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हिमाचल: गोकशी के आरोप, पुलिस के सामने नारे लगाती भीड़ का उत्पात.. नाहन में क्या हुआ?

Himachal Pradesh: यहां कुछ संगठनों ने सभी बाहरी मुस्लिम व्यापारियों को दुकान खाली करके जाने का अल्टीमेटम दिया है.

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"एक ही नारा-एक ही नाम, जय श्री राम-जय श्री राम"..

"देश के गद्दारों को, गोली मारो *** को"

यह नारे हिमाचल प्रदेश के नाहन (Nahan, Himachal Pradesh) शहर में बुधवार, 19 जून को लगे. नारे लगाती सैकड़ों की भीड़ सिरमौर जिले के इस शहर में मौजूद कुछ गारमेंट्स की दुकानों में तोड़-फोड़ कर रही थी, सामान निकालकर बाहर सड़क पर फेंक रही थी. उस भीड़ में पुलिसकर्मी भी मौजूद थे जो खड़े-खड़े सबकुछ सिर्फ देख रहे थे.

यह दुकान मुस्लिम समुदाय के व्यापारियों की हैं जिनके खिलाफ यह भीड़ खड़ी हुई थी. इस हिंसक भीड़ का यह आरोप है कि इन मुस्लिम व्यापारियों में से एक, जावेद ने बकरीद के दिन अपने व्हाट्सऐप स्टेट्स पर गोकशी करते तस्वीर शेयर की थी जिससे नाराज होकर दक्षिणपंथी भीड़ ने यहां के सभी बाहरी मुस्लिम व्यापारियों को दुकान खाली कर जाने का अल्टीमेटम दे दिया.

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कैसे शुरू हुआ विवाद?

सारा विवाद उस समय शुरू हुआ जब जावेद ने एक सोशल मीडिया पोस्ट शेयर किया. आरोप है कि उसने कथित तौर पर गोकशी से संबंधित तस्वीरें अपने स्टेट्स पर लगाईं. इससे कई स्थानीय हिंदू संगठन नाराज हो गए और उन्होंने अधिकारियों से उस व्यक्ति के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग करते हुए विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया.

साथ ही उस इलाके में मौजूद बाहरी राज्यों से आए अन्य 6 मुस्लिम व्यापारियों को भी अपनी-अपनी दुकान खाली करने के लिए भी 24 घंटे का अल्टीमेटम दे दिया.

फिर नारेबाजी के साथ भीड़ बढ़ती गई और वह उग्र होती गई. स्थिति तेजी से बिगड़ गई और भीड़ दुकान के बाहर जमा हो गई. सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में भीड़ 'जय श्री राम' और 'देश के गद्दोरों को गोली मारो *** को' जैसे नारे लगाती नजर आ रही है.

इस भीड़ ने कानून अपने हाथ में ले लिया और अल्पसंख्यक समुदाय से जुड़ीं दुकानों को निशाना बनाया. गुस्साई भीड़ दुकान के बंद शटर उठाने में कामयाब रही और एक घंटे से अधिक समय तक दुकान के अंदर उत्पात मचाती रही. उसने कम से कम दो दुकानों के सामान (गारमेंट की दुकान के कपड़े) को सड़क पर फेंक दिया.

इस बीच वहां मौजूद पुलिसकर्मी भीड़ के सामने सरेंडर करते नजर आ रहे हैं.

तोड़फोड़ के बाद, भीड़ ने कथित गोकशी की घटना के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए डिप्टी कमिश्नर के कार्यालय की ओर मार्च किया.

जावेद को पकड़ने की कोशिश जारी, भीड़ पर प्रशासन ने क्या एक्शन लिया?

मामले के सामने आने के बाद सिरमौर के डिप्टी कमिश्नर सुमित खिमटा और पुलिस अधीक्षक रमन कुमार मीणा स्थिति को संभालने के लिए घटनास्थल पर पहुंचे.

