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दुनिया भर में सरकार और मीडिया पर लोगों का भरोसा घटा - सर्वे

ये सर्वे 19 अक्टूबर से 17 नवंबर के बीच 33 हजार उत्तरदाताओं के बीच कराया गया था.

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भारत
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कोरोना वायरस महामारी के बीच जिस तरह का रवैया दुनियाभर की मीडिया, बिजनेस चीफ और सरकारों का रहा उसके बाद लोगों का भरोसा उनमें घटा है. ग्लोबल सर्वे में ये पाया गया है कि आम लोगों को ऐसा लगता है कि उन्हें भ्रमित किया जा रहा है. एडलमैन के प्रतिष्ठित ट्रस्ट बैरोमीटर सर्वे के मुताबिक, 57 फीसदी लोगों का ऐसा मानना है कि सरकार चलाने वाले नेता, कारोबारी और पत्रकार गलत जानकारी या अतिश्योक्ति फैला रहे हैं.सर्वे को अगर लोगों की मीडिया हैबिट और वोटिंग पैटर्न के आधार पर देखें तो ये अमेरिका के समाज में हुए ध्रुवीकरण को भी बताता है, साथ ही ये भी कहता है कि ऐसे लोग जो सोशल मीडिया पर भरोसा करते हैं उनमें कोरोना वैक्सीन को लेकर ज्यादा हिचकिचाहट है.

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33% लोग ऐसे हैं जो वैक्सीन जल्द से जल्द लगवाने को तैयार हैं

एडलमैन कम्युनिकेशन ग्रुप के रिचर्ड एडलमैन कहते हैं कि जिस तरीके की हिंसा यूएस कैपिटल में पिछले हफ्ते देखी गई और कोरोना वैक्सीन के लिए सिर्फ एक तिहाई लोगों का इच्छुक होना जैसे संकेत बताते हैं कि गलत जानकारी के प्रसार का खतरा कितना बड़ा है.

रॉयटर्स की रिपोर्ट में एडलमैन के हवाले से जो आंकड़े बताए गए हैं उसके मुताबिक, सर्वे में 27 देशों से जवाब देने वाले उत्तरदाताओं में महज 33 फीसदी ही ऐसे हैं जो कहते हैं कि वो कोरोना वायरस की वैक्सीन जल्द से जल्द लगवा लेंगे. वहीं 31 फीसदी का कहना है कि वो एक साल के अंदर लगवाएंगे.

बता दें कि ये सर्वे 19 अक्टूबर से 17 नवंबर के बीतच 33 हजार उत्तरदाताओं के बीच कराया गया था.

सरकार और मीडिया पर भरोसा घटा है- सर्वे

सरकार पर भरोसे को लेकर अब तक की सर्वाधिक गिरावट दिखाई दी है. मई में जहां 65% लोगों ने सरकार पर भरोसा दिखाया था, साल के अंत तक ये आंकड़ा घटकर 53% हो गया. साउथ कोरिया, ब्रिटेन और चीन में सबसे ज्यादा गिरावट आई है.

मीडिया पर जनता का भरोसा 2019 के बाद से ही सर्वे में गिरता दिखाई दे रहा है. पारंपरिक ( ट्रेडिशनल) मीडिया से जनता के भरोसे में 8 अंकों के साथ 53% की गिरावट आई है. हालांकि अब भी जनता का भरोसा सोशल मीडिया की तुलना में पारंपरिक मीडिया पर ज्यादा है. सोशल मीडिया पर 5 अंकों की गिरावट के साथ 35%.लोग ही भरोसा करने वाले बचे हैं.

ज्यादातर लोगों का मानना है कि ऑब्जेक्टिव रहने के मामले में मीडिया का प्रदर्शन काफी खराब रहा है. खासतौर पर एशिया में जापानी मीडिया, यूरोप में इटली का मीडिया और साउथ अमेरिका में अर्जेंटीना के मीडिया संस्थान अविश्वसनीयता के मामले में अव्वल हैं.

यूनाइटेड स्टेट्स में ये ट्रेंड सामने आया है कि लोग अपने राजनीतिक झुकाव के आधार पर विश्वास या अविश्वास कर रहे हैं. जो बाइडेन के वोटर्स में से 63% लोग पत्रकारों पर भरोसा करते हैं. वहीं डोनाल्ड ट्रंप के सिर्फ 21% समर्थक ही मीडिया पर भरोसा करते हैं, वही डोनाल्ड ट्रंप जो लंबे समय तक मुख्यधारा के मीडिया पर फेक न्यूज का आरोप लगाते आए हैं.

बिजनेस लीडर्स पर क्या सोचते हैं लोग

इस सर्वे में बहुमत ने माना कि बिजनेस लीडर्स भी झूठ फैलाते हैं या अतिश्योक्ति फैलाते हैं. लेकिन इसके बावजूद बिजनेस लीडर्स पर भरोसा सरकार और मीडिया से ज्यादा दिखाया गया. 10 में से 9 उत्तरदाताओं ने कहा कि वो चाहते थे कि CEOs महामारी के प्रभाव, श्रम और सामाजिक मुद्दों पर बोलें. वहीं दो तिहाई का ये भी मानना था कि अगर सरकार दिक्कत का समाधान नहीं ढूंढ पाती है तो बिजनेस लीडर्स को दारोमदार संभालना चाहि

(इनपुट:रॉयटर्स)

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