बालाकोट एयरस्ट्राइक के बाद अपने Mi-17 चॉपर को मार गिराने के मामले में वायुसेना ने छह अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की है. दो अधिकारियों को कोर्ट मार्शल का सामना करना पड़ेगा, जबकि अन्य चार अधिकारियों को मामले में प्रशासनिक कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा. प्रशासनिक कार्रवाई का सामना करने वाले चार अधिकारियों में से दो एयर कमोडोर (आर्मी ब्रिगेडियर के बराबर) और दो फ्लाइट लेफ्टिनेंट (सेना में कैप्टन के बराबर) हैं.
डिफेंस सूत्रों ने न्यूज एजेंसी ANI को बताया, "गंभीर लापरवाही बरतने के लिए एक ग्रुप कैप्टन और एक विंग कमांडर समेत दो अधिकारियों के खिलाफ कोर्ट मार्शल की कार्रवाई की जाएगी, जिनकी वजह से वायुसेना के छह जवान मारे गए थे."
जब भारत ने अपना ही चॉपर मार गिराया...
14 फरवरी को हुए पुलवामा हमले के जवाब में 26 फरवरी को भारत ने बालाकोट में जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी कैंप पर हमला किया था. इसके अगले दिन 27 फरवरी की सुबह पाकिस्तान ने बालाकोट हवाई हमले को लेकर जवाबी हमला किया.
इसी दौरान वायुसेना का Mi-17 हेलिकॉप्टर श्रीनगर के पास बडगाम में दुर्घटनाग्रस्त हो गया था.
तब वायुसेना ने इसे क्रैश बताया था. लेकिन बाद में पता चला कि मिसाइल हिट होने के चलते चॉपर क्रैश हुआ था. कोर्ट ऑफ इंक्वायरी के बाद बताया गया कि एयरफोर्स ने गलती से अपने ही चॉपर को मिसाइल से हिट कर दिया था.
एयरफोर्स चीफ भदौरिया ने 4 अक्टूबर को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “कोर्ट ऑफ इंक्वायरी पूरी हो चुकी है. यह हमारी ही गलती थी, हमारी मिसाइल ने अपने ही चॉपर को हिट कर दिया. जिसके बाद हमने दो अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की. हम मानते हैं कि ये हमारी एक बड़ी गलती थी और भविष्य में ऐसी गलती दोबारा नहीं होने का भरोसा दिलाते हैं.”
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