यूनिवर्सिटी ऑफ हैदराबाद (University of Hyderabad) में छात्र संघ अध्यक्ष अतीक अहमद समेत पांच छात्रों को निलंबित कर दिया गया है. जिसके बाद यूनिवर्सिटी में विरोध प्रदर्शन का दौर जारी है. यूनिवर्सिटी प्रशासन ने निलंबित छात्रों को 1 जुलाई तक अपना हॉस्टल खाली करने, 10 हजार रुपये का जुर्माना भरने का आदेश दिया है. साथ ही उनके कैंपस में प्रवेश पर भी 1 जुलाई 2024 के बाद से रोक लगा दी गई है.
क्या है पूरा मामला?
दरअसल, इन छात्रों पर वाइस चांसलर के आवास पर जाकर हमला और नारेबाजी करने का आरोप है. ये पूरा माजरा तब शुरू हुआ जब एक वार्षिक उत्सव या कहें सांस्कृतिक महोत्सव 'सुकून' को आयोजित कराने की अनुमति यूनिवर्सिटी प्रशासन ने छात्रों को नहीं दी.
छात्र संघ के अध्यक्ष अतीकुर अहमद ने क्विंट हिंदी से बातचीत में कहा, "अप्रैल में सुकून फेस्टिवल होने वाला था लेकिन प्रशासन ने उसकी तारीख को आगे बढ़ाने के लिए कहा. फिर छात्र संघ ने इसे मई में कराने का फैसला किया. लेकिन यूनिवर्सिटी ने कार्यक्रम कराने की अनुमति नहीं दी. लंबे समय से हमें सुना नहीं जा रहा था इसलिए हमने 17 मई को वाइस चांसलर से मिलने का तय किया. लेकिन एडमिन वालों ने हमें कहा कि वीसी ने कार्यक्रम की अनुमति नहीं दी है. हमने जोर दिया कि हम वाइस चांसलर से मिलना चाहते हैं."
अतीक ने आगे कहा,
"हमें कार्यक्रम की अनुमति नहीं दी जाने के पीछे कोई कारण भी नहीं बताया जा रहा था. हमें भी आगे छात्रों को बताना था कि कार्यक्रम क्यों नहीं हो रहा है. इसलिए हमने वीसी से फिर मुलाकात करने का मन बनाया. हम 17 मई की रात वीसी के लॉज के पास पहुंचे. जब उनकी तरफ से कोई जवाब नहीं आया तो हम वहीं बाहर धरने पर बैठ गए जो की शांतिपूर्ण तरीके से हुआ. बिना नारेबाजी या तोड़फोड़ के. सुबह तक हमें जवाब नहीं मिला. वहीं सुबह यूनिवर्सिटी ने पुलिस बुला कर हमें बाहर निकलवाया. फिर ये पूरा मामला प्रॉक्टर के पास गया तो उन्होंने वीसी लॉज के बाहर हुए विरोध को लेकर कार्रवाई की. उन्होंने हमारी एक नहीं सुनी और पांच छात्रों को निलंबित करने का फैसला लिया."
सस्पेंशन लेटर में क्या लिखा है?
सस्पेंशन लेटर के मुताबिक, अतीक समेत पांचों छात्रों को 1 जुलाई तक हॉस्टल खाली करने को कहा गया है, उन्हें 10 हजार रुपये का जुर्माना देना होगा और उन्हें कैंपसे में भी घुसने नहीं दिया जाएगा.
अतीक ने कहा, "यूनिवर्सिटी को लगता है कि ये मामला कुछ ही छात्रों का है इससे छात्र संघ का कोई लेना देना नहीं है. अब आप ही बताइए जब मैं (छात्र संघ का अध्यक्ष) वहां मौजूद था तो ये मामला छात्र संघ का ही हुआ न?"
इस सस्पेंशन से हमारा भविष्य खतरे में पड़ गया है, मेरी फेलोशिप जारी है उसका क्या होगा. हममें से दो छात्रों का पीएचडी जारी है, सस्पेंशन की वजह से उनका पीएचडी खत्म हो जाएगा. हमें निशाना बनाया जा रहा है. रोहित वेमुला जैसा ही कुछ वापस दोहराया जा रहा है. रोहित को भी इसी तरह भेदभाव के आधार पर संस्पेंड किया और फिर सबको पता है क्या हुआ."अतीक अहमद, छात्र संघ, अध्यक्ष
छात्र संघ के अध्यक्ष अतीक ने मांग की कि छात्रों का सस्पेंशन रद्द किया जाना चाहिए और किसी छात्र से जुर्माना नहीं वसूला जाना चाहिए.
