ये बिहार (Bihar) है, ये मुख्यमंत्री नीतीश कुमार हैं और यहां इनकी समाज सुधार यात्रा हो रही है. लेकिन कोरोना की तीसरी लहर omicron के लगातार बढ़ते मामलों के बीच जब बिहार में कोरोना विस्फोट हुआ और महज कुछ घंटों के भीतर NMCH के 150 से ज्यादा डॉक्टर कोरोना पॉजिटिव निकले, पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के घर में मांझी समेत 18 लोगों को कोरोना हो गया, जब हाईकोर्ट के जज, अधिकारी और स्टाफ कोरोना संक्रमित हो गए और जब एक दिन में कोरोना के करीब 350 मामले सामने आने लगे, तब जिले-जिले हजारों की भीड़ जुटाकर समाज सुधार अभियान पर निकले नीतीश कुमार ने इस यात्रा को रद्द करने के सवाल पर कहा कि अभी वैसी स्थिति नहीं है.
इस बयान के कुछ ही देर बाद जब सीएम के जनता दरबार में आये कुछ फरियादी कोरोना संक्रमित निकले तो सीएम को भी थोड़ा-थोड़ा डर का एहसास जरूर हुआ और मुख्यमंत्री ने माना कि स्थिति जरूर है. लेकिन मुख्यमंत्री तो खतरों के खिलाड़ी निकले, मंगलवार शाम को होने वाली क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप की बैठक से पहले ही दोपहर में वो औरंगाबाद में समाज सुधार अभियान पर निकल पड़े. अब सरकार के मुखिया ही ऐसी लापरवाही बरतेंगे तो उस राज्य में कोरोना के बढ़ते मामलों पर हैरानी नहीं जताई जा सकती.
मुख्यमंत्री कह रहे हैं कि कुछ दिनों पहले तक सब कुछ बड़ा सामान्य हो गया था और वो लोग कई तरह के कार्यक्रम कर रहे थे. ऐसा ही एक कार्यक्रम पटना के बापू सभागार में 28 दिसंबर को हुआ. नीतीश कुमार ने इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की 96वें राष्ट्रीय अधिवेशन का शुभारंभ किया जहां देश भर से सैकड़ों की संख्या में डॉक्टर पहुंचे थे.
अब इस अधिवेशन में शामिल होने वाले NMCH के 150 से ज्यादा डॉक्टर और मेडिकल स्टूडेंट्स कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं. इनके अलावा दूसरे सरकारी अस्पतालों में भी कुछ डॉक्टर कोरोना पॉजिटिव हुए हैं, हालांकि उनकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है. सवाल ये भी कि जिस अधिवेशन में शामिल होने वाले पटना के डॉक्टर कोरोना संक्रमित हुए हैं, वहां आने वाले दूसरे राज्यों के डॉक्टरों का क्या हाल है और पटना में हुए इस सुपर स्प्रेडर इवेंट से कोरोना संक्रमण कहाँ तक फैला है?
यूं तो इससे पहले भी दुनिया में कुछ जगहों पर इस तरह के सुपर स्प्रेडर इवेंट हो चुके हैं लेकिन जिस बिहार में कोरोना की दो लहरों के दौरान देश में सबसे ज्यादा डॉक्टरों की मौत हुई हो, उस राज्य में ऐसा आयोजन करना और खुद मुख्यमंत्री का बिना मास्क वहां मौजूद रहना, लापरवाही की इन्तेहाँ है. मीडिया रिपोर्ट्स में आईएमए के अधिकारियों ने माना है कि उस इवेंट के दौरान कोरोना गाइडलाइन्स का पालन नहीं किया गया था.
दूसरी तरफ पटना हाईकोर्ट के कई जजों, अधिकारियों और स्टाफ के कोरोना पॉजिटिव मिलने के बाद हाईकोर्ट ने सभी मामलों की वर्चुअल सुनवाई करने का फैसला लिया है. 2 जनवरी को बिहार में कोरोना के 344 नए केस मिले, जिसके साथ ही अब एक्टिव केसेज की संख्या 1,385 हो चुकी है, जो एक हफ्ते पहले तक 100 से भी कम थी. बेसुध नेताओं और निजाम में हम आपसे इतनी ही गुज़ारिश कहेंगे कि कोरोना प्रोटोकॉल का पालन कीजिए. मास्क लगाइए, सोशल डिस्टेंसिंग मेंटेन कीजिए. जरूरी न हो तो घर से न निकलिए.
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