीम आर्मी चीफ
दरअसल चंद्रशेखर आजाद के काफिले को पुलिस प्रशासन ने हाथरस से पहले ही रुकवा दिया था ताकि हालात को काबू में रखा जा सके. इसके बाद वो अपने काफिले को छोड़कर पैदल ही परिवार से मिलने के लिए आए. चन्द्रशेखर ने गांव में आते ही मीडिया से कहा, बहुत दिनों से मुलाकात नहीं हुई, जो हालात है उससे नहीं लगता कुछ अच्छा हो रहा है.
लेकिन परिवार से मिलने के बाद चंद्रशेखर मीडिया के सामने आए और उन्हें सुरक्षा देने की बात कही. आजाद ने कहा कि परिवार को अगर सरकार सुरक्षा नहीं दे सकती है तो वो उन्हें अथॉरिटी दे, वो खुद परिवार की सुरक्षा करेंगे. उन्होंने कहा,
जिस तरह से इस सरकार ने लोकतंत्र की हत्या की है, मुझे सुप्रीम कोर्ट के अलावा किसी पर भी भरोसा नहीं है. सरकार ने जितनी पुलिस यहां लोगों को रोकने के लिए लगाई है, उतनी पुलिस बहनों-बेटियों की सुरक्षा के लिए क्यों नहीं लगाई जाती है?
चंद्रशेखर आजाद ने कहा कि जब यहां पर मेरी सुरक्षा पर सवाल खड़ा किया जा रहा है तो पीड़ित परिवार की सुरक्षा का क्या होगा. साथ ही उन्होंने सरकार से अपील करते हुए कहा कि जल्द से जल्द पीड़ित परिवार की सुरक्षा के लिए ऐलान करे.
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