रोहित वेमुला का सस्पेंशन और सुसाइ़ड से मौत
बता दें कि 26 वर्षीय दलित छात्र रोहित वेमुला ने 17 जनवरी 2016 को युनिवर्सिटी के होस्टल के एक कमरे में फांसी लगाकर अपनी जान दे दी थी. रोहित हैदराबाद युनिवर्सिटी में आंबेडकर स्टूडेंट्स असोसिएशन के सदस्य थे. रोहित भी छात्र राजनीति में सक्रिय थे. 2015 में उन पर एबीवीपी के छात्रों पर हमले का आरोप लगाते हुए उन्हें निलंबित कर दिया था. साथ ही रोहित वेमुला की फेलोशिप के पैसे भी रोक दिए गए थे. इसके बाद जनवरी 2016 में उनकी आत्महत्या से मौत की खबर सामने आई थी. मौत से पहले रोहित वेमुला और उनके चार दोस्तों को यूनिवर्सिटी ने हॉस्टल से निकाल दिया था.
बता दें कि रोहित वेमुला के सस्पेंशन को लेकर सिकंदराबाद से बीजेपी सांसद बंडारू दत्तात्रेय और तत्कालीन मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति इरानी पर भी आरोप लगे थे. आरोप लगे थे कि दत्तात्रेय के पत्र के बाद मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने यूनिवर्सिटी को एक पैनल गठित करने का आदेश दिया, जिसने रोहित वेमुला और बाकी छात्रों को निलंबित करने का फैसला किया गया.
यूनिवर्सिटी प्रशासन का क्या कहना है?
हैदराबाद विश्वविद्यालय प्रशासन ने मई में एक आदेश जारी कर छात्र संघ को सूचित किया था कि जब विश्वविद्यालय शैक्षणिक सत्र (अगस्त में) के लिए खुला हो तो सुकून-2024 (जो पहले छुट्टियों की अवधि के दौरान प्रस्तावित था) आयोजित करें, छुट्टियों के दौरान नहीं. यूओएच ने
5 छात्रों के खिलाफ FIR दर्ज
छात्र संघ के सदस्य समेत 5 छात्रों के खिलाफ यूनिवर्सिटी के अधिकारियों ने FIR भी दर्ज कराई है और ट्रेसपास (किसी के आवास पर बिना अनुमति के प्रवेश) करने का आरोप लगाया है.
FIR के अनुसार:
"यूनिवर्सिटी ने मई 2024 के महीने में प्रस्तावित कार्यक्रम आयोजित करने की अनुमति नहीं दी, और उन्हें कार्यक्रम आयोजित करने की सलाह अगले सेमेस्टर के लिए दी. लेकिन 17 मई की देर रात लगभग 1 बजे अचानक छात्रसंघ अध्यक्ष अतीक अहमद के नेतृत्व में छात्रों के एक समूह ने वाइस चांसलर के आवास पर घुसकर हमला कर दिया और जोरदार नारेबाजी कर विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया, नारेबाजी जोर जोर से हो रही थी जिससे आसापस निवासियों को परेशानी हुई. छात्रों ने वीसी के आवास के एंट्री गेट पर कब्जा कर वीसी और उनके परिजनों को लगभग नजरबंद कर दिया है. इनका धरना सुबह तक जारी रहा. इसमें अतीक अहमद, कृपा मारिया जॉर्ज, जी मोहित, सोहेल अहमद, और असिका वीएम मौजद थे."
यूनिवर्सिटी ने अपनी शिकायत में छात्रों के खिलाफ कानून के अनुसार तत्काल कार्रवाई करने और वीसी के आवास की सुरक्षा प्रदान करने का अनुरोध किया है.
यूनिवर्सिटी प्रशासन के एक अधिकारी के मुताबिक छात्र संघ की याचिका 28 जून को विश्वविद्यालय की कार्यकारी परिषद की बैठक में रखा जाएगा.
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