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लड़कियों को फूड मेन्यू क्यों पकड़ाते हो,बार मेन्यू क्यों नहीं?

8 मार्च, इस वीमेंस डे पर प्रियंका ने घिसी-पीटी, दकियानूसी सोच से आगे परेशान नहीं होने का फैसला किया है

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प्रियंका भार्गव, मिंत्रा डिजाइन प्राइवेट लिमिटेड की हेड / एसोसिएट डायरेक्टर, पीआर हैं. उन्होंने ऐसी कई सोच के बारे में हमें बताया जिनपर उन्हें हंसी आती है और वो उससे छुटकारा चाहती हैं. मसलन उनका कहना है कि जब भी वो अपने पति के साथ डिनर पर बाहर जाती हैं तो अक्सर उन्हें खाने का मेन्यू थमा जिया जाता है और उनके पति के हाथ में बार मेन्यू पकड़ा दिया जाता है? क्यों?

ये प्रियंका का सवाल है- क्या महिलाएं ड्रिंक नहीं कर सकती?

प्रियंका आगे कहती हैं-

मुझे तब और बुरा लगता है जब पेमेंट के समय बिल हमेशा पति को सौंप दिया जाता है और हम, औरतों को भरने के लिए एक फीडबैक फॉर्म दिया जाता है. “क्या उन्हें लगता है कि हम डिनर का बिल पेमेंट करने के काबिल नहीं हैं?”

इसलिए, 8 मार्च, इस वीमेंस डे पर प्रियंका ने इन घिसी-पीटी, दकियानूसी सोच से आगे परेशान नहीं होने का फैसला किया है!

(लड़कियों, वो कौन सी चीज है जो तुम्हें हंसाती है? क्या तुम लड़कियों को लेकर हो रहे भेदभाव पर हंसती हो, पुरुषों के दबदबे वाले समाज पर, महिलाओं को लेकर हो रहे खराब व्यवहार पर या वही घिसी-पिटी 'संस्कारी' सोच पर. इस महिला दिवस पर जुड़िए क्विंट के 'अब नारी हंसेगी' कैंपेन से. खाइए, पीजिए, खिलखिलाइए, मुस्कुराइए, कुल मिलाकर खूब मौज करिए और ऐसी ही हंसती हुई तस्वीरें हमें भेज दीजिए buriladki@thequint.com पर.)

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

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