देश के कई हिस्सों में शुक्रवार को गर्मी और लू असर देखने को मिला. गर्मी ने अपना प्रचंड रूप दिखना शुरू कर दिया है. देश के कई राज्यों जम्मू-कश्मीर, दिल्ली, हिमाचल प्रदेश और राजस्थान जैसे राज्यों में अब तक का सबसे अधिक तापमान दर्ज किया गया. दिल्ली में पारा करीब 47 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया. इसके बाद मौसम विभाग ने शुक्रवार को 'लाल रंग’ की चेतावनी जारी की है. अगले कुछ दिनों में गर्मी के प्रकोप में कमी आने की कोई संभावना नहीं है.
मौसम विभाग ने कहा है कि लू का प्रकोप 2 जून तक बरकरार रहेगा. श्रीगंगानगर में मई महीने में तापमान 49.6 डिग्री सेल्सियस पहुंचने से 75 साल का रिकॉर्ड टूट गया, जबकि चुरू में तापमान 48.5 डिग्री सेल्सियस और बीकानेर में तापमान 46.6 दर्ज किया गया.
स्काईमेट वेदर के महेश पालवत ने ट्वीट करके बताया
‘‘ दिल्ली का पारा चढ़ा. दिल्ली के पालम में 46.8 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया. मई महीने में 2013 के बाद दर्ज किया गया यह अधिकतम तापमान है. अभी तक मई महीने में 26 मई 1998 को सबसे ज्यादा अधिकतम तापमान 48.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था.”महेश पालवत, स्काईमेट
जुलाई महीने में मॉनसून भी रह सकता है सुस्त
मौसम विभाग के मुताबिक मानसून के इस बार उत्तर और दक्षिण भारत में सामान्य से कम रहने की संभावना है. विभाग ने कहा कि आमतौर पर माना जाता है कि अल-निनो मानसून पर अपना असर डालता है, जिसका असर बारिश के मौसम में जारी रहेगा. जुलाई में मानसून सामान्य से कम रहने की संभावना है, जबकि अगस्त में यह सामान्य रहेगा. मानसून के केरल तट के छह जून को पहुंचने की उम्मीद है. सामान्य तौर पर मानसून एक जून को यहां पहुंचता है. सामान्य से कम मानसून होने की दशा में गुजरात, महाराष्ट्र और तमिलनाडु में सूखे जैसे हालात बन सकते हैं.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)