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‘भारत माता की जय’ न कहने वालों का ‘जय हिंद’ कहना हमारी जीत: जेटली

कांग्रेस पर निशाना साधते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि राष्ट्रवाद के वैचारिक संघर्ष को बीजेपी ने जीता है.

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भारत
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राजधानी नई दिल्ली में दिल्ली भाजपा की कार्यकारिणी की बैठक को संबोधित करते हुए केन्द्रीय मंत्री अरूण जेटली ने शनिवार को कहा कि भाजपा ने राष्ट्रवाद पर वैचारिक संघर्ष का पहला दौर जीत लिया है.

उन्होंने कहा, अब तक जो लोग भारत विरोधी नारे लगाते थे अब अगर भारत माता की जय नहीं तो जय हिंद कहने को तो मजबूर हुए हैं, और यह भाजपा की जीत है.

मामले को थोड़ा और गर्माते हुए जेटली ने कांग्रेस के उपाध्यक्ष राहुल गांधी पर भी निशाना साधा, जिन्होंने जेएनयू में भारत विरोधी नारे लगाए जाने के बाद वहां का दौरा किया था, और कहा, ‘‘कुछ लोग सावरकर के राष्ट्रवाद पर सवाल उठा रहे हैं, जिन्होंने लाखों और करोड़ों देशवासियों को प्रेरित किया. यही लोग अब भारत को तोड़ने की बात करने वाले कार्यक्रमों में भाग ले रहे हैं.’’

यह हमारे लिए एक बड़ी चुनौती है. यह एक बड़ी वैचारिक चुनौती है. हमें इसे वैचारिक संघर्ष मानना चाहिए और मुझे लगता है कि हमने पहला दौर जीत लिया है. अब वह लोग, जो देश के खिलाफ नारे लगा रहे थे, यह कहने लगे हैं कि वह भारत माता की जय नहीं, पर जय हिंद बोलेंगे.

वित्त मंत्री ने बीजेपी कार्यकर्ताओं से कहा, ‘‘कम से कम वह देश के प्रति अपनी आस्था दिखाने के लिए कुछ तो कहने को तैयार हुए. यह आपकी वैचारिक जीत है कि आपने उन्हें यह कहने के लिए मजबूर किया.’’

उन्होंने कहा कि भाजपा की विचारधारा राष्ट्रवाद से प्रेरित है. ‘‘यह अजीब स्थिति है जहां देश को तोड़ने की बात करना अभिव्यक्ति की आजादी माना जाता है. कानून अथवा संविधान कहीं भी इसकी इजाजत नहीं देता. और यह सब देश की राजधानी में हो रहा है.’’

कांग्रेस पर साधा निशाना

मोदी जी ने एक बार कांग्रेस मुक्त भारत का नारा दिया था. कांग्रेस अरुणाचल प्रदेश से पहले ही बाहर हो चुकी है. वह उत्तराखंड में किसी भी दिन अपनी सरकार गंवा सकती है. केरल और असम विधानसभा के आने वाले चुनाव में भी कांग्रेस का सफाया होने के संकेत हैं. भारत के मतदाता मोदीजी के कांग्रेस मुक्त भारत के नारे को हकीकत में बदल देंगे. हम उस दिशा में बढ़ रहे हैं.
अरुण जेटली

उन्होंने कहा कि इन दिनों कांग्रेस का मकसद किसी भी राजनीतिक गठबंधन की पूंछ बनने का है. यह क्रिकेट मैच में 10वें या 11वें नंबर का बल्लेबाज बनने जैसा है. बिहार में वे लालू प्रसाद और नीतीश कुमार से जुड़े. तमिलनाडु में वे द्रमुक से सीटें मांग रहे हैं. कांग्रेस हर गठबंधन की नई पूंछ है.

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