हैदराबाद रेप और मर्डर केस के चारों आरोपियों के एनकाउंटर में मारे जाने का मामला अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच चुका है. सुप्रीम कोर्ट में पुलिसकर्मियों के खिलाफ दो याचिकाएं दायर की गई हैं. पहली याचिका में एनकाउंटर में शामिल पुलिसकर्मियों के खिलाफ एफआईआर की मांग की गई है. याचिका में कहा गया है कि तेलंगाना पुलिस ने सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन का पालन नहीं किया. वहीं दूसरी याचिका में इस एनकाउंटर की जांच के लिए एसआईटी गठित करने की मांग की गई है.
सुप्रीम कोर्ट में वकील जीएस मणि और प्रदीप कुमार ने ये याचिका दायर की है. दोनों ने अपनी याचिका में पुलिस कर्मियों पर एफआईआर और साल 2014 में जारी सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइंस का जिक्र किया है. उनका कहना है कि हैदराबाद में हुए एनकाउंटर में सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन को दरकिनार किया गया.
हैदराबाद एनकाउंटर के खिलाफ दूसरी याचिका एडवोकेट एमएल शर्मा ने दायर की है. जिसमें उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से इस केस की जांच के लिए एसआईटी जांच की मांग की है. इसके अलावा उन्होंने सांसद जया बच्चन और दिल्ली महिला आयोग की चीफ स्वाति मालिवाल के खिलाफ भी एक्शन लेने की मांग की है. बता दें कि जया बच्चन और स्वाति मालिवाल ने इस पुलिस एनकाउंटर पर खुशी जाहिर की थी.
एनकाउंटर पर उठे सवाल
हैदराबाद एनकाउंटर के बाद भले ही कई लोगों ने इसका जश्न मनाया हो और पुलिस की तारीफ की हो, लेकिन कई लोग ऐसे भी थे जिन्होंने इसे बेहद खतरनाक बताया. लोगों का कहना था कि ऐसे एनकाउंटर पर सवाल उठने लाजमी हैं और इसकी जांच होनी चाहिए.
बीजेपी सांसद मेनका गांधी ने भी इस एनकाउंटर को गलत बताया. उन्होंने कहा-
“उन्हें इस जघन्य अपराध के लिए फांसी की सजा मिलनी चाहिए थी. लेकिन आप बंदूक उठाकर किसी को इसलिए नहीं मार सकते हैं क्योंकि आप चाहते हैं. उन्हें कानून के तहत ही सजा मिलनी चाहिए. क्योंकि कानून का प्रोसेस काफी धीमा है तो आप किसी को मार नहीं सकते हैं. जो भी हुआ है वो काफी खतरनाक है.”मेनका गांधी, बीजेपी सांसद
हैदराबाद से AIMIM सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार हर मुठभेड़ की जांच की जानी चाहिए. उन्होंने कहा- "मैं एनकाउंटर के खिलाफ हूं. राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग को इस एनकाउंटर की घटना पर संज्ञान लेना चाहिए."
क्या थी हैदराबाद की घटना?
वेटरनरी डॉक्टर की झुलसी हुई बॉडी हैदराबाद-बेंगलुरु राष्ट्रीय राजमार्ग पर एक पुलिया के पास 28 नवंबर को मिली थी, जो उस टोल प्लाजा से करीब 25 किलोमीटर दूर है, जहां वह आखिरी बार देखी गई थी. जब महिला डॉक्टर (27 नवंबर की शाम) शमशाबाद टोल गेट पर आई और उसने वहां अपनी स्कूटी खड़ी की, तभी नशा करने वाले चारों आरोपियों ने डॉक्टर को देखा. उन्होंने उसी वक्त डॉक्टर का रेप करने का फैसला किया. तभी उन्होंने महिला डॉक्टर की स्कूटी का टायर पंक्चर करने और फिर मदद का दिखावा करने की साजिश रची.
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