प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मंगलवार को गैंगस्टर इकबाल मिर्ची के रियल एस्टेट कारोबार को संभालने वाले हुमायूं मर्चेट को गिरफ्तार किया है. मिर्ची पाकिस्तान में छिपे बैठे अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम का करीबी था. मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) कोर्ट ने हुमायूं मर्चेंट को 24 अक्टूबर तक ईडी की हिरासत में भेज दिया है.
ईडी ने शनिवार को दीवान हाउसिंग फाइनेंस कॉर्प लिमिटेड (डीएचएफएल) के ऑफिस और इसके प्रमोटरों के घर समेत करीब आठ स्थानों पर छापे मारी की. ये छापेमारी अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम और उसके सहयोगियों के करीबी रहे इकबाल मिर्ची से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में की गई. इससे पहले ईडी ने शुक्रवार को मिर्ची के परिजनों और प्रफुल्ल पटेल से मनी लॉन्ड्रिंग मामले में 12 घंटे से ज्यादा पूछताछ की थी.
ईडी पूर्व केंद्रीय मंत्री और एनसीपी नेता प्रफुल्ल पटेल के साथ दिवंगत इकबाल मिर्ची की कथित लैंड डील की जांच के सिलसिले में विवादित 15 मंजिला सीजे हाउस को कुर्क करने की तैयारी में भी है.
इकबाल मिर्ची की 2013 में लंदन में मौत हो गई थी. एजेंसी को ऐसे दस्तावेज मिले हैं, जिसमें पता चला है कि पटेल और उनकी पत्नी ने कथित रूप से मिर्ची के मालिकाना हक वाली एक जमीन पर 15 मंजिला इमारत का निर्माण किया. इस मामले में 11 अक्टूबर को ईडी ने मिर्ची के दो सहयोगियों हारून यूसुफ और रंजीत सिंह बिंद्रा को गिरफ्तार किया था.
क्या है मामला?
वित्तीय जांच एजेंसी ने मुंबई की एक अदालत को बताया कि डीएचएफएल ने सनब्लिंक रियल एस्टेट प्राइवेट लिमिटेड को तीन प्रॉपर्टी पर 2,186 करोड़ रुपये का लोन दिया गया था. एजेंसी अब लोन से संबंधित डीएचएफएल के कागजातों की जांच कर रही है. ईडी ने जांच के दौरान पाया कि कंपनी ने सनब्लिंक को 2010 में लोन देना शुरू किया था.
ईडी इस बात की जांच कर रहा है कि क्या सनब्लिंक ने नौ साल में इकबाल मिर्ची के खातों में कथित रूप से 2186 करोड़ रुपये विदेशों में भेजे गए. डीएचएफएल का हालांकि कहना है कि वह किसी भी गलत काम में शामिल नहीं रहा.
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