ADVERTISEMENTREMOVE AD

हिमाचल प्रदेश: सरकार बनाने वाले कांगड़ा को सिर्फ एक मंत्री, आखिर क्या है वजह?

Himachal Pradesh हिमाचल प्रदेश: सरकार बनाने वाले कांगड़ा को सिर्फ एक मंत्री, आखिर क्या है वजह?

Published
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा

हिमाचल प्रदेश में सुक्खू कैबिनेट का विस्तार हो चुका है. कुल 7 विधायकों ने मंत्रीपद की शपथ ली, जिसमें कांगड़ा जिले से भी एक विधायक हैं. लेकिन सवाल उठ रहे हैं कि आखिर एक ही क्यों? जबकि कांगड़ा से 15 में से 10 कांग्रेस विधायकों ने जीत दर्ज की थी. अबकी बार ही नहीं, पिछली सरकार ने भी कांगड़ा से ज्यादा विधायकों का मंत्री बनने का मौका नहीं मिला था. समझने की कोशिश करते हैं कि ऐसा क्यों?

ADVERTISEMENTREMOVE AD

कांगड़ा को सरकार बनवाने वाला जिला माना जाता है 

हिमाचल प्रदेश में कांगड़ा बड़ा जिला है. यहां विधानसभा की 15 सीटें हैं. कांग्रेस ने 10 सीटों पर जीत हासिल की. जिले से प्रदेश के कई दिग्गज नेता भी आते हैं.

कांग्रेस ने ज्वाली के विधायक चंद्र कुमार को कैबिनेट में जगह दी है. इससे पहले उन्हें प्रोटेम स्पीकर भी बनाया था. लेकिन अहम बात ये है कि धर्मशाला से सुधीर शर्मा, आशीष बुटेल और रघुबीर सिंह बाली जैसे दिग्गजों और राजनीति में अहम पकड़ रखने वालों को भी मंत्रीमंडल में जगह नहीं मिली.

हालाकिं सुक्खू सरकार ने संतुलन बनाए रखने की कोशिश की गई है. आशीष बुटेल को CPS बनाया गया है. लेकिन सुधीर शर्मा को कैबिनेट में जगह ना मिलना सियासी गलियारों में चर्चा का विषय है. रविवार को राजभवन में जब मंत्रियों का शपथ का ग्रहण समारोह हुआ था तब भी यहां सुधीर शर्मा नजर नही आए थे.

जिस पार्टी ने कांगड़ा को जीता, उसकी बनी सरकार

कांगड़ा का अपना एक इतिहास रहा है कि जो पार्टी यहां 10 में से सबसे ज्यादा सीटें जीतती है वही सत्ता पर काबीज होती है. इस बार भी कांग्रेस की सरकार बनकर एक बार फिर ये सही साबित हुआ, लेकिन मंत्री पद न मिलने से कांगड़ा फिर चर्चा में आ गया है. चंद्र कुमार को OBC कोटे से मंत्री बनाया है. वहीं कांगड़ा से सुधीर शर्मा को ब्राह्मण कोटे से कैबिनेट में जगह मिलनी का कयास था. पालमपुर से विधायक बने आशीष बुटेल का नाम रेस में माना जा रहा था, लेकिन केवल एक मंत्री बनने से तमाम चर्चांओं पर विराम लग गया.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

BJP सरकार ने भी कांगड़ा को नजरअंदाज किया था 

कांगड़ा के साथ ऐसा पहली बार नहीं हुआ है. पिछली बीजेपी सरकार भी इसी कांगड़ा की बदौलत बनी थी लेकिन तब इस जिले से विधायकों की संख्या के अनुपात में मंत्री नहीं बने. BJP सरकार ने शुरू में कैबिनेट में दो मंत्रियों बिक्रम सिंह और सरवीण चौधरी को मंत्रीमंडल में जगह दी थी. लेकिन बाद में कैबिनेट विस्तार कर राकेश पठानिया को मंत्री बनाया था.

