जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में बीती 14 फरवरी को हुए एक आत्मघाती हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए. इस घटना के बाद ही इंडियन एयर फोर्स को तैयारी करने के निर्देश दे दिए गए थे. पुलवामा हमले के 20 दिन बाद मंगलवार तड़के इंडियन एयर फोर्स ने पाकिस्तान के बालाकोट स्थित जैश-ए-मोहम्मद के सबसे बड़े प्रशिक्षण शिविर पर हवाई हमला किया.
एयर फोर्स के इस ऑपरेशन में JeM के बड़ी संख्या में आतंकी, ट्रेनर, सीनियर कमांडर और जिहादियों के समूह को मार गिराया गया. इन्हें फिदायीन हमले के लिए ट्रेंड किया जा रहा था." एयर फोर्स की आतंकी ठिकानों पर हुई इस एयर स्ट्राइक की खूब चर्चा हो रही है. यहां हम आपको बता रहे हैं कि इस ऑपरेशन को लेकर एयर फोर्स की क्या तैयारी थी?
ऑपरेशन बालाकोट को लेकर ये थी IAF की तैयारी
- दर्जनभर मिराज-2000 फाइटर जेट्स ने मध्य प्रदेश के ग्वालियर एयरबेस से पाकिस्तान के बालाकोट के लिए उड़ान भरी
- मिराज-2000 फाइटर जेट लेजर गाइडेड बमों से लैस थे, जो सटीक निशाना लगाने में सक्षम होते हैं
- मिराज-2000 हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइल MICA से भी लैस थे, ताकि जरूरत पड़ने पर पाकिस्तानी लड़ाकू विमानों का मुकाबला किया जा सके
- इसके अलावा आगरा एयरबेस से एक IL-78 विमान ने उड़ान भरी थी. ये विमान उड़ान के दौरान ही आसमान में लड़ाकू विमानों में ईंधन भरने की क्षमता रखता है
- दिल्ली में सुब्रतो पार्क स्थित वेस्टर्न एयर कमांड के हेडक्वार्टर से पूरे ऑपरेशन को कंट्रोल किया जा रहा था
- वेस्टर्न एयर कमांड के कंट्रोल में आने वाले भटिंडा, दिल्ली, आगरा और ग्वालियर एयरबेस अलर्ट पर थे
- अर्ली वॉर्निंग जेट Emb-145 ने भटिंडा से उड़ान भरी, ऑपरेशन के दौरान ये विमान कई घंटों तक हवा में रहा
- मिराज फॉर्मेशन को सपोर्ट देने के लिए कुछ SU-30 MKI फाइटर जेट्स ने भी उड़ान भरी, लेकिन वह ऑपरेशन की प्लानिंग के मुताबिक पीछे ही रहे
- अज्ञात स्थानों से कुछ टोही विमानों ने भी उड़ान भरी, ताकि वह लगातार बॉर्डर के आसपास की गतिविधियों पर नजर रख सकें
- पाकिस्तान ने मिराज-2000 को रोकने के लिए अपने F-16 फाइटर जेट तैयार किए लेकिन तब तक IAF के फाइटर जेट बालाकोट में बम बरसा चुके थे
- पूरा ऑपरेशन करीब 20 मिनट में खत्म हो गया
- पाकिस्तान में रात के समय सटीक बमबारी करना भारतीय वायुसेना के लिए बड़ी उपलब्धि है
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