ADVERTISEMENTREMOVE AD

राज्यसभा में विपक्ष को भी खली जेटली, जेठमलानी की कमी

250वें सत्र को यादगार बनाने के लिए जारी किया जायेगा 250 का विशेष सिक्का 

Published
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा

साल 1952 में स्थापित राज्यसभा का सोमवार से ऐतिहासिक 250वां सेशन शुरू हुआ. इस दौरान दिवंगत नेता अरुण जेटली और राम जेठमलानी की कमी सत्ता पक्ष को ही नहीं, बल्कि विपक्ष को भी खली. सदन में इस ऐतिहासिक सत्र को लेकर एक तरफ सदस्यों के चेहरे पर उत्साह दिखा, तो दूसरी ओर इन दोनों को श्रद्धांजलि देने के साथ गम भी झलक रहा था.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

'जेटली का जाना पूरे देश की क्षति'

राज्यसभा सदस्य रहते अरुण जेटली (67) का बीते 24 अगस्त को निधन हो गया था, जबकि राम जेठमलानी (95) का निधन आठ सितंबर को हुआ था.

कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने राज्यसभा में अरुण जेटली को याद करते हुए यहां तक कह दिया कि उनका जाना एक पार्टी के लिए नहीं, बल्कि देश की क्षति है.

“अरुण जेटली एक अच्छे छात्रनेता, अच्छे वक्ता और नेता थे. राजनीतिक कटुता को वह मधुरता में बदलना जानते थे”
गुलाम नबी आजाद
250वें सत्र को यादगार बनाने के लिए जारी किया जायेगा 250 का विशेष सिक्का 
प्रेस से बात करते अरुण जेटली 
(फाइल फोटो: पीटीआई)

अन्य विपक्षी सांसदों ने भी अरुण जेटली को लेकर अपनी यादें साझा कीं. दिवंगत मशहूर वकील और राज्यसभा सदस्य राम जेठमलानी को भी लोगों ने याद किया.

250वें सत्र को यादगार बनाने के लिए जारी होगा विशेष सिक्का

राज्यसभा के इस ऐतिहासिक 250वें सत्र को खास बनाने के लिए कई पहल हुई हैं. दोपहर दो बजे से भारतीय राजव्यवस्था में राज्यसभा की भूमिका और इसमें सुधार के विषय पर विशेष चर्चा होगी. वहीं इस ऐतिहासिक सत्र को यादगार बनाने के लिए ढाई सौ रुपये का विशेष सिक्का भी जारी किया जायेगा.

भारतीय इतिहास में यह पहला मौका होगा, जब 250 रुपये मूल्य वर्ग का स्मारक सिक्का जारी होगा. शुद्ध चांदी में जारी होना वाला यह तीसरा सिक्का होगा. इसके पहले महात्मा गांधी की 150वीं जयंती पर भारत सरकार ने दो अक्टूबर 2019 को 40 ग्राम का 150 रुपये मूल्य वर्ग का शुद्ध चांदी का सिक्का जारी किया था.

साल 1952 से अब तक राज्यसभा के हो चुके 249 सत्रों में कुल 3817 विधेयक पास हुए हैं. वहीं अब तक इस उच्च सदन में 2282 सांसद बने. राज्यसभा में सोमवार को सीटिंग एमपी अरुण जेटली, राम जेठमलानी के अलावा पूर्व सांसद जगन्नाथ मिश्रा, सुखदेव सिंह लिब्रा और गुरुदास दासगुप्ता को भी श्रद्धांजलि दी गई.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
अधिक पढ़ें
×
×