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"पेपर लीक, भर्तियों में गड़बड़ी", क्यों भंग किया गया हिमाचल कर्मचारी चयन आयोग?

हिमाचल प्रदेश में 2500 से अधिक पदों पर होने वाली भर्तियों पर लटकी तलवार.

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सरकारी नौकरियों की उम्मीद लगाए हिमाचल प्रदेश के अभ्यर्थियों को सुक्खू सरकार ने बड़ा झटका दिया है. पेपर लीक के बाद विवादों में आए कर्मचारी चयन आयोग, हमीरपुर को सुक्खू सरकार ने निलंबन के बाद भंग कर दिया है. इससे प्रदेश में 2500 से अधिक पदों पर होने वाली भर्तियों पर तलवार लटक गई है. सुक्खू सरकार ने आदेश जारी किए हैं कि आगे फिलहाल जो भी भर्ती होगी वो हिमाचल प्रदेश लोकसेवा आयोग के तहत ही होगी. लेकिन, सवाल ये है कि आखिर सुक्खू सरकार ने कर्मचारी चयन आयोग को क्यों भंग किया?

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दरअसल, कर्मचारी चयन आयोग के तहत हुई भर्तियों में पेपल लीक होने के मामले सामने आए थे. सरकार ने जांच बैठाई तो कई नए-नए खुलासे सामने आए. सरकार ने साल 2019 से ली गई सभी परीक्षाओं को भी जांच के घेरे में रखा है. जांच रिपोर्ट के मुताबिक साल 2019 से ली गईं 22 परीक्षाओं की भी जांच चल रही है. ऐसे में 2500 से अधिक पदों पर हुई भर्तियों पर तलवार लटकी पड़ी हैं. सबसे बड़ी बात है कि कुछ परीक्षाएं तो ऐसी हैं, जिसके परिणाम घोषित कर सफल अभ्यर्थियों की तैनाती भी कर दी गई है. ऐसे में सवाल उठता है कि अब इन अभ्यर्थियों का क्या होगा जो नौकरी में हैं? इससे पहले कर्मचारी चयन आयोग के बारे में जान लेते हैं कि हिमाचल में इसकी नींव कैसे पड़ी?

हिमाचल में कैसे बना कर्मचारी चयन आयोग ?

  • 10 अक्टूबर 1998 को प्रदेश की तत्कालीन प्रेम कुमार धूमल सरकार ने हिमाचल अधीनस्थ सेवाएं कर्मचारी चयन आयोग से स्थापना की

  • साल 2016 में इसका नाम बदलकर कर्मचारी चयन आयोग कर दिया गया

  • शुरुआत में यहां एक चेयरमैन के अलावा सदस्य के दो पद थे

  • साल 2012 में आयोग के सदस्यों की संख्या दो से बढ़ाकर चार कर दी गई

कैसे खत्म हुआ आयोग ?

23 दिसंबर 2022: विजिलेंस ने JOA (IT) पेपर लीक का मामला पकड़ा

26 दिसंबर 2022: विजिलेंस की रिपोर्ट पर सरकार ने कर्मचारी चयन आयोग को सस्पेंड किया

28 दिसंबर 2022: कर्मचारी चयन आयोग में तैनात महिला कर्मचारी समेत पांच लोग गिरफ्तार

21 फरवरी 2023: विजिलेंस ने चार्जशीट दायर की, इसमें कुल आठ आरोपी बनाए

21 फरवरी 2023: सरकार ने कर्मचारी चयन आयोग हमीरपुर को भंग किया

कई टॉपर्स को भी नहीं पता, कैसे कर गए टॉप ?

