निर्भया गैंगरेप के दोषियों को 22 जनवरी को फांसी दी जाएगी. दोषियों की क्यूरेटिव पिटीशन को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक फांसी की तैयारी भी शुरू हो गई है. मेरठ से पवन जल्लाद को बुलाया गया है. पवन 20 जनवरी को तिहाड़ जेल पहुंच जाएंगें.
जेल में दोषियों ने जो कमाई की है, उसका आंकड़ा भी सामने आया है. विनय ने जेल में 39000 रुपये की कमाई की है. वो जेल में पेंटिंग का काम करता था. वहीं अक्षय ने 69 हजार रुपये कमाए हैं, जबकि पवन ने 29000 रुपये कमाए हैं. मुकेश ने जेल में कोई काम नहीं किया. जेल प्रशासन के मुताबिक मुकेश, पवन और अक्षय ने 2016 में 10वीं की परीक्षा भी दी, लेकिन तीनों फेल हो गए.
तोड़े जेल के नियम
विनय को जेल के नियमों को तोड़ने के लिए 11 बार सजा मिली है, जबकि अक्षय को एक बार सजा दी गई थी. वहीं मुकेश ने तीन बार और पवन ने आठ बार नियमों को तोड़ा.
पवन जल्लाद को मिलेंगे 15 हजार रुपये
जल्लाज पवन को एक शख्स की फांसी के लिए 15 हजार रुपये मिलेंगे, यानी चारों दोषियों को फांसी देने के लिए 60 हजार रुपये मिलेंगे. जेल के अधिकारियों के मुताबिक, "रस्सियों का बंदोबस्त भी हो चुका है. फांसी दिलवाने के वक्त टीम में जिन अधिकारियों और डॉक्टरों को शामिल होना है, उनके नाम पर भी अंतिम मुहर लगा दी गई है.
21 जनवरी को होगी डमी फांसी
21 जनवरी को दिल्ली की तिहाड़ जेल में पुतलों को लटकार डमी फांसी दी जाएगी. इसके पहले 12 जनवरी को जेल में दोषियों के पुतलों को लटकाकर देखा गया और डमी फांसी दी गई, जिससे की असल फांसी के वक्त कुछ कोई चूक न हो. अधिकारियों ने बताया कि बोरों से शरीर का पुतला बनाया गया और इसमें दोषियों के वजन के मुताबिक मिट्टी और पत्थर भरे गए थे.
दोषियों को आखिरी बार परिवार से मिलने का मौका?
फांसी से पहले दोषियों को उनके परिवार से मिलने का मौका भी मिलेगा. विनय के पिता ने मंगलवार को उससे मुलाकात की थी. दोषियों के परिवार को फांसी की सजा से पहले दो बार मिलने की अनुमति दी गई है. अक्षय के परिवार ने पिछले नवंबर में उससे मुलाकात की थी. फांसी की तारीख की घोषणा के बाद से कोई भी उससे मिलने नहीं आया है.
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