गृह मंत्री अमित शाह ने एक तरफ पूरे देश में एनआरसी लागू करने की बात कही है वहीं असम के वित्त मंत्री हेमंत विश्व शर्मा ने केंद्र से असम में एनआरसी की फाइनल लिस्ट को रद्द करने की मांग की है.
‘एनआरसी में कई खामियां,प्रतीक हजेला ने की मनमानी’
गुवाहाटी में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में शर्मा ने कहा कि असम सरकार ने केंद्र से अपडेटेड एनआरसी को रद्द करने को कहा है क्योंकि इसमें कई खामियां हैं. एनआरसी की फाइनल लिस्ट इस साल 31 अगस्त को आई थी. उन्होंने कहा कि यह बड़ी कवायद एनआरसी के स्टेट को-ऑर्डिनेटर प्रतीक हजेला ने इकतरफा कदम उठा कर पूरी की.
शर्मा ने कहा
चूंकि अब एनआरसी की अपडेटेड लिस्ट में संशोधन की गुंजाइश नहीं है कि इसलिए इसलिए राज्य सरकार के साथ सत्ताधारी बीजेपी ने केंद्र से मौजूदा एनआरसी को रद्द करने की मांग की है.
‘एनआरसी में वे भी शामिल, जो इसके पात्र नहीं’
शर्मा ने कहा कि असम सरकार ने एनआरसी को मंजूर नहीं किया है. इस लिस्ट में ऐसे लोगों के नाम भी शामिल हैं, जो इसके योग्य नहीं हैं. जबकि कई वास्तविक नागरिक इसमें शामिल होने से वंचित रह गए. लिहाजा असम सरकार और बीजेपी ने गृह मंत्री से अनुरोध किया है कि एनआरसी के मौजूदा स्वरूप को रद्द कर दिया जाए.
शर्मा ने कहा कि प्रतीक हजेला ने राज्य सरकार को अलग रखकर अपडेशन की प्रक्रिया पूरी की. बीजेपी नेता ने कहा कि पूरे देश को लगता है कि एनआरसी को असम सरकार ने अपडेट किया है. हम सिर्फ एक व्यक्ति की वजह से खामियाजा भुगत रहे हैं.
असम सरकार के वित्त मंत्री हेमंत ने कहा कि शरणार्थी के तौर बांग्लादेश से भारत आए भारतीयों के नाम एनआरसी में शामिल नहीं किया है. क्योंकि अफसरों ने शरणार्थी प्रमाण पत्र लेने से इनकार कर दिया था. कई लोगों ने आरोप लगाया है कि डेटा में हेरफेर करके ऐसे लोगों के नाम भी एनआरसी लिस्ट में शामिल किया गया है, जो इसके पात्र नहीं थे.
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