संतुलन नहीं मेरिट के आधार पर बनाया मंत्रीमंडल - CM सुक्खू

कैबिनेट को लेकर कोई कुछ भी कहे लेकिन CM सुक्खविंदर सुक्खू ने अपना पक्ष साफ कर दिया है. कैबिनेट गठन के बाद सुक्खू ने कहा कि संतुलन की कोई बात नहीं है, ये मंत्रीमंडल मेरिट लिस्ट के आधार पर बनाया है. उन्होंने कहा कि सात मंत्रियों में से चार मंत्री पहली बार बने हैं और जल्द ही इन्हें विभाग बांट दिए जाएंगे.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

स्वच्छ छवि वालों को मिली है मंत्रिमंडल में जगह

CM सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कैबिनेट में फिलहाल सात मंत्रियों को जगह दी है. उन्होंने कैबिनेट विस्तार के बाद कहा कि मंत्रिमंडल विस्तार से पहले विधायकों ने कार्य को सुचारू रूप से चलाया. जो उंगली उठाते थे उनके पास कहने को कुछ नहीं था इसलिए उंगली उठाते थे. आज हमने ईमानदार स्वच्छ छवि के लोगों को मंत्रिमंडल में जगह दी है. जल्द ही मंत्रिमंडल का और विस्तार होगा.

क्या बोले उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री?

उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने भी कैबिनेट पर अपनी राय दी है. उन्होंने कहा कि यह मंत्रीमंडल पूरी तरह से संतुलित मंत्रिमंडल है उन्होंने कहा है कि मंत्रीमंडल को लेकर किसी से कोई मनमुटाव नहीं है.
ADVERTISEMENTREMOVE AD

विक्रमादित्य ने दी सलाह

दूसरी बार विधायक बने विक्रमादित्य सिंह को सुक्खू कैबिनेट में मंत्री पद मिला है. लिहाजा मंत्री पद की शपथ लेने के बाद उन्होंने एक सलाह दे डाली. विक्रमादित्य ने कहा कि हिमाचल प्रदेश की दूसरी विधानसभा यानी तपोवन का सही इस्तेमाल किया जाना जरूरी है. उन्होंने कहा कि साल भर में इस विधानसभा का केवल पांच से छह दिन ही प्रयोग हो रहा है. उन्होंने कहा कि यह पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष बृज बिहारी लाल बुटेल की भी सोच थी कि इस विधानसभा का सही इस्तेमाल किया जाए.

महाभारत से हैं कांगड़ा की सियासत का कनेक्शन

शायद कम ही लोग जानके होंगे कि जिला कांगड़ा की सियासत का महाभारत कनेक्शन है. दरअसल कांगड़ा का प्राचीन नाम त्रिगर्त है. प्रचीन समय में त्रिगर्त के नाम से जाने जाने वाले कांगड़ा के राजा रहे सुशर्मा का जिक्र महाभारत में आता है. सुशर्मा ने कौरव पक्ष की ओर से महाभारत का युद्ध लड़ा था. लिहाजा देश की प्राचीन राजनीति में भी कांगड़ा की भूमिका रही है.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

अब तीन मंत्रियों में से कांगड़ा को कुछ आस

सुक्खू कैबिनेट में अभी तीन और मंत्री बनने हैं. लिहाजा अब कांगड़ा को उन तीन मंत्रियों में से कुछ तो मिलने की उम्मीद जताई जा रही है. लेकिन दूसरी तरफ जिला बिलासपुर की घुमारवीं सीट से राजेश धर्माणी का नाम अंतिम समय तक मंत्री पद के लिए आगे चलता रहा, लेकिन मंत्रीपद नहीं मिला. अब देखना होगा कि सबको मनाने और साथ लेकर चलने के लिए सुक्खू किस तरह से सामंजस्य बैठाते हैं.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
×
×