केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने शुक्रवार को लोकसभा (Loksabha) में बताया कि सिर्फ पंजाब में कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर के दौरान ऑक्सीजन की कमी के कारण चार लोगों की मौत हुई है. निचले सदन में 'प्रश्नकाल' के दौरान एक सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि केंद्र ने 19 राज्यों को तीन बार पत्र लिखकर ऑक्सीजन की कमी से हुई मौतों का डेटा मांगा है, लेकिन केवल पंजाब ने रिपोर्ट दी है, मंत्री ने यह भी कहा कि 'ऑक्सीजन की कमी' पर काफी राजनीति हुई थी.
स मुद्दे पर उन्होंने आगे उल्लेख किया कि-
देश में 1400 मीट्रिक टन ऑक्सीजन के उपयोग की औसत आवश्यकता थी, लेकिन कोरोना वायरस की दूसरी लहर के दौरान, मांग बढ़कर 9000 मीट्रिक टन हो गई, जो एक असाधारण स्थिति थी. लेकिन जब स्थिति पैदा हुई, तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने देश के कोने-कोने में ऑक्सीजन की आपूर्ति के लिए हर संभव उपाय किए
उन्होंने कहा कि भारतीय वायु सेना द्वारा विदेशों से बड़े खाली कंटेनर लाए गए और भारतीय नौसेना के जहाजों द्वारा भरे हुए ऑक्सीजन कंटेनर को देश में ऑक्सीजन लाने के लिए सेवा में लगाया गया और हमने सभी अस्पतालों में पर्याप्त आपूर्ति की.
मंत्री ने यह भी कहा कि राज्यों को कोविड -19 मौतों पर उचित डेटा प्रदान करने से परहेज नहीं करना चाहिए, हमने राज्यों से डेटा प्रदान करने की बार-बार अपील की है, और 19 राज्यों ने जवाब दिया कि ऑक्सीजन की कमी के कारण कोई मौत नहीं हुई है.
मंत्री ने आगे कहा कि राज्यों ने अपने-अपने हाई कोर्ट को जवाब दिया कि कोई मौत नहीं हुई है, लेकिन उन्होंने केंद्र सरकार से देश में मौतों की संख्या पर सवाल उठाया है/
मंडाविया ने कहा, "हमने राज्यों को आगे भी कोविड -19 लहरों के लिए तैयार रहने के लिए कहा है और आश्वासन दिया है कि इस बार ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं है, सभी ऑक्सीजन संयंत्र पूरी क्षमता से काम कर रहे हैं.
स्वास्थ्य मंत्री ने सदन को यह भी बताया कि केंद्र ने इस महामारी की अगली लहर के लिए खुद को तैयार करने के लिए प्रत्येक जिला अस्पताल को अतिरिक्त धन आवंटित किया है.
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