कश्मीर के युवा सेना अधिकारी लेफ्टिनेंट उमर फयाज की हत्या के मामले जम्मू कश्मीर पुलिस को आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिद्दीन से जुड़े आतंकवादियों पर शक है. पुलिस को आशंका है कि फयाज की हत्या में पुलिसकर्मियों से छीनी गई इंसास राइफल का इस्तेमाल किया गया होगा.
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने गुरुवार को ये भी कहा कि फयाज के शव पर प्रताड़ना का कोई निशान नहीं था. हालांकि, पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार है.
कश्मीर के पुलिस आईजी एसजेएम गिलानी ने कहा-
हमने शुरुआती जांच की है. इस वारदात में शोपियां में सक्रिय हिजबुल मुजाहिद्दीन के एक मॉड्यूल की ओर इशारा करता है.
पुलिस को उस जगह से एक इंसास राइफल और दो खाली कारतूस मिले हैं, जहां फयाज की गोली मार कर हत्या कर दी गई थी.
उन्होंने कहा, ‘‘दक्षिण कश्मीर में हाल ही में हथियार छीनने की दो घटनाएं हुई हैं. हमारे पास इस बारे में सुराग है कि कुलगाम में हथियार छीनने की घटना को लश्कर आतंकवादियों ने अंजाम दिया जबकि शोपियां अदालत परिसर में हथियार छीनने की घटना में हिजबुल आतंकवादी शामिल थे. इसलिए ये उन हथियारों में से एक हो सकता है.’’
गिलानी ने कहा कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार है लेकिन फयाज के शव पर प्रताड़ना का कोई निशान नहीं है. उन्होंने बताया कि शव परीक्षण करने वाले डॉक्टरों और पुलिस को प्रताड़ना का कोई निशान नहीं मिला.
बता दें कि फयाज कश्मीर के बाटापुरा में अपने मामा की बेटी की शादी में शरीक होने गए थे जहां मंगलवार रात करीब 10 बजे आतंकवादियों ने उन्हें अगवा कर लिया था. गोलियों से छलनी उनका शव बुधवार सुबह मिला. कुलगाम के रहने वाले फयाज पिछले साल दिसंबर में सेना में शामिल हुए थे. सेना ने इस बर्बरता भरी आतंकी हरकत को अंजाम देने वालों को सबक सिखाने का फैसला किया है.
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