कर्नाटक उच्च न्यायालय (Karnataka highcourt) ने पूर्व मुख्यमंत्री बी.एस. येदियुरप्पा (BS. Yedurappa), उनके बेटे बीजेपी (BJP) उपाध्यक्ष विजयेंद्र और अन्य को भ्रष्टाचार के एक मामले में 17 अगस्त को अदालत में जांच के लिए पेश होने को कहा है. गुरुवार को जारी समन उनके परिवार के सदस्यों शशिधर मराडी, विरुपक्षप्पा यमकनामरादी, संजयश्री, ठेकेदार चंद्रकांत रामलिंगम, पूर्व मंत्री एस.टी. सोमशेखर, आईएएस अधिकारी डॉ. जी.सी. प्रकाश, होटल उद्योगपति के. रवि गुरुवार को दिया गया है.
येदियुरप्पा के खिलाफ याचिका दायर
एक कार्यकर्ता और वकील टी.जे. अब्राहम ने पूर्व मुख्यमंत्री और अन्य के खिलाफ याचिका दायर की थी. यह शिकायत पीपुल्स रिप्रेजेंटेटिव कोर्ट में दायर की गई थी. अदालत ने आठ जुलाई को मंजूरी के अभाव में याचिका खारिज कर दी थी क्योंकि येदियुरप्पा मुख्यमंत्री थे.
विशेष अदालत के आदेश को शिकायतकर्ता ने चुनौती दी थी. न्यायमूर्ति सुनील दत्त यादव की अध्यक्षता वाली उच्च न्यायालय की पीठ ने जांच के लिए याचिका स्वीकार कर ली क्योंकि येदियुरप्पा ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था.
रिश्वत लेने का आरोप
यह आरोप लगाया गया है कि येदियुरप्पा को बेंगलुरु विकास प्राधिकरण (बीडीए) में एक आवास परियोजना को लेकर ठेकेदारों से रिश्वत मिली थी.
परिवार वालो ने कार्यालय का किया दुरूपयोग
यह भी आरोप है कि येदियुरप्पा के परिवार ने मुख्यमंत्री कार्यालय का दुरुपयोग किया और ठेकेदारों से रिश्वत ली गई. याचिका में येदियुरप्पा पर रिश्वत लेने के लिए परियोजनाओं को आवंटित करने, गति देने और मंजूरी देने का आरोप लगाया गया है.
शिकायत में आरोप लगाया गया है कि येदियुरप्पा के परिवार के सदस्यो के स्वामित्व वाली फर्मों को फर्जी कंपनियों से पैसा ट्रांसफर किया गया था.
आईएएनएस से बात करते हुए, शिकायतकर्ता टी.जे. अब्राहम ने कहा कि आरोपी व्यक्तियों को गुरुवार को समन जारी किया गया था. आरोपी या तो अपना प्रतिनिधित्व या वकील के माध्यम से बात कर सकता है.
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