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मुंबई में आग: हेमामालिनी आबादी को कैसे जिम्मेदार ठहरा सकती हैं !

हेमामालिनी ने मुंबई की आग के लिए आखिर किसको जिम्मेदार ठहरा दिया

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अभिनेत्री और बीजेपी सांसद हेमामालिनी चाहती हैं कि हर शहर की आबादी की लिमिट तय की जाए. उन्होंने मुंबई में कमला मिल में शुक्रवार को लगी आग के लिए एक तरह से शहर की आबादी को जिम्मेदार ठहरा दिया.

मुंबई के कमला मिल कंपाउंड में एक रेस्टारेंट में लगी आग से 14 लोगों की मौत हो गई और काफी लोग घायल हैं.

हेमामालिनी ने कहा...

ऐसा नहीं है कि पुलिस और प्रशासन अपना काम अच्छे से नहीं कर रहे हैं, वो बहुत अच्छा काम कर रहे हैं. लेकिन जनसंख्या इतनी ज्यादा है. जहां मुंबई खत्म होता है वहीं से दूसरा शहर शुरू हो जाता है, इस तरह शहर बढ़ता ही जा रहा है.

सांसद हेमामालिनी ने तो ये भी आइडिया दे दिया है कि बड़े शहरों की आबादी की लिमिट तय होनी चाहिए.

ये भी पढ़ें- कमला मिल्स में आग के लिए जिम्मेदार कौन

हर शहर की आबादी की लिमिट तय की जाए. लिमिट पूरी होने के बाद किसी को भी शहर में घुसने ना दिया जाए. वो लोग दूसरे शहर में जाएं

सोशल मीडिया में हेमामालिनी के इस सुझाव की जमकर आलोचना हुई है. लोगों का कहना है कि कोई सांसद इतना असंवेदनशील बयान कैसे दे सकता है.

आग के लिए हेमामालिनी आबादी को जिम्मेदार ठहरा रही हैं और मुंबई पुलिस और बीएमसी इसके लिए पब मालिकों को दोषी करार दे रहे हैं. प्रशासन के मुताबिक जहां आग लगी वहां सुरक्षा नियमों का जमकर उल्लंघन हुआ. लोगों को बाहर निकलने की जगह नहीं मिली. पुलिस का कहना है कि पब के मैनेजर और दूसरे कर्मचारी लोगों की मदद करने के बजाए भाग खड़े हुए.

“ पुलिस के मुताबिक आग से बचने के नियमों का पालन नहीं किया गया, लोगों को सुरक्षित निकलने का कोई रास्ता नहीं दिया गया”

ये पहली बार नहीं है कि हेमामालिनी ने इस तरह की अजब दलीलें दी हैं. सितंबर 2016 में उन्होंने कहा था कि बिहार और पश्चिम बंगाल की विधवा महिलाओं को वृंदावन में भीड़ नहीं बढ़ानी चाहिए. वृंदावन में ऐसे कई मंदिर हैं जहां ऐसी महिलाओं को रुकने की इजाजत है.

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