आरोप है कि कर्मचारी चयन आयोग हमीरपुर पिछले कुछ साल से भ्रष्टाचार का बड़ा अड्डा बना हुआ था. कई परीक्षाओं के पेपर लीक करवाए गए और इन्हें बेचा गया. विजिलेंस जांच से ऐसे चौंकाने वाले और सनसनीखेज तथ्य सामने आए हैं. सूत्रों के अनुसार कुछ टॉपर तो ऐसे भी थे जिन्हें ये भी पता नहीं था कि वे टॉप कैसे कर गए? जांच में आयोग के कर्मचारियों, अधिकारियों की टॉप टू बॉटम तक कइयों की संलिप्तता पाई गई. अब इन पर और इनके सगे संबंधियों पर गाज गिरना तय माना जा रहा है. पैसों के लालच में क्लर्क से लेकर चपरासी तक की संलिप्तता रही है.

जांच के घेरे में 2019 से ली गई 22 परीक्षाएं

शिक्षा सचिव अभिषेक जैन और DIG विजिलेंस जी शिवा कुमार की तरफ से प्रदेश सरकार को दी गई रिपोर्ट के मुताबिक कर्मचारी चयन आयोग की ओर से साल 2019 से ली गई 22 परीक्षाओं की जांच हो रही है. इन परीक्षाओं में से तीन परीक्षाओं का परिणाम घोषित होने के बाद सफल उम्मीदवार पदभार संभाल चुके हैं. ये परीक्षाएं भी जांच के दायरे में हैं. ज्यादातर परीक्षाओं के परिणाम घोषित हो गए हैं और बाकी प्रक्रिया पूरी की जा रही थी, जिनमें टाइपिंग टेस्ट बाकी थे. ये वे परीक्षाएं हैं जिनमें वरिष्ठ सहायक उमा आजाद का संबंध रहा है. इन 22 परीक्षाओं से करीब चार लाख लोग जुड़े हैं.

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JOA (IT) परीक्षा के लिए 1.35 लाख उम्मीदवारों ने अप्लाई किया था

विजिलेंस के दायरे में आई 22 परीक्षाओं में से पिछले 25 दिसंबर को 319 पदों के लिए ली जाने वाली JOA (IT) भर्ती का पेपर, परीक्षा से दो दिन पहले लीक हो गया था. इस परीक्षा के लिए एक लाख 35 हजार उम्मीदवार थे. इससे पहले हुई JOA (IT) परीक्षा को डेढ़ लाख उम्मीदवारों ने दी थी.

विजिलेंस की ओर से जिन परीक्षाओं के लिए जांच कर रही है, उनमें लैब सहायक और सहायक जेल अधीक्षक पद के लिए पास उम्मीदवार पदभार संभाल चुके हैं. इसके अलावा भी एक और परीक्षा है, जिसे पास कर अभ्यार्थी पदभार संभाल चुके हैं.

“पेपर लीक से किसी को नौकरी मिली तो होगी कार्रवाई”

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा है कि अगर जांच में ये सामने आया कि पूर्व में किसी कर्मचारी को पेपर लीक से नौकरी मिली है, तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. इसके लिए सभी पहलुओं की पड़ताल की जा रही है. उन्होंने कहा कि सरकार आने वाले समय में युवाओं को शिक्षा विभाग समेत अन्य विभागों में नौकरी के अवसर उपलब्ध करवाएगी.

परीक्षा पास कर चुके हैं अभ्यर्थियों का क्या ?

कर्मचारी चयन आयोग हमीरपुर को भंग करने के बाद सरकार ने फैसला लिया है कि जो जो एग्जाम हो चुके हैं और डॉक्यूमेंटेशन बाकी है, वह भी हिमाचल प्रदेश लोकसेवा आयोग ही करेगा. जब तक कोई अल्टरनेट या टेंस्टिंग एजेंसी नहीं बन जाती, तब तक आगे आने वाली भर्तियां भी हिमाचल प्रदेश लोकसेवा आयोग करवाएगा.

