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वर्ल्ड कल्चरल फेस्टिवल के समर्थन में उतरे राजनाथ, वेंकैया व फारूक

राजनाथ सिंह के अलावा केंद्रीय मंत्री वैंकेया नायडू और नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने भी किया समर्थन.

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गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने आर्ट ऑफ लिविंग द्वारा राजधानी दिल्ली में यमुना के डूब क्षेत्र में आयोजित किए जा रहे वर्ल्ड कल्चरल फेस्टिवल का समर्थन किया है. राजनाथ ने कहा कि इस समारोह को लेकर किसी भी तरह का कोई विवाद नहीं है.

किसी भी तरह का कोई विवाद नहीं है. श्रीश्री रविशंकर को विवादित मुद्दों को सुलझाने के लिए जाना जाता है.
राजनाथ सिंह, गृहमंत्री

केंद्रीय मंत्री एम. वैंकेया नायडू ने भी वर्ल्ड कल्चरल फेस्टिवल का समर्थन करते हुए इस आयोजन से जुड़े विवादों को खारिज किया. उन्होंने कहा कि इस आयोजन का राजनीतिकरण नहीं किया जाना चाहिए.

उन्होंने सेना द्वारा पीपे के पुल बनाए जाने को लेकर की जा रही आलोचनाओं पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि पिछली सरकारों के दौरान ऐसे कई उदाहरण हैं, जब कुंभ जैसे भारी जनसम्मेलन वाले आयोजनों में सेना की मदद ली गई.

इसके साथ ही जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने भी श्रीश्री के समारोह का समर्थन करते हुए एनजीटी द्वारा लगाए गए जुर्माने का विरोध किया है.

उन्हें (श्रीश्री रविशंकर) जुर्माना क्यों भरना चाहिए? वह तो भारत को प्रमोट करने के लिए यह आयोजन कर रहे हैं.
फारूक अब्दुल्ला, अध्यक्ष, नेशनल कॉन्फ्रेंस

श्रीश्री रविशंकर का आयोजन अपनी तैयारियों की शुरुआत के साथ ही विवादों में घिर गया था. यमुना की तराई वाले इलाके में हो रहे इस आयोजन को नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) ने पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने वाला करार दिया था.

हालांकि, बाद में NGT ने इस समारोह के आयोजन की अनुमति तो दे दी, साथ ही 5 करोड़ का जुर्माना भरने का भी आदेश सुनाया था.

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