हेमंत सोरेन की याचिका पर 28 मार्च बुधवार को रांची हाईकोर्ट ने सुनवाई के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है. अदालत 4 मार्च को इस मामले पर अपना फैसला सुना सकती है. यह जानकारी हेमंत सोरेन के वकील पीयूष चित्रेश ने दी है. यह मामला ED के समन की अवहेलना से जुड़ा है.
अदालत ने इस मामले पर ज्यादा जानकारी देने से मना कर दिया. अदालत में ED का पक्ष रखते हुए भारत सरकार के एडिशनल सॉलिसीटर जनरल एसवी राजू ने कहा, "इस याचिका को खारिज किया जाना चाहिए क्योंकि इस याचिका को खारिज करने के लिए हेमंत सोरेन के खिलाफ पर्याप्त सबूत हैं."
ED ने हेमंत सोरेन के खिलाफ 20 फरवरी को केस दर्ज कराया था जिसमें ईडी ने बताया कि उनके खिलाफ जमीन घोटाला मामले में 7 समन भेजकर पूछताछ के लिए बुलाया गया था जिसमें सिर्फ 2 में ही वह हाजिर हुए थे. उनके द्वारा समन की अवहेलना करना PMLNA के तहत गैरकानूनी है.
रांची के बड़गाईं अंचल से संबंधित जमीन घोटाले को लेकर ईडी ने उन्हें पहली बार 14 अगस्त 2023 को हाजिर होने के लिए समन भेजा था। इसके बाद 19 अगस्त, 1 सितंबर, 17 सितंबर, 26 सितंबर, 11 दिसंबर, 29 दिसंबर 2023 के अलावा 13 जनवरी, 22 जनवरी और 27 जनवरी 2024 को समन भेजे गए थे. दसवें समन पर उनसे 31 जनवरी को पूछताछ हुई थी और इसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था.
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