“चयन आयोग में शामिल थे टॉप टू बॉटम लोग”

सीएम सुक्खू ने कहा कि अब तक जांच में पाया गया है कि हिमाचल प्रदेश कर्मचारी चयन आयोग हमीरपुर में टॉप टू बॉटम तक लोग पेपर लीक मामले में शामिल थे. इस मामले में कुछ गिरफ्तारियां भी हुई हैं, जबकी कइयों के खिलाफ जांच जारी है. उन्होंने कहा कि जांच में कुछ ऐसे तथ्य सामने आए हैं, जिन्हें अभी सार्वजनिक नहीं किया जा सकता है.

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CM सुक्खू ने बताया क्यों लिया फैसला?

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि बड़े दुख के साथ कहना पड़ रहा है कि कर्मचारी चयन आयोग में बीते तीन साल से भर्ती परीक्षाओं के पेपर लीक हो रहे थे और जांच रिपोर्ट में इसका खुलासा हुआ है. इसको देखते हुए आयोग को भंग करने का फैसला लिया गया है. सुक्खू ने कहा कि सरकार के अधिकारियों और जांच एजेंसियों ने चयन आयोग विवाद मामले में तथ्यों को सही पाया. मंगलवार सुबह इसकी फाइनल रिपोर्ट आई, जिसके बाद चयन आयोग को भंग करने का फैसला लिया गया.

2500 से अधिक पदों पर लटकी तलवार

कर्माचारी चयन आयोग हमीरपुर के भंग होने के बाद 2500 से अधिक पदों पर होने वाली भर्तियां लटक गई हैं. 79 विभिन्‍न पोस्ट कोड के तहत 1,647 पद भरने के लिए आयोग ने अक्टूबर 2022 में ऑनलाइन आवेदन मांगे थे. इनकी छंटनी प्रक्रिया के बाद लिखित परीक्षाओं का शेड्यूल जारी होना था. 28, 29 दिसंबर और पहली जनवरी को छह पोस्ट कोड की भर्ती परीक्षाएं प्रस्तावित थीं, जो पेपर लीक मामला सामने आने के बाद नहीं हो पाई हैं. इन भर्तियों में लैब सहायक, JOA (IT), LDR क्लर्क, कंप्यूटर ऑपरेटर और स्टेनो टाइपिस्ट शामिल हैं. आठ अन्य पोस्ट कोड की लिखित परीक्षाएं हो चुकी हैं, उनकी 15 अंक की  मूल्यांकन परीक्षाएं प्रस्तावित थीं.

कर्मचारी चयन आयोग ने शिक्षा विभाग, पुलिस, एचआरटीसी और बिजली बोर्ड समेत 79 विभिन्‍न पोस्ट कोड के तहत विभिन्न श्रेणियों के 1,647 पद भरने के लिए अक्टूबर में आवेदन मांगे थे. इनमें पोस्ट कोड 1075 शिक्षा विभाग में जेबीटी शिक्षकों के 467 पद, पोस्ट कोड 1031 एचआरटीसी में कंडक्टर के 360 पद, पोस्ट कोड 1073 स्वास्थ्य विभाग में ओटी असिस्टेंट के 162 पद भरे जाने थे.

पोस्ट कोड 1087 पुलिस सब इंस्पेक्टर के 28 पद, कोड 1088 दमकल विभाग में फायरमैन के 79 पद, पोस्ट कोड 1078 बिजली बोर्ड में जेई के 78 पद, पोस्ट कोड 1072 खाद्य नागरिक आपूर्ति निगम में जेओए के 42 पद, पोस्ट कोड 1056 राज्य आडिट विभाग में जुनियर आडिटर के 37, पोस्ट कोड 1025 आयुष विभाग में फार्मासस्ट के 41 पद और प्रदेश तकनीकी शिक्षा वोकेशन एंड औद्येगिक प्रशिक्षण सुंरदनगर में विभिन श्रेणियों के 165 पद भरे जाने थे, लेकिन कर्मचारी चयन आयोग भंग होने से अब बेरोजगारों को और लंबा इंतजार करना पड़ेगा.

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