एक हिंदुत्व फंडरेजर समूह ने फ्रिस्को और टेक्सास में आंध्र प्रदेश के तिरुपति में "अवैध चर्चों के विध्वंस" के लिए फंड जुटाने के लिए समारोह किया. इससे अमेरिका में तूफान मच गया है. करीब 14 सिविल राइट्स और धार्मिक संगठनों ने आयोजक की गतिविधियों के जांच की मांग की है. इसके साथ ही ग्रुप के खिलाफ प्रदर्शन भी हुए हैं.
ग्लोबल हिंदू हेरिटेज फाउंडेशन (Global Hindu Heritage Foundation ) फंडरेजर फ्रिस्को में एक भारतीय-अमेरिकी द्वारा एक एकेडमी की बिल्डिंग में आयोजित किया गया, जहां उनके एजेंडा की लिस्ट में 'घर वापसी' (मुसलमानों और ईसाइयों का हिंदू धर्म में 'वापसी') जैसे मुद्दे शामिल थे.
फंडरेजर
फंडरेजर इवेंट के लिए एक सूचना अमेरिकी इवेंट मैनेजमेंट और टिकटिंग वेबसाइट इवेंट ब्राइट पर पोस्ट किया गया था. इवेंट में GHHF : गाला डिनर, एनुअल फंडरेजर और वालेंटियर एप्रिसिएशन डे का जिक्र था. इवेंट पेज में GHHF के जिन एजेंडों को लिस्ट किया गया था वे इस प्रकार से हैं : घर वापसी, बाल संस्कार केंद्र- संडे स्कूल, ग्राम देवताओं का पुनर्स्थापन, भारत में अन्नदान, कार्तिक मास पूजा किट वितरण, तिरुपति में अवैध चर्चों को गिराना, गौशालाएं, ऑक्सीजन कॉन्सेंट्रेटर और वेंटिलेटर, डलास मेट्रोपॉलिटन शहरों (एसआईसी) में पहले रिस्पॉन्डर्स को मुफ्त भोजन परोसा गया.
घर वापसी और "तिरुपति में अवैध चर्चों का विध्वंस" का उल्लेख, इन दोनों एजेंडों ने स्थानीय भारतीय-अमेरिकी समुदाय, विशेष रूप से ईसाइयों और मुसलमानों के एक बड़े हिस्से को परेशान किया.
नीचे दिखाई गई तस्वीर फ्लायर (सूचना) ली गई है, जिसमें हमने स्पष्टता के लिए "घर वापसी" और "तिरुपति में अवैध चर्चों के विध्वंस" के एजेंड़े को हाइलाइट किया है.
जीएचएचएफ (GHHF) ने इस बात की पुष्टि करते हुए क्विंट को बताया कि यह इवेंट तय कार्यक्रम के मुताबिक 27 नवंबर को आयोजित की गई. कार्यक्रम की अध्यक्षता GHHF के प्रेसीडेंट प्रकाशराव वेलागापुडी ने की थी. उन्होंने बताया कि आयोजन के दौरान कोई पैसा नहीं जुटाया गया, इस विषय पर केवल चर्चा की गई.
कार्यक्रम में उनके गेस्ट और फंडरेजर में शामिल होने वाले लोग कौन थे? इस प्रश्न को उन्होंने टाल दिया.
रकीब हमीद नाइक बोस्टन स्थित एक पत्रकार हैं, जो नियमित तौर पर अमेरिका में दक्षिण एशियाई आबादी पर रिपोर्ट करते हैं. उन्होंने इस घटना के बारे में 28 नवंबर को पहली बार ट्वीट करते हुए कहा, "भारत में विभिन्न अल्पसंख्यक विरोधी गतिविधियों को फंड प्रदान करने के लिए जीएचएचएफ अमेरिका में पैसा इकट्ठा करता है."
GHHF ने इवेंटब्राइट पर अपने इवेंट पेज पर कहा कि "हिंदू मंदिरों को बचाने, हिंदू धर्म को संरक्षित और सुरक्षित रखने" के मिशन के साथ इसकी स्थापना की गई थी.
फ्लायर के साथ इवेंटब्राइट वेबसाइट का लिंक सबसे पहले 9 नवंबर को ग्रुप के फेसबुक पेज पर पोस्ट किया गया था.
फ्लायर में जो लिखा था उसके अनुसार फंडरेजर का वेन्यू (स्थान) फ्रिस्को की रिचवुड्स अकादमी थी, जो खुद को "मल्टी-स्पोर्ट्स एंड एकेडमिक्स आफ्टर-स्कूल फैसिलिटी" के तौर पर बताती है.
यह रेवती नायडू द्वारा संचालित है. इसके ब्रोशर में नायडू को सेंटर डायरेक्टर बताया गया है.
क्विंट ने उनका जवाब जानने के लिए स्कूल को एक ईमेल भेजा, लेकिन अभी तक हमें उनकी तरफ से कोई जवाब नहीं मिला है.
