कर्नाटक हाईकोर्ट ने शैक्षिक संस्थानों में हिजाब बैन (Karnataka Hijab Row) को चुनैती देने वाली कई याचिकाओं को खारिज कर दिया है. हाईकोर्ट का कहना है कि हिजाब पहनना इस्लाम की अनिवार्य धार्मिक प्रथा नहीं है. कर्नाटक हाईकोर्ट ने कहा कि ड्रेस कोड का निर्देश संवैधानिक है और स्टूडेंट्स इसपर आपत्ति नहीं कर सकते.
हाईकोर्ट के फैसले पर कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवाराज बोम्मई ने सभी से शांति बनाए रखने और स्टूडेंट्स को क्लास में बैठने की अनुमति देने की अपील की. मुख्यमंत्री ने कहा, "शिक्षा सबसे ज्यादा जरूरी है."
स्कूल-कॉलेज, बड़े आयोजन बंद
कर्नाटक हाईकोर्ट के फैसले को देखते हुए राज्य में शांति और लॉ एंड ऑर्डर मेनटेन करने के लिए सरकार ने राजधानी बेंगलुरू में 15 से 19 मार्च तक के लिए बड़े आयोजनों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है.
उडूपी जिला प्रशासन ने 15 मार्च को स्कूलों और कॉलेजों में छुट्टी का ऐलान किया है. वहीं, उडूपी समेत कई जिलों में धारा 144 भी लागू कर दी गई है.
कहां से शुरू हुआ विवाद?
उडुपी प्री-यूनिवर्सिटी कॉलेज की छह मुस्लिम स्टूडेंट्स को हिजाब पहनकर क्लास में प्रवेश करने से रोक दिया गया था. स्टूडेंट्स ने इसका विरोध किया और विरोध अन्य जिलों में भी फैल गया. ये एक बड़ा विवाद बन गया. कुछ हिंदू स्टूडेंट्स के भगवा गमछा ओढ़कर कॉलेज आने के बाद कई शहरों में तनाव फैल गया था.
मुस्लिम स्टूडेंट्स ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया और मांग की कि उन्हें हिजाब पहनकर क्लास में प्रवेश करने की अनुमति दी जाए. कर्नाटक हाईकोर्ट ने अंतरिम में स्कूलों और कॉलेजों में किसी भी तरह के धार्मिक पहनावे पर रोक लगा दी थी, जिसके बाद याचिकाकर्ताओं ने इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी.
हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया और याचिकाकर्ताओं से हाईकोर्ट से ही राहत मांगने को कहा.
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