ADVERTISEMENT

हरियाणा का एक गांव ऐसा जहां 300 सालों से नहीं मनाई गई होली, क्या है वजह?

गांव वालों का कहना है कि कुछ शरारती बच्चों की वजह से यहां का उल्लास खत्म हो गया.

Published
भारत
2 min read
हरियाणा का एक गांव ऐसा जहां 300 सालों से नहीं मनाई गई होली, क्या है वजह?
i

रोज का डोज

निडर, सच्ची, और असरदार खबरों के लिए

By subscribing you agree to our Privacy Policy

जहां एक तरफ देशभर में रंगो का त्योहार होली मनाया जा रहा है वहीं हरियाणा (Haryana) में एक ऐसा गांव है जहां करीब 300 साल से होली नहीं मनाया गया है. हरियाणा के कैथल जिले के गांव दुसेरपुर में लोग 300 साल से होली (Holi) का त्यौहार नहीं मना रहे हैं. होली में जिस वक्त देश भर में रंग और गुलाल खेले जाते हैं, इस गांव का रंग फीका पड़ा होता है. गांव वालों के मुताबिक एक मान्यता है, जिसकी वजह से यहां होली का त्योहार नहीं मनाया जाता.

ADVERTISEMENT
यहां के लोगों का मानना है कि गांव में होली का त्यौहार मनाने से उनके साथ कोई अनहोनी हो जाएगी क्योंकि इस गांव में 300 साल पहले होली के दिन एक साधु ने श्राप दिया था.

क्यों नहीं मनाते होली?

ग्रामीण महेंद्र शर्मा के मुताबिक, 300 साल पहले होली के दौरान खुशी का माहौल था. होलिका दहन की तैयारी हो रही थी. इस दौरान गांव के ही कुछ युवाओं को शरारत सूझी और वे समय से पहले ही होलिका दहन करने लगे.

युवाओं को ऐसा करते देख वहां मौजूद बाबा रामस्नेही ने उन्हें रोकने की कोशिश की लेकिन उन्होंने बाबा के छोटे कद का मजाक उड़ाते हुए समय से पहले ही होलिका दहन कर दिया. इसके बाद बाबा को गुस्सा आया और उन्होंने जलती होली में छलांग लगा दी और होलिका में जलते-जलते बाबा ने ग्रामीणों को श्राप दे दिया.

गांव के सरपंच दर्शन सिंह कहते हैं कि

हमारे गांव में एक छोटे कद के साधु थे. गांव के युवाओं ने साधु के छोटे कद का मजाक उड़ाया था जिस कारण उन्होंने होली में खुद का दहन कर लिया. होली में दहन से पहले गांव वालों ने साधु से दहन की वजह पूछा तो उन्होंने कहा कि आज के बाद गांव में होली तभी मनाना जब किसी होली के दिन गाय को बछड़ा या किसी महिला को लड़का पैदा होगा. उसके बाद से ही हम लोगों ने होली नहीं मनाई.
ADVERTISEMENT

गांव वालों के मुताबिक दहन से पहले लोगों ने साधु से मिन्नतें की थीं कि वो श्राप ना दें लेकिन साधु गांव वालों को श्राप देकर होलिका में समा गए.

बता दें कि इस गांव की कुल आबादी 4500 के करीब है, इस घटना के बाद से ही गांव में होली का त्योहार नहीं मनाया जाता है.

(इनपुट- परवेज खान)

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
अधिक पढ़ें
×
×