'ईसाई-विरोधी नफरत का बेहूदा प्रदर्शन'
इस इवेंट के बाद, अमेरिका में लगभग 14 सिविल राइट्स और धार्मिक संगठनों ने हिंदुत्व संगठन की जांच की मांग करते हुए अमेरिकी कांग्रेस के सदस्यों, टेक्सास के दो अमेरिकी सीनेटरों, फ्रिस्को के मेयर जेफ चेनी और टेक्सास के गवर्नर ग्रेग एबॉट को पत्र लिखा है.
इन संगठनों में उत्तरी अमेरिका में भारतीय अमेरिकी ईसाई संगठनों का संघ (FIACONA), भारतीय अमेरिकी मुस्लिम परिषद (IAMC) और जेनोसाइड वॉच जैसे नाम शामिल हैं. इन्होंने टेक्सास के निर्वाचित प्रतिनिधियों को एक पत्र लिखा, जिसमें फंड उगाहने वाले के बारे में गहरी चिंता व्यक्त की.
"भारतीय ईसाई पहले से ही रोजाना भारी उत्पीड़न का सामना कर रहे हैं. ऐसे में जीएचएचएफ खुले तौर पर भारतीय ईसाइयों को इतना बड़ा नुकसान पहुंचाने के अपने लक्ष्य का विज्ञापन कर रहा है. हमें लगता है कि ये काफी खतरनाक और परेशान करने वाला है. हमारा आपसे आग्रह है कि आप निर्वाचित अधिकारियों के तौर पर अपने मंच का उपयोग ईसाई विरोधी नफरत और कट्टरता के इस खुले और बेहूदा प्रदर्शन की निंदा करने के लिए करें."टेक्सास के निर्वाचित प्रतिनिधियों के लिए नागरिक अधिकार संगठनों का एक पत्र
इसके अलावा संगठनों ने यह भी मांग की है कि निर्वाचित प्रतिनिधि इंटरनल रेवेन्यू सर्विस (IRS), यूएस डिपार्टमेंट ऑफ जस्टिस (DoJ) और फेडरल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (FBI) को पत्र लिखकर अनुरोध करें कि ग्लोबल हिंदू हेरिटेज फाउंडेशन के खिलाफ तत्काल जांच और कानूनी कार्रवाई की जाए. संगठन ने लिखा है कि "भारत में धार्मिक अल्पसंख्यकों के खिलाफ नफरत फैलाने और हिंसा को बढ़ावा देकर कानूनी तौर पर 501c3 के तहत मिली मान्यता का उल्लंघन किया जा रहा है."
इन धार्मिक संगठनों ने फ्रिस्को सिटी में GHHF के खिलाफ प्रदर्शन किए हैं.
नाइक ने कहा कि यह समूह मुसलमानों और ईसाइयों को हिंदू धर्म में परिवर्तित करने के लिए घर वापसी प्रोजेक्ट्स चलाता है और "वे तिरुपति को चर्च मुक्त (चर्च-फ्री) शहर बनाना चाहते हैं."
"हालांकि यह मेरे लिए आश्चर्य की बात नहीं है... लेकिन जो नया है वह इसे प्रचारित करने का उनका दुस्साहस है."रकीब हमीद नाइक, पत्रकार
सिविल राइट्स और धार्मिक संगठनों द्वारा जो पत्र दिए गए उस पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए जीएचएचएफ के अध्यक्ष प्रकाशराव वेलागापुडी ने कहा, "इवेंट के दौरान हमने सात अलग-अलग विषयों को संबोधित किया. चर्चों का विध्वंस केवल उन विषयों में से एक था, जिन पर हमने चर्चा की."
वेलागापुडी ने आगे कहा, "हम चर्चों के अवैध निर्माण के बारे में जनता को शिक्षित करना चाहते हैं."
वेलागापुडी ने कहा कि वे खुद चर्चों को नहीं गिराएंगे, बल्कि इसके बारे में केवल स्थानीय अधिकारियों को लिखेंगे. उन्होंने जोर देते हुए कहा कि उनका समूह "अवैध रूप से निर्मित चर्चों" को टारगेट करता है.
फ्रिस्को पुलिस विभाग की ओर से बताया गया कि "एक फ्लायर सर्कुलेट हो रहा था जोकि GHHF से जुड़े एक फंडरेजर के बारे में है."
हालांकि, विभाग ने कहा कि "उनका विश्लेषण फ्रिस्को शहर के भीतर होने वाली किसी भी अवैध गतिविधि को नहीं दिखाता है."
क्विंट के सवाल के जवाब में फ्रिस्को पुलिस ने कहा, "हमारे संज्ञान में लाए गए मुद्दों की हम सराहना करते हैं और फ्रिस्को के भीतर होने वाली अवैध गतिविधि से संबंधित अतिरिक्त जानकारी रखने वाले किसी व्यक्ति को भी हमसे संपर्क करने के लिए हम प्रोत्साहित करते हैं."
