राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद पहली बार राष्ट्रपति भवन पहुंचे तो 21 तोपों की सलामी, सोमवार को मार्शल अर्जन सिंह को राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई के दौरान 17 तोपों की सलामी. आप कई बार सोचते होंगे कि आखिर अलग-अलग मौकों पर तोपों की संख्या अलग क्यों होती है? आज हम आपको बताते हैं इसके पीछे छिपी हैं क्या वजह?
माना जाता रहा है कि इसकी शुरुआत लगभग चौदहवीं शताब्दी में हुई थी. उस समय युद्ध के दौरान तोपों का इस्तेमाल शुरू हुआ था. नौसेना में एक चलन था. हारी हुई सेना से, अपना गोला-बारूद खाली करने की मांग की जाती थी ताकि फिर वो उसका इस्तेमाल ना कर सकें.
जहाजों पर सात तोपें हुआ करती थीं क्योंकि बाइबिल में सात की संख्या को शुभ माना जाता है. समुद्र के जहाज पर रखे गोला-बारूद के मुकाबले जमीन पर ज्यादा बारूद रखा जा सकता था इसलिए जहाज की एक तोप के जवाब में किनारे से तीन तोपें दागी जाती थीं. सात गुणा तीन हुआ 21. इस तरह 21 तोपों की सलामी की शुरुआत हुई. एक तरह से ये युद्ध के बाद शांति का संदेश देने का तरीका था.
भारत में परंपरा
किसे कितनी तोपों की सलामी दी जाएगी इसका एक नियम था. मसलन, ब्रिटिश सम्राट को 101 तोपों की सलामी दी जाती थी जबकि दूसरे राजाओं को 21 या 31 की. लेकिन फिर ब्रिटेन ने तय किया कि अंतर्राष्ट्रीय सलामी 21 तोपों की ही होनी चाहिए. अमेरिका में भी 21 तोपों की सलामी की प्रथा है.
हालांकि भारत में इस परंपरा की शुरुआत ब्रिटिश शासन के दौरान हुई थी और आजादी से पहले यहां राजाओं और जम्मू-कश्मीर जैसी रियासतों के प्रमुखों को 19 या 17 तोपों की सलामी दी जाती थी.
तोपों की सलामी को काफी बड़ा सम्मान समझा जाता है.
किसे कितने तोपों की सलामी?
द बैलेंस के मुताबिक अमेरिका और दूसरे देशों में तोपों की सलामी की संख्या प्रोटोकॉल रैंक पर आधारित होती है. ये सलामी हमेशा आॅड नंबर(21,19,17...) में दी जाती है.
- अमेरिका के उपराष्ट्रपति, सेक्रेटरी डिफेंस, आर्मी, एयरफोर्स और नेवी के प्रमुखों को 19 तोप की सलामी दी जाती है.
- हाई रैंकिंग जनरलों (मरीन कोर के कमांडेंट, नेवल ऑपरेशंस के चीफ और आर्मी और एयरफोर्स के चीफ ऑफ स्टाफ) को 17 तोपों की सलामी देने का चलन है.
- 4-स्टार जनरल और एडमिरल को 17 तोपों की सलामी दी जाती है.
- 3-स्टार जनरल और एडमिरल को 15, 2-स्टार को 13 और 1-स्टार को 11 तोपों की सलामी देने का चलन है.
मार्शल अर्जन सिंह भारतीय वायु सेना के शीर्ष अधिकारी रहे हैं. परंपरा के मुताबिक ही उन्हें 17 तोपों की सलामी दी गई.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)