उत्तर प्रदेश की योगी सरकार में सहयोगी सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री ओम प्रकाश राजभर ने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है.
राजभर ने बताया कि उन्होंने 13 अप्रैल की रात में ही यूपी कैबिनेट के मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था, जब बीजेपी ने उन्हें अपने सिंबल पर चुनाव लड़ने के लिए कहा था. राजभर ने कहा कि उन्होंने बीजेपी को साफ कह दिया था कि वह अपनी ही पार्टी के सिंबल पर चुनाव लड़ेंगे. लेकिन बीजेपी ने उनके प्रस्ताव पर सहमति नहीं जताई और ना ही उनका इस्तीफा स्वीकार किया.
मैंने 13 अप्रैल को मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था, लेकिन सरकार ने मेरा इस्तीफा अब तक मंजूर नहीं किया.ओमप्रकाश राजभर
पर्याप्त सीटें न मिलने से नाराज हैं राजभर
ओपी राजभर लोकसभा चुनाव से पहले भी बीजेपी से नाराज चल रहे थे.उन्होंने मार्च महीने में ही गठबंधन से अलग होने का ऐलान कर दिया था. राजभर ने कहा था कि उनकी पार्टी बीजेपी से रिश्ता तोड़कर उत्तर प्रदेश में अपने दम पर चुनाव लड़ेगी. इसके बाद राजभर ने प्रदेश के आखिरी चरणों के चुनाव में अपने 25 उम्मीदवार उतारने की घोषणा भी कर दी थी. लेकिन बाद में उन्हें मना लिया गया. हालांकि, राजभर इसके बाद सीटों को लेकर बिगड़ गए.
राजभर की पार्टी पूर्वी यूपी में पांच सीटें चाह रही थी. लेकिन बीजेपी उन्हें पांच सीटें देने को तैयार नहीं थी. इसलिए आखिर में यह तय हुआ कि राजभर की पार्टी पूर्वी यूपी में दो सीटों पर चुनाव लड़ेगी. लेकिन योगी आदित्यनाथ ने इसमें भी पंगा डाल दिया और उनसे कहा कि इसमें से एक सीट पर सुहेलदेव का उम्मीदवार बीजेपी के चुनाव निशान पर मैदान में उतरेगा.
नाराजगी के बाद बीजेपी अध्यक्ष पर लगाया बड़ा आरोप
ओमप्रकाश राजभर ने अपनी नाराजगी को लेकर बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह पर बड़ा आरोप लगाया था. राजभर ने एक जनसभा के दौरान आरोप लगाते हुए कहा था कि अमित शाह ने उन्हें BJP में शामिल होने के लिए धमकी दी थी.
राजभर ने हाल ही में चंदौली में एक जनसभा के दौरान कहा कि अमित शाह ने फरवरी में चुनाव से पहले उनसे कहा था कि, ‘बीजेपी में शामिल हो जाओ वर्ना तुम्हे बर्बाद कर दूंगा’. ओपी राजभर ने इस पर कहा कि वो (बीजेपी अध्यक्ष) शायद ये नहीं जानते कि हम महाराजा सुहेलदेव राजभर के वंशज हैं, जो 40 किलो की तलवार चलाने के लिए जाने जाते हैं.
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