सुप्रीम कोर्ट (Suprme Court) में आज यानी 29 अगस्त 2022 को कर्नाटक हाईकोर्ट के उस आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई शुरू हुई जिसमें शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब (Hijab) पहनने पर प्रतिबंध लगाया गया था.
सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कर्नाटक राज्य को नोटिस जारी किया, साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं के स्थगन के अनुरोध को खारिज करते हुए नाराजगी जाहिर की.
सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता को कहा,
"हम फोरम शॉपिंग की अनुमति नहीं देंगे. आप तत्काल लिस्टिंग चाहते थे और अब आप सुनवाई स्थगित करना चाहते हैं. हम इसकी अनुमति नहीं देंगे."
जस्टिस हेमंत गुप्ता और जस्टिस सुधांशु धूलिया की बेंच अब इस मामले पर 5 सितंबर को सुनवाई करेगी.
बता दें कि 15 मार्च 2022 को कर्नाटक हाईकोर्ट ने सरकारी स्कूलों और कॉलेजों में हिजाब पहनने पर प्रतिबंध को प्रभावी ढंग से बरकरार रखा था. सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि मुस्लिम महिलाओं द्वारा हिजाब पहनना इस्लाम में आवश्यक धार्मिक प्रथा का हिस्सा नहीं है.
क्या हुआ था कर्नाटक हाई कोर्ट में
कर्नाटक हाई कोर्ट ने 15 मार्च को कर्नाटक सरकार के उस आदेश को बरकरार रखा था जिसमें राज्य के सरकारी कॉलेजों की कॉलेज विकास समितियों को कॉलेज परिसर में मुस्लिम छात्राओं द्वारा हिजाब पहनने पर प्रतिबंध लगाने का अधिकार दिया गया था.
चीफ जस्टिस रितु राज अवस्थी, जस्टिस कृष्णा एस दीक्षित और जस्टिस जेएम खाजी की तीन-जजों की बेंच ने कहा था कि:
हिजाब इस्लाम की आवश्यक धार्मिक प्रथाओं का हिस्सा नहीं है.
ड्रेस कोड का निर्देश संवैधानिक है और स्टूडेंट्स इसपर आपत्ति नहीं कर सकते.
शैक्षणिक संस्थानों में ड्रेस कोड का प्रावधान याचिकाकर्ताओं के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन नहीं है.
सरकार के पास GO पास करने का अधिकार है. इसे अमान्य करने का कोई मामला नहीं बनता है. सरकार के पास शासनादेश जारी करने का अधिकार था. इसे अमान्य करने का कोई मामला नहीं बनता.
कैसे शुरू हुआ हिजाब विवाद?
कर्नाटक में हिजाब विवाद की शुरुआत जनवरी 2022 में हुई थी. उडुपी प्री-यूनिवर्सिटी कॉलेज की 6 मुस्लिम छात्राओं को हिजाब पहनकर क्लास में आने से रोक दिया गया था. छात्राओं ने इसका विरोध किया और फिर देखते-देखते ये विरोध दूसरे जिलों में भी फैल गया. इसके अलावा कई हिंदू छात्र मुस्लिम छात्राओं के हिजाब पहनने के खिलाफ विरोध करने लगे. विरोध में हिंदू छात्र भगवा गमछा ओढ़कर कॉलेज आने लगे, जिसके बाद कई शहरों में तनाव फैल गया.
कर्नाटक सरकार के ड्रेस कोड के खिलाफ मुस्लिम छात्राओं ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया और मांग की कि उन्हें हिजाब पहनकर क्लास में आने की इजाजत दी जाए. कर्नाटक हाईकोर्ट ने अंतरिम में स्कूलों और कॉलेजों में किसी भी तरह के धार्मिक पहनावे पर रोक लगा दी थी, जिसके बाद याचिकाकर्ताओं ने इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी.
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