IPS रमन कुमार मीणा ने भीड़ को समझाते हुए कहा, "आप यह न सोचें कि अगर किसी ने ऐसी घटना (गोकशी) सिरमौर में की है तो हम उसपर कार्रवाई नहीं करेंगे. जिस आरोपी के फोटो वायरल हुए हैं उसकी कॉल लोकेशन ट्रेस करने का आदेश दे दिया गया है. उसकी गिरफ्तारी के लिए स्पेशल टीम भेजी जाएगी.

"हिमाचल प्रदेश में गौरक्षा के लिए विशेष अधिनियम बना हुआ है. तो यह मान लें कि अगर उसने यहां ऐसा कुछ किया है तो आईपीसी की धाराओं के साथ इस अधिनियम की धाराएं उसपर लगेंगी."
रमन कुमार मीणा, IPS, पुलिस अधीक्षक

पुलिस अधिक्षक रमन कुमार मीणा से क्विंट हिंदी ने भी बात की है. उन्होंने बताया कि आरोपी जावेद पर IPC की धारा 295A (किसी की धार्मिक भावनाओं को आहत करने के इरादे से जानबूझकर और दुर्भावनापूर्ण कार्य) के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है और उसकी गिरफ्तारी का प्रयास किया जा रहा है.

"गोकशी का यह मामला राज्य के बाहर हुआ है. आरोपी 15 जून को ही यहां से चला गया था. वह संभवतः यूपी के शामली का रहने वाला है. यह घटना (जो स्टेटस लगाया गया था) भी वहीं की है, नाहन की नहीं. उसके संपर्क में रहने वाले लोगों ने उसके व्हाट्सऐप स्टेट्स से ऐसी फोटो देख ली थी.

तोड़-फोड़ करने वाली भीड़ पर लिए गए एक्शन के सवाल पर IPS मीणा ने कहा कि भीड़ पर भी IPC की धारा 147, 149 और 509 के तहत एफआईआर दर्ज की गई है और उनकी पहचान की जा रही है.

IPC की धारा 147 और 149 दंगों से जुड़ीं है जबकि 509 आपराधिक धमकी से.

उन्होंने आगे बताया कि तमाम संगठनों की तरफ से दुकान खाली करने का अल्टीमेटम केवल बाहरी राज्यों से आकर बसे व्यापारियों (सभी मुस्लिम) को दिया गया है. उन्होंने कहा कि इस संबंध में गुरूवार को पीस कमिटी की बैठक बुलाई गई और सभी पक्षों के लोगों को साथ में लेकर यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि किसी के साथ कोई नाइंसाफी न हो.

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एक बड़ा सवाल इस बात को लेकर भी उठ रहा है कि आखिर भीड़ पुलिस बल के सामने तोड़-फोड़ करती रही और उस समय कोई बड़ा एक्शन क्यों नहीं लिया गया. यही सवाल हमने IPS मीणा से किया. इसपर उन्होंने कहा कि पुलिस के जवानों ने तुरंत सामान फेंकने की घटना को बंद कराया. जब उनसे पूछा गया कि ऐसा वायरल वीडियो में तो नहीं दिख रहा, इसपर उन्होंने कहा कि केवल 20-30 सेकेंड का वीडियो शेयर किया जा रहा. पुलिस ने ही सामान अंदर रखा, पुलिस ने ही शटर डाउन किया.

"पुलिस की तरफ से त्वरित एक्शन लिया जा सकता था. लेकिन वहां भीड़ थी. हम इस पहलू पर देख रहे हैं, उसे ऑन-रिकॉर्ड ले रहे हैं."
रमन कुमार मीणा, IPS, पुलिस अधीक्षक

बता दें कि हिंदू संगठनों के आह्वान के बाद बुधवार की सुबह नाहन का बाजार बंद था. स्थानीय व्यापार संघ और अन्य व्यापारियों ने इन संगठनों का समर्थन किया, स्थानीय दुकानदारों ने विरोध में सक्रिय रूप से भाग लिया. स्थानीय व्यापार संघ ने लंबे समय से क्षेत्र में प्रवासी दुकानदारों के आने का विरोध किया है.

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