ग्लोबल हिंदू हेरिटेज फाउंडेशन (GHHF)
ग्लोबल हिंदू हेरिटेज फाउंडेशन (GHHF) फ्रिस्को में एक 501 (सी) (3) के तहत मान्यता प्राप्त गैर-लाभकारी संगठन है और यह भारत में अपने ऑपरेशन्स के लिए पैसे जुटाता है. इसके ऑपरेशन्स में घर वापसी और "अवैध" चर्चों के खिलाफ अभियान और "मंदिरों को बचाने" के लिए पूरे भारत में हिंदू धार्मिक और धर्मार्थ बंदोबस्ती अधिनियमों को समाप्त करना शामिल है.
501(c)(3) स्टेटस होने के नाते यह समूह टैक्स-मुक्त है. यह स्टेटस कुछ गैर-लाभकारी धार्मिक और धर्मार्थ संगठनों को प्रदान किया जाता है.
खोजी पत्रकारिता मंच ProPublica कर-मुक्त संगठनों का एक डेटाबेस भी मेंटेन करता है, उसके अनुसार, वर्ष 2020 में GHHF का कुल रेवेन्यू 236,959 डॉलर था, जिसमें कुल कार्यात्मक व्यय 152,714 डॉलर था जबकि शुद्ध आय 84,245 डॉलर थी. ProPublica डेटाबेस के अनुसार, ग्लोबल हिंदू हेरिटेज फाउंडेशन की कुल संपत्ति 204,332 डॉलर है.
'हिंदू संस्कृति की रक्षा करो, संरक्षित करो'
अपनी वेबसाइट पर GHHF ने अपने जिन लक्ष्यों को बताया है, उसमें "विश्व स्तर पर हिंदू संस्कृति, हिंदू मंदिरों, मठों, पीठों, बंदोबस्ती, ट्रस्टों और अन्य संस्थानों की रक्षा, संरक्षण, प्रचार और रखरखाव करने" की बात कही है.
घर वापसी पर पोस्ट के साथ वेबसाइट को नियमित रूप से अपडेट किया जाता है. वेबसाइट इस तरह के आयोजनों की तस्वीरों और समाचारों से भरी पड़ी है.
नाइक ने कहा "समूह ने इस साल की शुरुआत में तमिलनाडु में 57 और ईसाइयों को धर्मांतरित करने का दावा किया था. पिछले हफ्ते ही इस समूह ने भारत के पूर्वोत्तर राज्य असम में पांच ईसाइयों और मुसलमानों के पुन: धर्मांतरण का दावा किया."
नाइक ने पिछले हफ्ते की जिस घर वापसी का जिक्र किया, उसका उल्लेख इसकी वेबसाइट - savetemples.org के एक लेख में किया गया है. 24 नवंबर 2022 को की गई पोस्ट में दावा किया गया कि “चार ईसाई और एक मुसलमान हिंदू धर्म में लौट आए और एक शपथ पत्र पर हस्ताक्षर कर अपनी स्वतंत्र इच्छा के साथ वापसी की घोषणा की.”
GHHF ने इसी साल फरवरी में यह दावा किया कि उसने लगभग 2000 लोगों के साथ असम में 'सनातन हिंदू धर्म सभा' का आयोजन किया जिसमें लोगों ने "गैर-हिंदुओं को संपत्ति नहीं बेचने का प्रस्ताव पारित किया."
17 फरवरी 2022 को एक लेख पोस्ट किया गया, जिसमें कहा गया है कि GHHF घर-घर जाकर सभी परिवारों को "लव जिहाद" पर एक बुकलेट वितरित करने का भी काम कर रहा है, जिसमें उनसे "उनकी बेटियों को टारगेट किए जाने के संभावित खतरे के बारे में जागरूक रहने के लिए कहा गया है." कथित तौर पर बुकलेट में पांच बिंदु शामिल थे, जिसमें एक यह भी है कि "कैसे कुरान गैर-मुस्लिमों के खिलाफ लड़ना सिखाता है."
GHHF ने इसी साल फरवरी में एक अन्य लेख में दावा किया कि तमिलनाडु के चेंगलपेट जिले में मछुआरा समुदाय के 57 ईसाई "अपने पैतृक धर्म हिंदू धर्म में वापस आ गए."
GHHF ने कहा "ये 57 लोग नौ परिवारों के थे, उन्हें पहले झूठे बहाने से ईसाई धर्म में परिवर्तित किया गया था. ये लोग करीब एक साल से ईसाई धर्म का पालन कर रहे थे."
हर लेख की समाप्ति डोनेशन की अपील के होती है. दान देने के लिए हार्मनी लेन, फ्रिस्को में स्थित GHHF के ऑफिस को चेक भेजने का विकल्प भी शामिल है.
(साक्षात चंडोक, सप्तर्षि बसाक और प्रणय दत्ता रॉय के इनपुट्स के साथ.)
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