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JNU प्रोफेसरों की याचिका पर दिल्ली HC ने गूगल, फेसबुक को दिया नोटस

जेएनयू प्रशासन से हिंसा की फुटेज को सुरक्षित रखने को लेकर को प्रतिक्रिया नहीं मिली.

Published
भारत
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दिल्ली हाई कोर्ट ने 13 जनवरी को जेएनयू प्रोफेसर की याचिकाओं की सुनवाई करते हुए दिल्ली पुलिस, दिल्ली सरकार, व्हाट्सएप, गूगल और एप्पल को नोटिस जारी कर मांगी है. जेएनयू के प्रोफेसर ने याचिका दी थी कि यूनिवर्सिटी कैंपस में 5 जनवरी की शाम को हुई हिंसा की सीसीटवी फुटेज और बाकी सबूत को सुरक्षित सम्हालकर रखा जाए. पुलिस ने हाईकोर्ट को बताया है कि उनको अभी जेएनयू प्रशासन से हिंसा की फुटेज को सुरक्षित रखने को लेकर को प्रतिक्रिया नहीं मिली.

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दिल्ली सरकार के स्टैंडिंग काउंसिल ने कोर्ट को बताया कि पुलिस को अब तक जेएनयू प्रशासन से कोई जवाब नहीं मिला है. उन्होंने ये भी बताया कि पुलिस ने व्हाट्सएप को लिखा है कि जिन दो ग्रुप पर जेएनयू की हिंसा की योजना बनाई गई, उसका सारा डेटा मतलब मैसेज, फोन नंबर, फोटो और वीडियो को सुरक्षित रखें. जेएनयू हिंसा में जिन दो व्हाट्सएप ग्रुप का इस्तेमाल हुआ था उनका नाम था- “Unity Against Left” और “Friends of RSS”.

ये याचिका जेएनयू के प्रोफेसर अमित पारामीश्वर, अतुल सूद और शुक्ला विनायक ने दायर की थी. ताकि कोर्ट दिल्ली पुलिस और दिल्ली सरकार को जरूरी दिशा-निर्देश दे सकें. याचिका में ये भी मांग की गई थी दिल्ली पुलिस जेएनयू के सभी सीसीटीवी फुटेज को बचाने की कोशिश करे.

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5 जनवरी की शाम JNU में क्या हुआ?

JNU कैंपस में 5 जनवरी की शाम को जमकर हिंसा हुई. हाथ में डंडे और रॉड लिए नकाबपोश हमलावरों ने कैंपस के अंदर घुसकर जमकर तोड़पोड़ और मारपीट की. इस दौरान जेएनयूएसयू अध्यक्ष, महासचिव समेत कई छात्र और शिक्षक करीब 28 लोग जख्मी हुए. बाद में दिल्ली पुलिस ने कैंपस के अंदर जाकर फ्लैग मार्च किया. दिल्ली के AIIMS में घायलों का इलाज चल रहा है. इस घटना के बाद मुंबई, कोलकाता, अलीगढ़ के छात्र भी जेएनयू के समर्थन में उतर आए और उन्होंने भी विरोध प्रदर्शन किया.

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