बिलिपुरम नागराजू और सैयद अश्रीन सुल्ताना ने यह सोचा था कि वे सुल्ताना के भाई सैयद मोबिन अहमद को अक्टूबर 2021 की शादी की योजनाओं पर सहमत होने के लिए मना सकते हैं. क्विंट को पता चला कि उनकी (नागराजू और सुल्ताना) बात सुनने के बाद मोबिन अहमद ने कथित तौर पर नागराजू का बैकग्राउंड खंगाला था. वो पता लगाना चाहता था कि कि नागराजू दलित और आर्थिक रूप से गरीब है या नहीं?
मोबिन अहमद और उसके रिश्तेदार मोहम्मद मसूद अहमद ने हैदराबाद के सरूरनगर में नागराजू को कथित तौर पर पीट-पीट कर मार डाला था. सुल्ताना उनसे नागराजू को बख्शने की गुहार लगाती रही लेकिन वे नहीं माने. हैदराबाद के व्यस्त ट्रैफिक जंक्शन पर यह हत्या कैमरे में कैद हो गई.
ऐसा माना जाता है कि सुल्ताना का परिवार एक मुस्लिम महिला (सुल्ताना) और एक हिंदू पुरुष नागराजू (माला,अनुसूचित जाति) के बीच शादी का विरोध कर रहा था. 31 जनवरी 2022 को इस जोड़े ने आर्य समाज के एक मंदिर में शादी कर ली.
जान के खतरे की आशंका अक्टूबर 2021 में ही की थी जाहिर
सुल्ताना का परिवार सुल्ताना की शादी के बारे में विचार कर रहा था, लेकिन नागराजू की खातिर सुल्ताना सभी प्रस्तावों को ठुकराती रही. जिस तरह सुल्ताना लगातार रिश्तों को ठुकरा रही थी उसे देखते हुए परिवार को शक होने लगा था, उसी दौरान नागराजू शादी के बारे में मनाने के लिए सुल्ताना की मां नसीमुनिसा से मिलने गया था.
नागराजू ने नसीमुनिसा से कहा कि वह सुल्ताना से शादी करने के लिए इस्लाम धर्म अपनाएगा. लेकिन सुल्ताना की मां इस बात को लेकर अश्वस्त नहीं थी कि मोबिन अहमद इस बात को लेकर सहमत हो जाएगा. सुल्ताना ने क्विंट को बताया कि 'मेरी मां ने मुझसे कहा था कि वह इस बारे में कुछ नहीं कर सकती है. मां ने कहा था कि अगर हम शादी करते हैं, तो मेरा भाई हमें मार देगा.' सुल्ताना के पिता की मौत 2018 में हो गई थी उसके बाद से उसका भाई अहमद ही परिवार चला रहा था.
नागराजू के सिर पर खतरा मंडरा रहा था, लेकिन इससे नागराजू विचलित नहीं हुआ. उसने सुल्ताना के भाई अहमद से भी मुलाकात की थी. अश्रीन सुल्ताना ने बताया कि 'जब नागराजू ने मुलाकात की थी उस समय मेरे परिवार को उसकी जाति के बारे में जानकारी नहीं थी. वे बस इतना जानते थे कि वह हिंदू है, जो अपने आप में एक बड़ी समस्या थी.' हालांकि नागराजू के बैकग्राउंड पर सामान्यत: एक नजर दौड़ाने से आसानी से उसकी जाति की पहचान सामने आ जाएगी.
जब नागराजू और अहमद की मुलाकात हुई तब दोनों ने घंटों तक बात की थी. इस दौरान अहमद को नागराजू की जाति 'स्पष्ट प्रतीत' हो रही थी. सुल्ताना ने उस बात को याद करते हुए बताया कि कैसे उसके घर में उसके परिवारजन नागराजू की जाति के बारे में बात करते हुए माला का उल्लेख कर रहे थे. लेकिन सुल्ताना के नजरिए के अनुसार अहमद इस बात को लेकर ज्यादा गुस्से में था कि वह एक हिंदू से शादी करना चाहती है. अहमद सुल्ताना से नागराजू का नंबर मांग रहा था जब उसने नंबर नहीं दिया तो उसने कथित तौर पर सुल्ताना के साथ मार-पीट की थी.
जिस दौरान ये हो रहा था तब तक नागराजू ने अपने परिवार को इस बारे में बता दिया था कि वह एक मुस्लिम महिला से शादी करना चाहता है और इस शादी के लिए वह इस्लाम अपना सकता है. हालांकि तब उसके परिवार काे यह नहीं पता था कि दुल्हन का घर कहां है और वह रहती कहां है.
जनवरी 2022 में सुल्ताना ने अपना घर छोड़ दिया था और 31 जनवरी को 2022 को नागराजू से शादी कर ली थी. जब सुल्ताना की शादी हुई तब उसने पल्लवी नाम स्वीकार किया था, क्योंकि आर्यसमाज के नियम कायदे इस बात पर जोर देते हैं कि हिन्दू समाज में विवाह करने से पहले गैर-हिंदुओं को हिंदू धर्म अपनाना चाहिए.
