महिलाएं जब नौकरी से ब्रेक लेती हैं तो उन्हें ज्यादा परेशानी का सामना करना पड़ता है. दफ्तर की नियमित दिनचर्या के बाद अचानक बचा समय कई बार उनके लिए परेशानी का सबब बन जाता है. बुजुर्गों की देखभाल, मातृत्व अवकाश, पति के ट्रांसफर की वजह से शहर बदलने जैसे कई कारण हैं. लेकिन व्यस्त दिनचर्या की अभ्यस्त महिलाएं घर का काम खत्म होने पर खाली महसूस करती हैं. ब्रेक के बाद कुछ दिन तो सुकून भरे गुजरते हैं.
सुबह की दौड़भाग और डेड लाइन्स के प्रेशर से निजात रहती है. लेकिन समय गुजरने के साथ उनके भीतर पुरानी दिनचर्या में लौटने की छटपटाहट बढ़ती जाती है. मनोवैज्ञानिक काउंसलर डॉ. राधा कहती हैं, घरेलू महिलाओं के मुकाबले कामकाजी महिलाओं के लिए खाली वक्त गुजारना मुश्किल होता है.
कामकाजी महिलाओं के लिए छुट्टियों का मतलब पेंडिंग काम निपटाना. इसलिए अचानक खाली समय उन्हें परेशान कर देता है. उन्हें समझना होगा कि नौकरी से ब्रेक का मतलब प्रोफेशनल जिंदगी को हमेशा के लिए बाय कहना नहीं बल्कि उसे जिंदगी का छोटा सा फेज मानना चाहिए. इस दौरान भी वे उतनी ही व्यवस्थित और सक्रिय रह सकती हैं जितना नौकरी के दौरान रहा करती थीं. ब्रेक के दौरान सहज-सकारात्मक और व्यवस्थित रहने में ये बातें मदद कर सकती हैं-
1. संवारें प्रोफेशनल स्किल्स
2. वर्क फ्रॉम होम
3. संवारें शौक
4. नए दोस्त बनाएं
5. न बिगड़ने दें दिनचर्या
6. धैर्य न खोएं
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