हालांकि सुल्ताना के भाई माेबिन अहमद ने हार नहीं मानी थी. अहमद ने और उसके रिश्तेदारों ने फरवरी 2022 में नागराजू के बारे में और ज्यादा जानकारी जुटाने का प्रयास किया था.
मारपल्ली स्थित नागराजू के घर की फरवरी 2022 में हुई रेकी
एक दशक पहले सुल्ताना का परिवार विकाराबाद जिले के गणपुर में रहता था. गणपुर के नजदीक ही मारपल्ली है, जहां नागराजू का परिवार अभी भी रहता है. सुल्ताना की शादी के बाद नागराजू के बारे में पूछताछ करने के लिए मोबिन अहमद मारपल्ली गया था.
अहमद जब वहां गया तो उसने नागराजू के माता-पिता बी श्रीनिवास और अनसूया को मारपल्ली की अंबेडकर कॉलोनी में रहते हुए पाया. उसे पता चला कि नागराजू का परिवार गांव में दो कमरों वाले घर में रहता है, जोकि हैदराबाद से 100 से भी ज्यादा किलोमीटर दूर है. इसके अलावा परिवार के पास खेती के लिए जमीन का छोटा सा टुकड़ा है.
परिवार का भरण-पोषण करने के लिए नागराजू के माता-पिता भी मजदूर के रूप में काम करते थे. पति से अलग होने के बाद उसकी बहन रमादेवी भी परिवार के साथ रह रही है.
पति के निधन के बाद सुल्ताना भी उसी घर में रह रही है. वह बताती है कि 'जब उन्होंने (भाई अहमद और रिश्तेदारों ने) नागराजू के बारे में पूछाताछ की और उसके बैकग्राउंड के बारे में जानकारी जुटाई. तब वे नागराजू की जाति के बारे में अच्छी तरह वाकिफ थे.'
मारपल्ली के रहवासियों ने क्विंट को बताया कि उन्हें पता था कि नागराजू के बारे में “कुछ लोग” पूछताछ कर रहे हैं और उसके घर आ रहे हैं. लेकिन इस पर किसी ने कुछ ज्यादा सोच-विचार नहीं किया.
नागराजू के एक रिश्तेदार बी रमेश ने कहा कि 'इस कॉलोनी के नजदीक मुस्लिम पड़ोसी हैं. हमें इस तरह की पूछताछ पर इसलिए संदेह नहीं हुआ, क्योंकि यहां कोई सांप्रदायिक तनाव नहीं है.'
एक पड़ोसी ने कहा कि मारपल्ली में नागराजू का घर सबसे गरीब घरों में से एक है. बी राकेश जिन्होंने अपनी पहचान नागराजू के पड़ोसी और रिश्तेदार के तौर पर बताई, उन्होंने जोर देकर कहा कि 'चूंकि सुल्ताना का परिवार भी आर्थिक तंगी से जूझ रहा है, सुल्ताना के घर का खर्च उसका भाई मोबिन अहमद चला रहा है जोकि एक फल विक्रेता है, ऐसे में हो सकता है नागराजू की पिछड़ी सामाजिक-आर्थिक पृष्ठभूमि ने इस मामले में आरोपी को प्रोत्साहित किया हो.'
राकेश ने बताया कि 'लंबे समय से नागराजू का परिवार गुजारा करने के लिए संघर्ष कर रहा है. नागराजू की आय (इनकम) ही थी जिसकी वजह से परिवार का गुजारा हो रहा था.' नागराजू की मौत के बाद तेलंगाना राष्ट्र समिति (TRS) और भारतीय जनता पार्टी (BJP) सहित कई राजनीतिक दलों ने परिवार के एक सदस्य को नौकरी देने का वादा किया है.
'पूर्व नियोजित मर्डर'
हैदराबाद पुलिस के अनुसार हत्या पूर्व नियोजित थी.
हत्या से पहले आरोपी एक महीने तक नागराजू का पीछा करता रहा. सुल्ताना ने बताया कि 'मुझे याद है कि नागराजू ने मरने से एक हफ्ते पहले मुझे बताया था कि जिस कार शोरूम में वह काम करता है वहां पर उसने किसी ऐसे व्यक्ति को देखा था जो मेरे जीजा जैसा दिखता है. मैंने उससे कहा कि हो सकता है तुम्हें कोई गलतफहमी हुई हो, लेकिन अब ऐसा लगता है जैसे कि वे नागराजू का पीछा कर रहे थे.' सुल्ताना का जीजा मोहम्मद मसूद अहमद इस मामले में दूसरा आरोपी है.
सुल्ताना का कहना है कि वह नागराजू के घर में ही रहेगी. सुल्ताना के अनुसार 'यह वही घर है जहां राजू बचपन से रहा है. मैं यहां उसकी मौजूदगी महसूस करती हूं. मैं यहीं रहूंगी. सबके लिए राजू मर चुका है लेकिन मेरे लिए राजू अब भी मेरे दिल में रहता है. जब तक मैं मरूंगी नहीं तब तक वह मेरे साथ रहेगा.'
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